औरंगाबाद में जाप के कार्यकर्ताओं पर किए गए लाठीचार्ज तथा दमनात्मक कार्रवाई लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करेगा - पप्पू यादव
प्रेस विज्ञप्ति - पटना 27 सितंबर 2019 : जन अधिकार पार्टी लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद श्री राजेश रंजन पप्पू यादव एवं राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एजाज अहमद ने अपने संयुक्त वक्तव्य में बिहार में बढ़ते अपराध, बलात्कार , बाढ़ और सूखा राहत कार्यों में अनियमितता तथा नये मोटर वाहन काला कानून के खिलाफ औरंगाबाद में शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे जन अधिकार पार्टी (लो) के कार्यकर्ताओं पर पुलिस की बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज की भर्त्सना करते हुए सरकार से अविलंब दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है । साथ ही कार्यकर्ताओं पर किए गए मुकदमे को भी वापस लेने की मांग की है ,क्योंकि जनहित के मुद्दे पर आंदोलन को ऐसे दमनात्मक तरीके से अनुमंडल पदाधिकारी के द्वारा स्वयं अपने हाथों से दबाना लोकतंत्र को कमजोर करने की एक गहरी साजिश है ।
नेताओं ने नीतीश कुमार से पूछा है कि बिहार में आये दिन हो रहे दुष्कर्म और गैंगरेप, हत्या और लूट की घटनाओं को रोकने तथा अपराधियों पकड़ने में नाकाम रहने वाली पुलिस-प्रशासन जनता के न्याय और हक की आवाज को दबाने के लिए इतनी तत्पर क्यों दिखाई देती है ? क्या सबका साथ सबका विकास का मतलब जनता के द्वारा हक और अधिकार के लिए संघर्ष करने पर लाठी डंडे से पीटना ही न्याय का राज है यह बात समझ से परे है, जहां एक ओर अपराधियों से राज्य की जनता त्रस्त है वही प्रशासन के आतंक और दमनात्मक कार्रवाई से पूरी लोकतांत्रिक व्यवस्था ही अस्त-व्यस्त है।
नेताओं ने कहा चाहे जो भी हो जन अधिकार पार्टी(लो) सरकार की ऐसी दमनकारी नीतियों से विचलित हुए बिना बेटियों की सुरक्षा, युवाओं को रोजगार और बढ़ते अपराध व सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार तथा मोटर वाहन काला कानून के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगी।
प्रेस विज्ञप्ति - पटना 27 सितंबर 2019 : जन अधिकार पार्टी लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद श्री राजेश रंजन पप्पू यादव एवं राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एजाज अहमद ने अपने संयुक्त वक्तव्य में बिहार में बढ़ते अपराध, बलात्कार , बाढ़ और सूखा राहत कार्यों में अनियमितता तथा नये मोटर वाहन काला कानून के खिलाफ औरंगाबाद में शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे जन अधिकार पार्टी (लो) के कार्यकर्ताओं पर पुलिस की बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज की भर्त्सना करते हुए सरकार से अविलंब दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है । साथ ही कार्यकर्ताओं पर किए गए मुकदमे को भी वापस लेने की मांग की है ,क्योंकि जनहित के मुद्दे पर आंदोलन को ऐसे दमनात्मक तरीके से अनुमंडल पदाधिकारी के द्वारा स्वयं अपने हाथों से दबाना लोकतंत्र को कमजोर करने की एक गहरी साजिश है ।
नेताओं ने नीतीश कुमार से पूछा है कि बिहार में आये दिन हो रहे दुष्कर्म और गैंगरेप, हत्या और लूट की घटनाओं को रोकने तथा अपराधियों पकड़ने में नाकाम रहने वाली पुलिस-प्रशासन जनता के न्याय और हक की आवाज को दबाने के लिए इतनी तत्पर क्यों दिखाई देती है ? क्या सबका साथ सबका विकास का मतलब जनता के द्वारा हक और अधिकार के लिए संघर्ष करने पर लाठी डंडे से पीटना ही न्याय का राज है यह बात समझ से परे है, जहां एक ओर अपराधियों से राज्य की जनता त्रस्त है वही प्रशासन के आतंक और दमनात्मक कार्रवाई से पूरी लोकतांत्रिक व्यवस्था ही अस्त-व्यस्त है।
नेताओं ने कहा चाहे जो भी हो जन अधिकार पार्टी(लो) सरकार की ऐसी दमनकारी नीतियों से विचलित हुए बिना बेटियों की सुरक्षा, युवाओं को रोजगार और बढ़ते अपराध व सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार तथा मोटर वाहन काला कानून के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगी।

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