करोड़ों की ठगी करने वाला पीएसीएल का निदेशक कानपुर में गिरफ्तार
हरबंशमोहाल पुलिस ने कम समय में रकम दोगुनी करने का झांसा देकर कानपुर समेत देश के कई राज्यों में करोड़ों की ठगी करने वाले पीयर्स एलाइड कार्पोरेशन लिमिटेड (पीएसीएल) के निदेशक आलोक त्रिपाठी को ग्वालटोली में छापेमारी करके गिरफ्तार कर लिया। नटवरलाल आलोक के खिलाफ कानपुर समेत दो दजर्न जिलों के साथ ही पांच राज्यों में धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं। करोड़ों रुपए लूटने वाली कंपनी की सेबी और ईओडब्ल्यू भी जांच कर रही है। मूलरूप से चौबेपुर के गौरी भगवंतपुर निवासी आलोक 2016 से कंपनी बंदकर फरार चल रहा था।
कलक्टरगंज सीओ श्वेता यादव ने बुधवार को हरबंशमोहाल थाने में प्रेसवार्ता करके ठग की गिरफ्तारी का खुलासा किया। सीओ ने बताया कि आलोक त्रिपाठी ने अपने छोटे भाई आशीष और चाचा विष्णुकांत के साथ मिलकर पीयर्स इंडिया कारपोरेशन लिमिटेड कंपनी बनाई। इसके साथ ही आलोक ने दो और कंपनियां पीएसीएल और पीयर्स क्रेडिट सोसायटी लि. नाम से कंपनी बनाई। इनका दफ्तर कानपुर के सिटी सेंटर और ग्लोबस के साथ ही दिल्ली, उदयपुर राजस्थान, गुजरात, बनारस, चंदौली, मुरादाबाद, फतेहपुर, बदायूं समेत अन्य जगह खोला। लोगों से कम समय में रकम दोगुनी करने और प्लाट देने का झांसा देकर देशभर में हजारों लोगों से करोड़ों रुपए अपने एजेंटों को मोटा कमीशन देकर जमा करा लिया। इसके बाद 2016 में कंपनी के सभी दफ्तरों में एक साथ ताला बंद करके आशीष के साथ ही कंपनी के सभी पदाधिकारी फरार हो गए। निवेशकों ने कंपनी के खिलाफ मामले में हरबंशमोहाल, घाटमपुर थाने के साथ ही लखनऊ की आलमबाग, राजस्थान के चित्तौड़गढ़ थाने के साथ ही देशभर में दो दर्जन से अधिक एफआईआर दर्ज कराई थी। सिर्फ हरबंशमोहाल थाने में ही तीन एफआईआर में करीब
हरबंशमोहाल पुलिस ने कम समय में रकम दोगुनी करने का झांसा देकर कानपुर समेत देश के कई राज्यों में करोड़ों की ठगी करने वाले पीयर्स एलाइड कार्पोरेशन लिमिटेड (पीएसीएल) के निदेशक आलोक त्रिपाठी को ग्वालटोली में छापेमारी करके गिरफ्तार कर लिया। नटवरलाल आलोक के खिलाफ कानपुर समेत दो दजर्न जिलों के साथ ही पांच राज्यों में धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं। करोड़ों रुपए लूटने वाली कंपनी की सेबी और ईओडब्ल्यू भी जांच कर रही है। मूलरूप से चौबेपुर के गौरी भगवंतपुर निवासी आलोक 2016 से कंपनी बंदकर फरार चल रहा था।
कलक्टरगंज सीओ श्वेता यादव ने बुधवार को हरबंशमोहाल थाने में प्रेसवार्ता करके ठग की गिरफ्तारी का खुलासा किया। सीओ ने बताया कि आलोक त्रिपाठी ने अपने छोटे भाई आशीष और चाचा विष्णुकांत के साथ मिलकर पीयर्स इंडिया कारपोरेशन लिमिटेड कंपनी बनाई। इसके साथ ही आलोक ने दो और कंपनियां पीएसीएल और पीयर्स क्रेडिट सोसायटी लि. नाम से कंपनी बनाई। इनका दफ्तर कानपुर के सिटी सेंटर और ग्लोबस के साथ ही दिल्ली, उदयपुर राजस्थान, गुजरात, बनारस, चंदौली, मुरादाबाद, फतेहपुर, बदायूं समेत अन्य जगह खोला। लोगों से कम समय में रकम दोगुनी करने और प्लाट देने का झांसा देकर देशभर में हजारों लोगों से करोड़ों रुपए अपने एजेंटों को मोटा कमीशन देकर जमा करा लिया। इसके बाद 2016 में कंपनी के सभी दफ्तरों में एक साथ ताला बंद करके आशीष के साथ ही कंपनी के सभी पदाधिकारी फरार हो गए। निवेशकों ने कंपनी के खिलाफ मामले में हरबंशमोहाल, घाटमपुर थाने के साथ ही लखनऊ की आलमबाग, राजस्थान के चित्तौड़गढ़ थाने के साथ ही देशभर में दो दर्जन से अधिक एफआईआर दर्ज कराई थी। सिर्फ हरबंशमोहाल थाने में ही तीन एफआईआर में करीब
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