राजगढ़ से जितेन्द्र वर्मा की रिपोर्ट
ब्यावरा. छुट-पुट बूंदाबांदी और बादलों की लुकाछिपी के बीच 17 दिन बाद मेहरबान हुए मानसून ने किसानों को खुश कर दिया। अलसुबह से शुरू हुई चार घंटे बारिश से शहर तरबतर हो गया, वहीं, जिले के अलग-अलग हिस्सों में बारिश हुई, जिससे पानी की खेच से खराब होने की कगार पर पहुंच चुकी खरीफ की उपज (सोयाबीन, मक्का, उड़द आदि) को अमृत मिल गया।
जिला मुख्यालय पर भी सुबह सात बजे से बारिश हुई, इसके अलावा जिले के अन्य हिस्सों में भी बारिश का दौर कम-ज्यादा रहा। बारिश से ब्यावरा के कई नीचे हिस्सों में पानी घुस गया, बरखेड़ा के स्कूल में पुराना पीपल का पेड़ गिर गया, इससे बाथरूम और बिल्डिंग क्षतिग्रस्त हो गई।
घटना के दौरान वहां कोई बच्चा नहीं था अन्यथा हादसा हो जाता। वहीं, समय पर सफाई नहीं होने से शहर से लगे ढकोरा मार्ग पर बना नाला उफान पर आ गया। इससे शहर से जुडऩे वाले गिंदौरमीना, खेड़ी गिंदौर, खांकरा तेजा, जामी, मलावर, सुंदरपुरा और आगर सहित करीब 30 से 35 गांवों का संपर्क टूट गया।
स्कूली बच्चे और दूध लेकर आने वाले ग्रामीण भी फंसे रहे। थोड़ा पानी कम होने के बाद बाइक सवार रिस्क लेकर नाले को पार करते रहे, चार से पांच घंटे तक नाला उफान पर रहा। उसके बाद पानी कम होने पर आवागमन सुचारू हो पाया।
ढकोरा मार्ग से होकर जाने वाले लोगों ने आरोप लगाया कि समय पर सफाई नहीं हुई इसलिए दिक्कत आई, सफाई हो जाती तो ऐसे हालात नहीं बनते।
यहां भी आफत बनीं बारिश- हॉस्टल, थाने, खेत, घरों में घुसा पानी :
बालिका छात्रावास : पानी से होकर निकलीं छात्राएं...
सिविल अस्पताल रोड पर बनें पिछड़ा वर्ग कन्या पोस्ट मेट्रिक छात्रावास के मुख्य गेट पर पानी भर गया। रोड का काम अधूरा होने के कारण पूरा मार्ग जल मग्न हो गया। इससे छात्रावास जाने वाली छात्राओं को पानी में से होकर निकलना पड़ा
ब्यावरा. छुट-पुट बूंदाबांदी और बादलों की लुकाछिपी के बीच 17 दिन बाद मेहरबान हुए मानसून ने किसानों को खुश कर दिया। अलसुबह से शुरू हुई चार घंटे बारिश से शहर तरबतर हो गया, वहीं, जिले के अलग-अलग हिस्सों में बारिश हुई, जिससे पानी की खेच से खराब होने की कगार पर पहुंच चुकी खरीफ की उपज (सोयाबीन, मक्का, उड़द आदि) को अमृत मिल गया।
जिला मुख्यालय पर भी सुबह सात बजे से बारिश हुई, इसके अलावा जिले के अन्य हिस्सों में भी बारिश का दौर कम-ज्यादा रहा। बारिश से ब्यावरा के कई नीचे हिस्सों में पानी घुस गया, बरखेड़ा के स्कूल में पुराना पीपल का पेड़ गिर गया, इससे बाथरूम और बिल्डिंग क्षतिग्रस्त हो गई।
घटना के दौरान वहां कोई बच्चा नहीं था अन्यथा हादसा हो जाता। वहीं, समय पर सफाई नहीं होने से शहर से लगे ढकोरा मार्ग पर बना नाला उफान पर आ गया। इससे शहर से जुडऩे वाले गिंदौरमीना, खेड़ी गिंदौर, खांकरा तेजा, जामी, मलावर, सुंदरपुरा और आगर सहित करीब 30 से 35 गांवों का संपर्क टूट गया।
स्कूली बच्चे और दूध लेकर आने वाले ग्रामीण भी फंसे रहे। थोड़ा पानी कम होने के बाद बाइक सवार रिस्क लेकर नाले को पार करते रहे, चार से पांच घंटे तक नाला उफान पर रहा। उसके बाद पानी कम होने पर आवागमन सुचारू हो पाया।
ढकोरा मार्ग से होकर जाने वाले लोगों ने आरोप लगाया कि समय पर सफाई नहीं हुई इसलिए दिक्कत आई, सफाई हो जाती तो ऐसे हालात नहीं बनते।
यहां भी आफत बनीं बारिश- हॉस्टल, थाने, खेत, घरों में घुसा पानी :
बालिका छात्रावास : पानी से होकर निकलीं छात्राएं...
सिविल अस्पताल रोड पर बनें पिछड़ा वर्ग कन्या पोस्ट मेट्रिक छात्रावास के मुख्य गेट पर पानी भर गया। रोड का काम अधूरा होने के कारण पूरा मार्ग जल मग्न हो गया। इससे छात्रावास जाने वाली छात्राओं को पानी में से होकर निकलना पड़ा


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