राजगढ़ से जितेन्द्र वर्मा की रिपोर्ट
ब्यावरा. हमेशा चर्चा में रहने वाली जिले की सबसे बड़ी कृषि उपज मंडी समिति में अब व्यापारियों में ही आपस में तालमेल नहीं जम पा रहा है। कभी टैक्स चोरी, फर्जी अनुज्ञा के लिए प्रदेशभर में मशहूर हुई मंडी के व्यापारी अब आपसी तनाव के शिकार हो रहे हैं। ऐसे ही तालमेल में गड़बड़ी होने से मौजूदा मंडी व्यापारी एसोसिएशन अध्यक्ष ने शनिवार को सचिव को लिखित इस्तीफा दे दिया।
एसोसिएशन के हित में काम किया
अभी तक अध्यक्ष रहे रामगोपाल साहू ने आरोप लगाया कि मैंने हमेशा से एसोसिएशन के हित में काम किया है, हर व्यापारी की हर स्तर की हर संभव मदद की है। बावजूद इसके मंडी के बड़े और नामी व्यापारी बेवजह परेशान करते हैं। उनके लगातार किए जा रहे गलत आचरण के कारण मैं अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं। साहू ने बताया कि बड़े व्यापारी तरह-तरह के आरोप लगाते हैं, दबाव बनाते हैं। कहते हैं कि यह काम हमसे पूछकर क्यों नहीं किया, ऐसा होना चाहिए, वैसा होना चाहिए।
तमाम बातों का उल्लेख किया गया
जबकि हर बार हर काम के लिए सभी की राय प्रॉपर ली जाती है। न सिर्फ वे मनमानी करते हैं बल्कि मुझे धमकाते भी हैं। इसी कारण मैं अपने पद से इस्तिफा दे रहा हूं। मेरे लिए उक्त बड़े व्यापारियों के ताने और दबाव सह पाना अब मुश्किल हो रहा है। प्रभारी सचिव जी. एल. दांगी को दिए इस्तिफे में उक्त तमाम बातों का उल्लेख किया गया है।
...और मंडी को नहीं मिला स्थायी सचिव
करीब सालभर पहले मंडी सचिव आर. के. रावत के ट्रांसफर के बाद आए नये सचिव वी. पी. पटेरिया भी यहां ज्यादा दिन नहीं रुक पाए। उन पर लगे आरोपों के बाद भोपाल में की गई कार्रवाई के बाद से भी गायब हैं। मंडी बोर्ड ने फिलहाल दांगी को प्रभार दे रखा है लेकिन स्थायी तौर पर सचिव फिलहाल ब्यावरा मंडी को नहीं मिला है। बीच में उम्मीद जताई जा रही थी कि कोई नया सचिव आएगा लेकिन आवक में लगातार हुई कमी और प्रदेश स्तर पर ही इसे ठंडे बस्ते में डाल देने के कारण ऐसा नहीं हो पाया।
ब्यावरा. हमेशा चर्चा में रहने वाली जिले की सबसे बड़ी कृषि उपज मंडी समिति में अब व्यापारियों में ही आपस में तालमेल नहीं जम पा रहा है। कभी टैक्स चोरी, फर्जी अनुज्ञा के लिए प्रदेशभर में मशहूर हुई मंडी के व्यापारी अब आपसी तनाव के शिकार हो रहे हैं। ऐसे ही तालमेल में गड़बड़ी होने से मौजूदा मंडी व्यापारी एसोसिएशन अध्यक्ष ने शनिवार को सचिव को लिखित इस्तीफा दे दिया।
एसोसिएशन के हित में काम किया
अभी तक अध्यक्ष रहे रामगोपाल साहू ने आरोप लगाया कि मैंने हमेशा से एसोसिएशन के हित में काम किया है, हर व्यापारी की हर स्तर की हर संभव मदद की है। बावजूद इसके मंडी के बड़े और नामी व्यापारी बेवजह परेशान करते हैं। उनके लगातार किए जा रहे गलत आचरण के कारण मैं अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं। साहू ने बताया कि बड़े व्यापारी तरह-तरह के आरोप लगाते हैं, दबाव बनाते हैं। कहते हैं कि यह काम हमसे पूछकर क्यों नहीं किया, ऐसा होना चाहिए, वैसा होना चाहिए।
तमाम बातों का उल्लेख किया गया
जबकि हर बार हर काम के लिए सभी की राय प्रॉपर ली जाती है। न सिर्फ वे मनमानी करते हैं बल्कि मुझे धमकाते भी हैं। इसी कारण मैं अपने पद से इस्तिफा दे रहा हूं। मेरे लिए उक्त बड़े व्यापारियों के ताने और दबाव सह पाना अब मुश्किल हो रहा है। प्रभारी सचिव जी. एल. दांगी को दिए इस्तिफे में उक्त तमाम बातों का उल्लेख किया गया है।
...और मंडी को नहीं मिला स्थायी सचिव
करीब सालभर पहले मंडी सचिव आर. के. रावत के ट्रांसफर के बाद आए नये सचिव वी. पी. पटेरिया भी यहां ज्यादा दिन नहीं रुक पाए। उन पर लगे आरोपों के बाद भोपाल में की गई कार्रवाई के बाद से भी गायब हैं। मंडी बोर्ड ने फिलहाल दांगी को प्रभार दे रखा है लेकिन स्थायी तौर पर सचिव फिलहाल ब्यावरा मंडी को नहीं मिला है। बीच में उम्मीद जताई जा रही थी कि कोई नया सचिव आएगा लेकिन आवक में लगातार हुई कमी और प्रदेश स्तर पर ही इसे ठंडे बस्ते में डाल देने के कारण ऐसा नहीं हो पाया।
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