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शीत लहर से हालात हुए गम्भीर
बाराबंकी :- शीत लहर के साथ बूंदाबांदी से ठंड एक बार फिर लौट आई। न्यूनतम तापमान सात डिग्री व अधिकतम 21 डिग्री सेल्सियस रहा। लोग ठंड से निजात पाने की जुगत करते दिखे। आर्थिक रूप से कमजोर तबके के परिवारों की महिलाओं व बच्चों को ठंड से राहत के लिए पेड़ों के नीचे से लकड़ियां व पत्तियां बीनकर लाते हुए देखा गया। वहीं किसान अधिक बारिश की आशंका से परेशान दिखे। अधिक बारिश हुई तो खेतों में तैयार हो चुका आलू सड़ सकता है। हालांकि हल्की बारिश गेहूं की फसल के लिए फायदेमंद बताई जा रही है।
मंगलवार को सुबह से ही सर्द हवाओं के साथ आसमान में बादल छाए रहे। सुबह साढ़े आठ बजे हल्की बूंदाबांदी हुई तो ऐसा लगा कि दोपहर तक तेज बारिश होगी। दोपहर में हवा और तेज हो गई। आसमान में बादल घुमड़-घुमड़ कर डराते रहे। ठंड का असर यह रहा कि दोपहर में भी लोग अलाव के आसपास बैठे दिखाई पड़े।
फसलों में सरसों की अगेती फसल तो तैयार हो गई है मगर राई सरसों में अभी फूल भी हैं और हवा के साथ बारिश होने पर उसके गिरने की आशंका से किसान चिंतित हैं।
ग्राम बरेहटा के किसान रामदास का कहना है कि हल्की बारिश हो जाए तो गेहूं, चना, मटर व मसूर की फसल को फायदा होगा लेकिन तेज बारिश हुई तो खेतों में तैयार आलू सड़ सकता है।
''ठंड के साथ ही बारिश होने से गेहूं की फसल को बहुत लाभ होगा। ठंड न बढ़ी तो गेहूं की फसल अच्छी नहीं होगी। अन्य फसलों को भी बारिश हल्की बारिश से लाभ मिलेगा।''
प्रीति किरण बाजपेई, कृषि रक्षा अधिकारी
''शीत लहर के ²ष्टिगत अलाव व रैन बसेरा की व्यवस्था दुरुस्त करा दी गई है। प्रमुख सार्वजनिक स्थानों के अलाव में पर्याप्त लकड़ी डालने को कहा गया है ताकि लोगों को देर रात तक ठंड से राहत मिल सके।''
अजय कुमार द्विवेदी, एसडीएम नवाबगंज बाराबंकी
बाराबंकी से मोहित वर्मा ब्यूरो चीफ की खाश रिपोर्ट
शीत लहर से हालात हुए गम्भीर
बाराबंकी :- शीत लहर के साथ बूंदाबांदी से ठंड एक बार फिर लौट आई। न्यूनतम तापमान सात डिग्री व अधिकतम 21 डिग्री सेल्सियस रहा। लोग ठंड से निजात पाने की जुगत करते दिखे। आर्थिक रूप से कमजोर तबके के परिवारों की महिलाओं व बच्चों को ठंड से राहत के लिए पेड़ों के नीचे से लकड़ियां व पत्तियां बीनकर लाते हुए देखा गया। वहीं किसान अधिक बारिश की आशंका से परेशान दिखे। अधिक बारिश हुई तो खेतों में तैयार हो चुका आलू सड़ सकता है। हालांकि हल्की बारिश गेहूं की फसल के लिए फायदेमंद बताई जा रही है।
मंगलवार को सुबह से ही सर्द हवाओं के साथ आसमान में बादल छाए रहे। सुबह साढ़े आठ बजे हल्की बूंदाबांदी हुई तो ऐसा लगा कि दोपहर तक तेज बारिश होगी। दोपहर में हवा और तेज हो गई। आसमान में बादल घुमड़-घुमड़ कर डराते रहे। ठंड का असर यह रहा कि दोपहर में भी लोग अलाव के आसपास बैठे दिखाई पड़े।
फसलों में सरसों की अगेती फसल तो तैयार हो गई है मगर राई सरसों में अभी फूल भी हैं और हवा के साथ बारिश होने पर उसके गिरने की आशंका से किसान चिंतित हैं।
ग्राम बरेहटा के किसान रामदास का कहना है कि हल्की बारिश हो जाए तो गेहूं, चना, मटर व मसूर की फसल को फायदा होगा लेकिन तेज बारिश हुई तो खेतों में तैयार आलू सड़ सकता है।
''ठंड के साथ ही बारिश होने से गेहूं की फसल को बहुत लाभ होगा। ठंड न बढ़ी तो गेहूं की फसल अच्छी नहीं होगी। अन्य फसलों को भी बारिश हल्की बारिश से लाभ मिलेगा।''
प्रीति किरण बाजपेई, कृषि रक्षा अधिकारी
''शीत लहर के ²ष्टिगत अलाव व रैन बसेरा की व्यवस्था दुरुस्त करा दी गई है। प्रमुख सार्वजनिक स्थानों के अलाव में पर्याप्त लकड़ी डालने को कहा गया है ताकि लोगों को देर रात तक ठंड से राहत मिल सके।''
अजय कुमार द्विवेदी, एसडीएम नवाबगंज बाराबंकी
बाराबंकी से मोहित वर्मा ब्यूरो चीफ की खाश रिपोर्ट

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