श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण-भाद्रपद मास की तैयारियां शुरू, नई चांदी की पालकी में नगर भ्रमण पर निकलेंगे बाबा महाकाल पहली सवारी*
उज्जैन। श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण-भाद्रपद मास की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस बार भगवान महाकाल चांदी की नई पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण करेंगे। यह पालकी एक वर्ष पहले भिलाई के एक भक्त ने गुप्त दान में दी थी।
पिछले वर्ष की पालकी को पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों ने अनफिट घोषित किया था। इसके बाद मंदिर समिति ने नवंबर 2024 में गुप्त दान में मिली नई पालकी के उपयोग का निर्णय लिया। नई पालकी उज्जैन में 100 दिनों में तैयार की गई है। इसमें सागौन की लकड़ी और स्टील के पाइप का उपयोग किया गया है। पालकी पर करीब 20 किलो 600 ग्राम चांदी का आवरण है।
100 किलो बजनी पालकी की लंबाई 17 फीट है। यह तीन फीट चौड़ी और पांच फीट लंबी है। पालकी को उठाने वाले हत्थे पर सिंह मुख की आकृति बनाई गई है। चांदी के आवरण पर सूर्य, स्वास्तिक, कमल पुष्प और दो शेरों की नक्काशी की गई है।
श्रावण-भाद्रपद मास में छह सवारियां निकलेंगी। पहली सवारी 14 जुलाई को होगी। इसके बाद 21 जुलाई, 28 जुलाई, 4 अगस्त, 11 अगस्त और अंतिम राजसी सवारी 18 अगस्त को निकलेगी। मंदिर प्रशासन ने दर्शन व्यवस्था और सवारी की तैयारियां शुरू कर दी है
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