बेहद_शर्मनाक
उन्नाव रोडवेज संचालक मानते हैं कि हरदोई को जाने वाले यात्रियों की संख्या बेहद कम है। जबकि शहर में अवैध हरदोई बस अड्डा संचालित है। यहाॅ से हर पाॅच से दस मिनट के अन्तराल में एक ठसाठस गाड़ी निकलती है। मजे की बात तो यह कि जिला दैनिक यात्री संघ भी उन्नाव में है, किंतु वह भी अब तक खानापूर्ति के नाम पर। दैनिक यात्री संघ को यह भी नहीं मालूम कि उन्नाव से हरदोई को जाने वाली एक मात्र रोडवेज बस सर्विस को कई माह पूर्व इस कारण बंद कर दिया गया कि वहाॅ जाने वाले यात्री रोडवेज को नहीं मिल पा रहे थे। वहीं यातायात दरोगा कई साल से इस बात को लेकर परेशान हैं कि हरदोई पुल पर संचालित अवैध निजी बस अड्डा हटाया जाए। दोनो की समस्या कुछ एक दूसरे का हल जैसी ही है। रोडवेज बस संचालक अपनी हटधर्मिता पर जुट हुए हैं। वे चाहते हैं कि हरदोई को कोई बस न जाए। तो यातायात दरोगा चाहते हैं कि शहर में संचालित अवैध बस अड्डा हरदोई पुल से हटवाया जाए। दोनों की मार का अहम किरदार हरदोई को जाने वाला पैंसेजर आखिर कहां से वाहन पकडे़, ये सवाल बेहद अहम है।
उन्नाव रोडवेज संचालक मानते हैं कि हरदोई को जाने वाले यात्रियों की संख्या बेहद कम है। जबकि शहर में अवैध हरदोई बस अड्डा संचालित है। यहाॅ से हर पाॅच से दस मिनट के अन्तराल में एक ठसाठस गाड़ी निकलती है। मजे की बात तो यह कि जिला दैनिक यात्री संघ भी उन्नाव में है, किंतु वह भी अब तक खानापूर्ति के नाम पर। दैनिक यात्री संघ को यह भी नहीं मालूम कि उन्नाव से हरदोई को जाने वाली एक मात्र रोडवेज बस सर्विस को कई माह पूर्व इस कारण बंद कर दिया गया कि वहाॅ जाने वाले यात्री रोडवेज को नहीं मिल पा रहे थे। वहीं यातायात दरोगा कई साल से इस बात को लेकर परेशान हैं कि हरदोई पुल पर संचालित अवैध निजी बस अड्डा हटाया जाए। दोनो की समस्या कुछ एक दूसरे का हल जैसी ही है। रोडवेज बस संचालक अपनी हटधर्मिता पर जुट हुए हैं। वे चाहते हैं कि हरदोई को कोई बस न जाए। तो यातायात दरोगा चाहते हैं कि शहर में संचालित अवैध बस अड्डा हरदोई पुल से हटवाया जाए। दोनों की मार का अहम किरदार हरदोई को जाने वाला पैंसेजर आखिर कहां से वाहन पकडे़, ये सवाल बेहद अहम है।

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