जनपद प्रतापगढ़ में अपने ही जाल में फंसा प्रतापगढ़ का रिटर्निंग ऑफिसर (जिला अधिकारी) मारकंडेय शाही-
साथियों हरिकेश कुमार गौतम (बहुजन मुक्ति पार्टी )के प्रत्याशी के चेक लिस्ट में सभी जगह हाँ हाँ है ।उसके बावजूद भी इन्होंने 24 अप्रैल को नामांकन रद का नोटिस दिया वह भी पूर्व दिनांक 26 तारीख का डेट डालकर और नामांकन रद्द होने पर यह भी कहा कि आपकी उम्र ही क्या है अगले साल चुनाव लड़ लेना इसका मतलब यह व्यक्ति नौजवान विरोधी है ,जातिवादी है, लोकतंत्र विरोधी है ,संविधान विरोधी है, देशद्रोही है,ऐसे इंसान को भारतीय संवैधानिक पद पर बने रहना खतरनाक है ऐसे इंसान को लोकतंत्र की बागडोर देना लोकतंत्र के लिए खतरा है जब एक प्रत्याशी के साथ ऐसा कर सकता है तो आम जनता के साथ क्या करता होगा यह जनता खुद तय करें जो मुझे आरोप लगाया है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 84 (क) के तहत शपथ व प्रतिज्ञान नहीं किया है यह आरोप गलत है भारतीय संविधान में 84 (क) मतलब यह होता है कि शपथ प्रतिज्ञान रिटर्निंग अधिकारी ही कराएं भारतीय संविधान के 36 में भी यह निर्णय है की शपथ या प्रतिज्ञान ना होने के बावजूद भी आप नामांकन पत्र खारिज नहीं कर सकते ।
इसमें मैं सारे सबूत दे रहा हूं सारी जनता जाने और भारतीय संविधान के अनुच्छेद का भी उल्लेख कर रहा हूं सारे लोग देखें प्रतापगढ़ के डीएम की करतुत मैं आगे भी भारतीय संविधान अनुच्छेद 84 (क) और 36 का भी फोटोकॉपी का उल्लेख करूंगा इंतजार करिए संविधान पढ़िए तभी हम सभी इन मनुवादी व्यवस्था वालों से बच सकेंगे।
साथियों हरिकेश कुमार गौतम (बहुजन मुक्ति पार्टी )के प्रत्याशी के चेक लिस्ट में सभी जगह हाँ हाँ है ।उसके बावजूद भी इन्होंने 24 अप्रैल को नामांकन रद का नोटिस दिया वह भी पूर्व दिनांक 26 तारीख का डेट डालकर और नामांकन रद्द होने पर यह भी कहा कि आपकी उम्र ही क्या है अगले साल चुनाव लड़ लेना इसका मतलब यह व्यक्ति नौजवान विरोधी है ,जातिवादी है, लोकतंत्र विरोधी है ,संविधान विरोधी है, देशद्रोही है,ऐसे इंसान को भारतीय संवैधानिक पद पर बने रहना खतरनाक है ऐसे इंसान को लोकतंत्र की बागडोर देना लोकतंत्र के लिए खतरा है जब एक प्रत्याशी के साथ ऐसा कर सकता है तो आम जनता के साथ क्या करता होगा यह जनता खुद तय करें जो मुझे आरोप लगाया है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 84 (क) के तहत शपथ व प्रतिज्ञान नहीं किया है यह आरोप गलत है भारतीय संविधान में 84 (क) मतलब यह होता है कि शपथ प्रतिज्ञान रिटर्निंग अधिकारी ही कराएं भारतीय संविधान के 36 में भी यह निर्णय है की शपथ या प्रतिज्ञान ना होने के बावजूद भी आप नामांकन पत्र खारिज नहीं कर सकते ।
इसमें मैं सारे सबूत दे रहा हूं सारी जनता जाने और भारतीय संविधान के अनुच्छेद का भी उल्लेख कर रहा हूं सारे लोग देखें प्रतापगढ़ के डीएम की करतुत मैं आगे भी भारतीय संविधान अनुच्छेद 84 (क) और 36 का भी फोटोकॉपी का उल्लेख करूंगा इंतजार करिए संविधान पढ़िए तभी हम सभी इन मनुवादी व्यवस्था वालों से बच सकेंगे।


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