*जालौन में मूर्ति विसर्जन के दौरान 3 युवक डूबेः दो को बचाया गया, एक लापता; गोताखोर कर रहे तलाश*
*दैनिक न्यूज वर्ल्ड ब्यूरो, जालौन– वीरेंद्र वर्मा/ लालता प्रसाद*
उरई (जालौन) बुंदेलखंड जालौन जिले में शनिवार को एक बड़ा हादसा हुआ, जब प्रशासन और पुलिस की मनाही के बावजूद तीन युवक मूर्ति विसर्जन के लिए पहूज नदी में उतर गए और डूबने लगे। इनमें से दो युवकों को ग्रामीणों ने बचा लिया, लेकिन एक युवक लापता हो गया। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस गोताखोरों के साथ मौके पर पहुंची और युवक की तलाश शुरू कर दी। यह घटना रामपुरा थाना क्षेत्र के ग्राम जायघा की है। जहां दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान तीन युवक नदी में डूब गए। जायघा में नवरात्रि के अवसर पर दुर्गा माता की झांकी सजाई गई थी। शनिवार को दशहरे के मौके पर मूर्ति का विसर्जन किया जा रहा था। पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे पुलिस ने लोगों को नदी में उतरने से मना किया था, लेकिन कुछ युवक मूर्ति लेकर पानी में उतर गए और तीन युवक डूबने लगे। ग्रामीणों ने सत्यम और अनु को बचा लिया, लेकिन लालजीत सिंह लल्ला (22) पानी में लापता हो गया।घटना की जानकारी मिलते ही रामपुरा थाना प्रभारी संजीव कुमार कटियार, उपजिलाधिकारी माधौगढ़ सुरेशचंद्र पाल और क्षेत्राधिकारी रामसिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और गोताखोरों की मदद से लालजीत सिंह की तलाश शुरू की। लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है। गहरे पानी में विसर्जित न करने की हिदायत दी लालजीत सिंह भारतीय सेना में भर्ती होने की तैयारी कर रहा था और अपने परिवार में सबसे छोटा था। इससे पहले भी उसने सेना की भर्ती प्रक्रिया में भाग लिया था। लेकिन मेरिट में एक अंक कम होने के कारण चयन नहीं हो पाया था। इस दुखद घटना के पीछे का कारण यह है कि पुलिस द्वारा पहले ही मूर्ति को नदी के गहरे पानी में विसर्जित न करने की हिदायत दी गई थी, लेकिन इसके बावजूद मूर्ति को पानी में उतारने की जिद के कारण यह हादसा हो गया।मूर्ति विसर्जन के दौरान नहीं हुआ हादसा उप जिलाधिकारी सुरेश पाल ने बताया- तीनों युवक दोपहर के वक्त सिंध नदी में नहाने गए थे और तैरना जानते थे। मगर पानी के तेज बहाव में बहने लगे थे। जिसमें दो सकुशल तैरकर किनारे पहुंच गए। जबकि 22 वर्षीय युवक लखपत बह गया। जिसकी तलाश के लिए गोताखोरों को लगाया गया है। हादसा मूर्ति विसर्जन के दौरान नहीं हुआ।
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