आॅंखों की सुरक्षा में लापरवाही पड़ सकती है भारी । डाॅं. रजत कुमार, चिकित्सा अधीक्षक, सीतापुर नेत्र चिकित्सालय गोरखपुर।
प्रेस विज्ञप्ति
आॅंखों की सुरक्षा में लापरवाही पड़ सकती है भारी । डाॅं. रजत कुमार, चिकित्सा अधीक्षक, सीतापुर नेत्र चिकित्सालय गोरखपुर।
सी.आर.सी गोरखपुर दिव्यांगजनों तक जानकारी पहुंचाने के लिए लगातार ई-परामर्ष श्रृंखला का आयोजन कर रहा है। आज उसी कड़ी मंे “आॅंखें है अनमोल“ नामक ई-परामर्ष श्रृंखला 16 का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि डाॅ. रजत कुमार जी ने आॅंखों की सुरक्षा से संबंधित सामान्य से सामान्य जानकारी पूर्वांचल के लोंगों तक पहुंचाई । डाॅ. साहब ने सामान्य रूप से रक्तचाप और मधुमेह के रोगियों को आॅंखों के प्रति विषेश सावधानी बरतने की सलाह दी। नेत्र चिकित्सा विज्ञान में आयी नयी तकनीकि के बारे में चर्चा करते हुए डाॅ. रजत ने कहा कि आज नवीन तकनीकि से आॅंखों की देखभाल कर पाना ज्यादा आसान हो गया है। वर्तमान समय कोविड़ 19 के नकारात्मक प्रभाव की वजह से विद्यालय बंद है और कक्षाएं आॅन लाइन माघ्यम से संचालित करायी जा रही है। इसकी वजह से लम्बे समय तक बच्चों को मोबाइल अथवा लैपटाॅप स्क्रीन के सामने बैठना पड़ रहा है जो दृश्टि को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है। इसके लिए डाॅ. रजत ने अभिभावकों को परामर्ष दिया कि स्क्रीन के सामने बैठने में एक निष्चित अन्तराल कायम रखना जरूरी है। बीच- बीच मंे 15 से 20 मिनट का अन्तराल रखकर देखने की क्षमता को बेहतर रखा जा सकता है।
कार्यक्रम के अन्य वक्ता सक्षम के काम्बा प्रभारी डाॅ. वाई सिंह ने बताया कि आॅंखों की सुरक्षा के साथ-साथ सामाजिक उत्तरदायित्व का भी निर्वहन हम सभी का उत्तरदायित्व है। इस हेतु सक्षम ने लगातार प्रयास करके कई लोंगों को आॅंखों की आवष्यक चिकित्सा सुविधा उलब्ध करायी है ताकि अंधत्व मुक्त भारत का सपना साकार हो सके।
सी.आर.सी. के निदेषक श्री रमेष कुमार पान्डेय जी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुए इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देष्य कोविड-19 महामारी के दौरान आॅंखों की देखभाल हेतु सामान्य उपायों पर चर्चा थी ताकि हमारे दिव्यांगजन महामारी के दौरान आॅंखों से संबंधित किसी भी समस्या का निवारण पा सके। आॅंखों से होने वाले संक्रमण के बचाव के तरीके ढूंढ सके।
कार्यक्रम समन्वयक सी.आर.सी. के विषेश षिक्षा विभाग के सहायक प्राध्यापक श्री नीरज मधुकर जी, ने सभी अतिथियों तथा प्रतिभागियों का स्वागत किया। कार्यक्रम संचालन के दौरान आये प्रष्नों को वक्ताओं तक पहुंचाया तथा उनसे जबाव प्राप्त किया। इस अवसर पर सी.आर.सी. के सभी स्टाफ और सह-समन्वयक श्री नागेन्द्र पान्डेय आदि मौजूद रहे। सभी प्रतिभागियों को ई-सर्टिफिकेट दिया गया।

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