रिपोर्टर-दिलशाद अहमद, गोरखपुर
*डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रती महिलाएं
महापर्व छठ पर सजाए गए घाट, सभी तैयारियां पूरी, प्रशासन रहीं मुस्तैद**
शाम को छठ पर व्रती महिलाएं डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। इसके लिए घाटों को सजाया गया है। इन घाटों पर पूजा के लिए सभी तरह की तैयारियां पूरी कर ली गईं थी। पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद रहीं। सूर्य उपासना के महापर्व के चार दिनों के दौरान भगवान सूर्य और उनकी बहन मां उषा की पूजा-अर्चना की जाती है।
व्रतियों ने पूजा के दूसरे दिन (खरना को) गुड़ और अन्न से बनी सामग्री को खाकर अपने 36 घंटे के निराजल व्रत का शुभारंभ किया। रविवार को तीसरे दिन व्रती सुबह से ही ठेकुआ और अन्य प्रसाद बनाया। शाम को पूजन सामग्री में फल, फूल, ठेकुआ, चावल का लड्डू, गन्ना, मूली और कंदमूल को सूप में और फल व अन्य सामग्रियों को दउरा में रखकर घाटों पर पहुचगयी। पूजा करते हुए डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर। सूर्य के डूबने के बाद दीप जलाकर घर लौट गयी। अगले दिन सुबह अर्घ्य की तैयारियों में जुट जाएंगी। सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर समापन होगा।
छठ पर्व के तीसरे दिन रविवार को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया गया। इसलिए अधिकतर लोगों ने शनिवार को ही पूजा से संबंधित सामानों की खरीदारी कर ली। नगर के मुख्य चौराहो पर खरीदारी के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। महिलाएं हों या पुरुष सभी ने उत्साह के साथ पूजन सामग्री और अन्य सामान खरीदा पूरे जिला मुख्यालय समेत सभी ग्राम पंचायत एवं कस्बो में भी छठ पूजा की गई। सोमवार को सुबह से ही महिलाएं सूर्य देवता को अध्य देने के लिए घाटो पर पहुँच कर व्यस्त रहीं। ग्राम जंगलधूषण के प्रधान राजेंद्र निषाद तथा उनके सहयोगी राजनारायण शर्मा, केशव, गब्बर, और भी सहयोगीयो ने अपना सहयोग दिया।
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