*दिल्ली की आवाज़ बने अल्फ़ाज़: कला और अभिव्यक्ति का नया मंच"*
जिला संवाददाता अभिनयरस्तोगी की रिपोर्ट
साहित्य, कला और अभिव्यक्ति के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना चुके *अल्फ़ाज़ अपने फाउंडेशन* ने अब दिल्ली की धड़कनों को अपने साथ जोड़ते हुए राजधानी में पहला ओपन माइक कार्यक्रम आयोजित किया। "DELHI's Voice....अल्फ़ाज़ दिल्लीवालों के" शीर्षक से आयोजित इस कार्यक्रम ने दिल्लीवासियों के दिलों पर खास छाप छोड़ी।
दिल्ली के उभरते हुए कवि, कहानीकार, हास्य अभिनेता, और गायक इस मंच पर जुटे और अपनी कला के जरिए अपनी अनकही बातें लोगों तक पहुंचाईं। कार्यक्रम में दिल्ली की विविधता और समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा को खूबसूरती से पेश किया गया। सभी कलाकारों को सम्मान स्वरूप उनकी प्रस्तुति के लिए सर्टिफिकेट देकर हौसला अफजाही की गई। कार्यक्रम की भूमिका अल्फ़ाज़ की संस्थापिका अभिव्यक्ति सिन्हा, मैनेजमेंट अमर सक्सैना, संचालन आकृति सिन्हा, तकनीकी प्रभार उत्कर्ष, ऋषभ, एवं अतिन, समन्वय हिमांशु एवं वंश, आदि सदस्यों ने की। कार्यक्रम में टीम के अन्य सदस्यों ने भी कार्यभार संभाला।
वहीं इस दौरान शिवांगी यादव, वर्षा कुमारी, शिवांगी, सोनाली, अनीश यादव, लव, सुल्तान मिर्ज़ा, अब्दुल रहमान खान, उत्कर्ष, अमर, आकृति, अभिव्यक्ति, आदि की एक से बढ़कर एक उम्दा कविताएं मनमोहक रहीं। साथ ही अन्य उभरते कलाकारों ने अपने गायन से खूब वाहवाही लूटी। वहीं स्वाति पाठक ने स्वलिखित कहानी सुनाते हुए श्रोताओं को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। इसी क्रम में अभिव्यक्ति ने बताया कि अल्फाज़ युवा साथियों को उनकी कला का प्रदर्शन करने के लिए एक मंच प्रदान करता है, जहां वे बेझिझक अपना हुनर दिखा सकते हैं और अपने क्षेत्र का नाम रौशन कर सकते हैं। यह अब मुरादाबाद, चंदौसी, रामपुर, अमरोहा में अपने कार्यक्रम आयोजित कर चुका है। आज का कार्यक्रम बेहद सफल रहा और सभी कलाकार बेहतरीन प्रदर्शन देकर और खुश होकर लौटे। वहीं कार्यक्रम में रोहित, राहुल, प्रिंस, साधना, ह्रितिक, बादल, पलक, सरोज, आयुषी, आंशिक, साक्षी, आदि लोग श्रोता के रूप में शामिल रहे।
गौरतलब है कि अल्फ़ाज़ अपने फाउंडेशन ने इससे पहले मुरादाबाद, रामपुर, अमरोहा, और चंदौसी जैसे शहरों में सफलतापूर्वक ओपन माइक कार्यक्रम आयोजित किए हैं, और अब दिल्ली में इस नई पहल के जरिए राजधानी की रचनात्मक प्रतिभाओं को मंच देने का एक और कदम उठाया है। संस्था की अध्यक्ष अभिव्यक्ति सिन्हा ने बताया कि उनका उद्देश्य युवाओं को अपनी आवाज़ बुलंद करने और अपनी पहचान बनाने का अवसर देना है। दिल्लीवासियों ने इस प्रयास को खुले दिल से सराहा और यह कार्यक्रम एक यादगार शाम के रूप में इतिहास का हिस्सा बन गया।
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