*थाने पर शान्ति समितियो की बैठकों में शामिल होंगे नागरिक सुरक्षा के वार्डन*
_वार्डन चरित्र सत्यापन के लिए निर्धारित अवधि तय की जाएगी।_
*वरिष्ठ संवाददाता बीपीमिश्र*
गोरखपुर। आइपीएस मानुष पारिख ने कहा कि सामुदायिक पुलिसिंग समुदाय और पुलिस के बीच एक ब्रीज का काम करता है। नागरिक सुरक्षा के वार्डन भी सामुदायिक पुलिसिंग में अपनी अहम भूमिका सुनिश्चित कर सकते हैं। क्योकि वार्डन मे ग्राउंड लेवल की समझ है और उन्हें हर छोटी-बड़ी आपदाओं से निपट का तरीका मालूम हैं। श्री पारिख वुद्धवार को पुलिस लाइन के व्हाइट हाउस में नागरिक सुरक्षा के बैठक में वार्डन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वार्डन को उचित सम्मान मिले इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि वार्डेनों के चरित्र सत्यापन के लिए एक निश्चित अवधि निर्धारित की जाएगी। उन्होंने कहा कि शहर में विशिष्टजनों के आगमन के अलावा आने वाले त्योहार भी हमारे लिए बड़े ही महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने एक एक वार्डनों से आगामी त्योहारों पर शहर की अमन की स्थितियों के बारे में जायज़ा लिया। उन्होंने वार्डेनों से दुर्गा पूजा पंडालों का निरीक्षण की अपील की और वहां पर सीसीटीवी, फायर एक्सटिंग्विशर और वालंटियर की उपलब्धता जांचने एवं मानक के विपरीत बज रहे डीजे की सूचना पुलिस प्रशासन को देने की अपील की।
उप नियंत्रक सत्य प्रकाश सिंह ने वार्डनो का परिचय कराते हुए कहा कि नागरिक सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत प्रत्येक वार्डन की नियुक्ति, चरित्र सत्यापन और शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होने पर ही जिलाधिकारी नियंत्रक के द्वारा की जाती है। सभी वार्डन आपदाओं से लड़ने के लिए प्रशिक्षित हैं।चीफ वार्डन डा. संजीव गुलाटी ने कहा कि सभी वार्डन पर्व त्योहारों पर पुलिस और प्रशासन की मदद में मुस्तैदी के साथ डटे रहते हैं और निष्काम भाव से मददगार साबित होते हैं।बैठक को संतोष कुमार श्रीवास्तव मनौवर सुल्ताना, अखिलेश ओझा, राजेश चंद चौधरी, मुर्तुजा आलम, ध्यान प्रकाश तिवारी ने भी संबोधित किया। बैठक में वरिष्ठ सहायक उप नियंत्रक वेद प्रकाश यादव, सहायक उप नियंत्रक नीरज श्रीवास्तव, डा. उमेश चंद्र श्रीवास्तव, जितेंद्र देव उपाध्याय, सनातन त्रिपाठी, आदर्श आनंद, मनजीत सिंह, शैलेश सिंह, डा.अमरनाथ जायसवाल, शेषनारायण मिश्र, रीतेश गुप्ता, मनोज गुप्ता, मनोज निषाद, मारुति श्रीवास्तव, अभिषेक कुमार, महेंद्र प्रताप समेत सैकड़ों वार्डन उपस्थित रहें।
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