*शाह समाज की नई सोच...RSS केंद्रीय अधिकारी इंद्रेश कुमार के नेतृत्व में 265 वर्षों की गुलामी की मानसिकता से बाहर निकल कर विकास का नया अध्याय लिख रहा सूफीशाह-मलंग (फकीर)समुदाय!*
RSS केंद्रीय अधिकारी इंद्रेश कुमार के नाम इतिहास के पन्नों में एक और नया अध्याय लिख गया है। हिन्दुस्तान का सबसे बड़ा मुस्लिम राष्ट्रवादी संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के बतौर मार्गदर्शक उन्होंने भारतीय मुसलामानों में अपने विचार रखे। इन विचारों के साथ ही उन्होंने एक नया कीर्तिमान रच दिया। वह अब तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सबसे पहले पदाधिकारी है जिन्होंने हिन्दुस्तानी मुसलामानों के बीच लोकप्रियता हासिल की l इंद्रेश कुमार ने मात्र एक दशक में उस मुकाम को छू लिया है जिसे आज तक बड़े बडे मुस्लिम धर्मगुरुओं और मौलानाओ ने भी
हासिल नहीं कर सके।
इतिहास नहीं, भविष्य का घोषणापत्र हैं इंद्रेश कुमार, हर भाषण किसी इतिहास के दस्तावेज से कम नहीं
इंद्रेश जी द्वारा हिन्दुस्तानी मुसलामानों को संबोधित करने का यह आंकड़ा इतिहास की दृष्टि से भले ही एक रिकॉर्ड हो, पर असल मायनों में यह भविष्य का घोषणा पत्र है। जिसमें राष्ट्र प्रेम की भावना के साथ अकेले नहीं होते उनके पीछे खड़ा होता है राष्ट्रवादी भारतीय मुसलामानों का सपना, इतिहास, संस्कृति और संकल्प। यही कारण है कि उनके भाषण भारत की आत्मा की अनुगूंज होते हैं। यह दर्शाता है कि हिन्दुस्तानी मुसलामान अब मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के माध्यम से सहभागी नहीं बल्कि निर्णायक भूमिका में भी हैं। इंद्रेश जी का हर भाषण किसी इतिहास के दस्तावेज से कम नहीं रहा। उन्होंने भारतीय समुदाय को उसकी जड़ों से जोड़ने उसकी परंपराओं, विविधता, विकास और विश्वव्यापी सहयोग की अद्वितीय कहानी सुनाई।
मुस्लिम सूफीशाह-मलंग ( फकीर ) समुदाय में इंद्रेश कुमार जी की "लोकप्रियता"
इंद्रेश कुमार जी जब भारतीय मूल इस्लामिक प्रवाह वाले मुस्लिम सूफीशाह-मलंग ( फकीर ) समुदाय में पहुंचे तो वहां के धर्मगुरु मलंगो ने उनका जिस तरीके से स्वागत किया वह आरएसएस और मुस्लिम फकीर समुदाय के संबंधों का नया अध्याय लिखे जाने का सीधा संकेत है। शाह समाज ने उन्हें अपने सर्वोच्च नारे "दम मदार बेड़ा पार" से नवाजा। इस समुदाय ने आज तक इतना सम्मान किसी भी राजनीतिक या संगठन सदर अथवा राजा महाराजाओं को नहीं दिया। शाह समाज ने अपने और भारत के साझा ऐतिहासिक संघर्षों को याद कराते हुए कहा, ‘हमने मुग़लों और अंग्रेजो के खिलाफ लड़ाई लड़ी है और अब हम सामाजिक न्याय के लिए एक साथ खड़े हैं।’ इंद्रेश जी ने विश्वास दिलाया उनका यह संदेश केवल एक समाज के लिए नहीं है बल्कि सम्पूर्ण भारतीय समुदाय के लिए एक बुलंद आवाज है कि हर समाज उनके साथ मजबूती से खड़ा है।
(भारतीय मुस्लिम समाज राजनीतिक, आध्यात्मिक और सामाजिक मुद्दों पर गहरी पकड़: ताहिर शाह)
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