*जनपद जालौन में मनरेगा में जमकर भ्रष्टाचार : जिम्मेदार क्यों है मौन*
जालौन माधौगढ़ महेवा कदौरा डकोर नादीगंव रामपुरा जमकर हो रहा मनरेगा कार्य -जिम्मेदारों को नहीं है कुछ पता
*दैनिक ब्यूरो, जालौन- वीरेंद्र वर्मा/ लालता प्रसाद*
उरई (जालौन) बुंदेलखंड जनपद जालौन उत्तर प्रदेश: पिछले दिनों जनपद जालौन में उपायुक्त ग्राम विकास विभाग लखनऊ उत्तर प्रदेश का आगमन हुआ था, उपायुक्त महोदय ने जनपद के विकास भवन के सभागार में समस्त खंड विकास अधिकारी एवं जनपद स्थलीय अधिकारियों के साथ बैठक आहूत की थी जिसमे उन्होंने विकास कार्यों में हो रही वित्तीय अनियमितताओ से सख्त रवैया अपनाते हुए उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार पर बहुत ही सख्त है विकास कार्य की योजनाओं में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाए जाने पर किसी को बक्सा नहीं जाएगा, भ्रष्ट कर्मचारी एवं अधिकारियों पर कड़ी कारवाही की जाएगी। जहा एक ओर सरकार भ्रष्टाचारियों पर कड़ी कारवाही की बात करती है वही जनपद में बैठे विकास खंड डकोर, कदौरा,महेवा,एंव माधौगढ़,नदीगंव में मनरेगा योजनाओं में सरकार का ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा, विकास खंड माधौगढ़ की ग्राम पंचायत कुरसेडा में भूपेंद्र के खेत से बंबी तक चकबांध निर्माण का कार्य मनरेगा की वेबसाइट पर दर्शाया गया है। जब कि ग्राम पंचायत कुरसेडा में मनरेगा का कार्य किसी भी प्रकार का नही हो रहा है, क्योंकि NMMS पर अपलोड फोटो दोनो समय की एक ही है, अगर कार्य श्रमिको द्वारा करवाया जा रहा होता तो NMMS पर इस प्रकार की गड़बड़ी देखने को नहीं मिलती। इसी प्रकार, कई ग्राम पंचायतों का ऐसा ही हाल है।जैसे विकास खंड माधौगढ़ सिहारी माधौगढ़, सूपा निनायोछो, गोहन, आसाना, अकबरपुरा, सुरावली माधौगढ़,मडोरी,विकास खंड कदौरा,में ताहरपुर, उदनपुर, अमीशा,विकास खंड महेवा में अटरा कला, गुड़ा खास, लौना,माडिया, महेवा,विकास खंड नदीगांव में डीहा(शिवपुरी), डाबर माधौगढ़, तीतरा खलीलपुर,कही कही पर तो सभी मानक दिवसों पर एक ही फोटो अपलोड की जाती है और आलाधिकारी आंख बंद कर के उस कार्य का भुगतान भी कर देते, जिम्मेदार तकनीकी सहायक घर बैठे कार्य का मापांकन कर देते, इसी कारण उनकी आय बीते 4 साल में 20 से 40 करोड़ की संपत्ति होने का अनुमान है। जिन तकनीकी सहायकों को सरकार द्वारा लगभग 15 हजार रुपए मानदेय मिलता हो उनकी संपत्ति करोड़ों में केसे हो गई, जनपद में बैठे सभी तकनीकी सहायकों की आय से अधिक संपत्तियों की जांच होनी चाहिए। इसी प्रकार विकासखंड डकोर में ग्राम पंचायत सैदनगर में बीते दिनों हुए क्षेत्र पंचायत द्वारा मनरेगा के कार्य की शिकायत ग्राम प्रधान द्वारा की गई थी, जिसकी जांच खंड विकास अधिकारी के नेतृत्व में हुई थी उसमे भी आलाधिकारियों की मिली भगत से कार्य सही पाया गया में हरी झंडी दिखा कर कार्य के भुगतान के लिए अग्रसित किया गया। जब कि मेरे द्वारा दिनांक 06/10/23 को मौखिक रूप से शिकायत करने पर भी खंड विकास अधिकारी महोदय द्वारा कोई कारवाही नही की गई। इसी प्रकार विकास खंड कदौरा की ग्राम पंचायत बबीना में बीते दिनों दर्शाए गए कार्य को जल रोधक बांध के मास्टर रोल जारी किए गए थे उक्त कार्य स्थल पर कोई भी श्रमिक कार्य करता हुआ नही मिला था ना ही कोई नई मिट्टी श्रमिको द्वारा डाली गई थी। जिसकी शिकायत खंड विकास अधिकारी से करने पर उन्होंने बताए की इस कार्य की जांच एपीओ को दी गई है, दोसी पाए जाने पर कठोरतम कारवाही की जाएगी। खंड विकास अधिकारी माधौगढ़ का ग्राम पंचायत कुरसेडा के मामले में कहां कि में आज छुट्टी से बापिस आया हुं, कल कुरसेड़ा का मामला दिखवाऊगा अगर गड़बड़ी पाई जाती है तो तुरंत पेमेंट रोक दिया जाएगा। और दोसियों के खिलाफ कारवाही करुगा। इसी प्रकार विकास खंड महेवा में दर्जनों ग्राम पंचायतों में मनरेगा के कार्यों में सैकड़ों मास्टर रोल भर कर सरकार को पलीता लगाने का काम किया जा रहा है। अगर देखा जाए तो बुंदेलखंड की कृषि योग्य भूमि का 90 प्रतिशत भाग की बौनी बखराई हो चुकी है, तो ऐसे में मनरेगा के कच्चे कार्यों को केसे किया जा सकता है। क्या ये सब सभी की मिली भगत से संभव हो सकता है मनरेगा जिम्मेदार डीसी मनरेगा अधिकारी अवधेश दीक्षित किसी समय अगर जानकारी लेना चाहते हैं तो आज तक कभी फोन ही नहीं उठाया गया क्योंकि इनका रिटायरमेंट का समय नजदीक आ गया है तो लास्ट समय मनरेगा में जमकर लूट मचाने का काम कर रहे। हर माह से ज्यादा अक्टूबर नवंबर में मनरेगा का काम किया जाता है जबकि किसानो की जमीन की बुवाई लगभग 90% हो चुकी है कहां से मिट्टी उठाते हैं क्या इनको इस मनरेगा की बिल्कुल जानकारी नहीं है अगर जानकारी है तो मौन क्यों बैठे हैं इसलिए क्योंकि इनका रिटायरमेंट का समय नजदीक है तो हो सकता है चलते-चलते सोचा होगा कि कुछ हाथ बनाकर निकला जाए इन पर कार्रवाई कब होगी।
Comments
Post a Comment