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बाराबंकी :- अलियाबाद क्षेत्र के गांवों में अवैध कच्ची शराब का धंधा कुटीर उद्योग के रूप में फलफूल रहा है। 12 ऐसे गांव हैं, जहां प्रतिदिन कच्ची शराब बनाने की भट्ठियां धधकती रहती हैं। यहां के करीब दर्जनों लोग इस अवैध कारोबार से जुड़े हुए हैं। महिलाएं और बच्चे भी इस कारोबार में रोजी-रोटी के लिए जुट जाते हैं। जिले के पूर्वी सीमा पर बसे एक दर्जन से अधिक गांवों में यह कुटीर उद्योग के रूप में चल रहा है। प्रतिदिन हजारों लीटर कच्ची शराब तैयार होती है। इसकी जिले ही नहीं पड़ोस के जिलों में भी सप्लाई की जाती है।
दरियाबाद थाना क्षेत्र के इमिलिहा, ठगपुरवा, मक्कापुरवा, ऊसरी, मदारपुर, अलियाबाद, दरौली में बड़े पैमाने पर कच्ची शराब तैयार की जाती है। अहम बात यह है कि अलियाबाद चौकी से सटे खरचा मोहल्ला में प्रतिदिन सैकड़ों लीटर कच्ची शराब बिकती है, लेकिन पुलिस अनजान बनी रहती है।
'जानकारी प्राप्त हुई है आबकारी विभाग को छापेमारी की सूचना दी गई जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। ' लव कुमार ¨सह, उपजिलाधिकारी, रामसनेहीघाट।
बाराबंकी से मोहित वर्मा ब्यूरो चीफ की खाश रिपोर्ट
बाराबंकी :- अलियाबाद क्षेत्र के गांवों में अवैध कच्ची शराब का धंधा कुटीर उद्योग के रूप में फलफूल रहा है। 12 ऐसे गांव हैं, जहां प्रतिदिन कच्ची शराब बनाने की भट्ठियां धधकती रहती हैं। यहां के करीब दर्जनों लोग इस अवैध कारोबार से जुड़े हुए हैं। महिलाएं और बच्चे भी इस कारोबार में रोजी-रोटी के लिए जुट जाते हैं। जिले के पूर्वी सीमा पर बसे एक दर्जन से अधिक गांवों में यह कुटीर उद्योग के रूप में चल रहा है। प्रतिदिन हजारों लीटर कच्ची शराब तैयार होती है। इसकी जिले ही नहीं पड़ोस के जिलों में भी सप्लाई की जाती है।
दरियाबाद थाना क्षेत्र के इमिलिहा, ठगपुरवा, मक्कापुरवा, ऊसरी, मदारपुर, अलियाबाद, दरौली में बड़े पैमाने पर कच्ची शराब तैयार की जाती है। अहम बात यह है कि अलियाबाद चौकी से सटे खरचा मोहल्ला में प्रतिदिन सैकड़ों लीटर कच्ची शराब बिकती है, लेकिन पुलिस अनजान बनी रहती है।
'जानकारी प्राप्त हुई है आबकारी विभाग को छापेमारी की सूचना दी गई जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। ' लव कुमार ¨सह, उपजिलाधिकारी, रामसनेहीघाट।
बाराबंकी से मोहित वर्मा ब्यूरो चीफ की खाश रिपोर्ट

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