आंगनबाड़ी केन्द्रों पर मनाया गया गोदभराई दिवस
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि कानपुर देहात जिले में 1788 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर कार्यक्रम हुआ। गर्भवती की हुई गोदभराई, पोषण की बात बताई
कानपुर देहात। जिला कार्यक्रम अधिकारी राकेश यादव ने बताया कि बुधवार को कानपुर देहात जिले के सभी 1788 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर गोदभराई दिवस मनाया गया। आयोजन के दौरान लाभार्थी महिलाओं और उनके परिवार वालों को पोषण संबंधी खास जानकारियां दी गई।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण वर्ष 2015-16 (NFHS-4) के अनुसार कानपुर देहात जनपद में 56 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं खून की कमी से ग्रसित थीं। जिले में 6.9 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं ही 100 या उससे ज्यादा दिन ही आयरन फोलिक एसिड की गोली का सेवन करती हैं। इसलिए जनजागरूकता की जरूरत है। इस समस्या से निपटने के लिए स्वास्थ्य और आईसीडीएस विभाग की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में हर माह आंगनबाड़ी केन्द्रों पर गोदभराई दिवस मनाया जाता है। इस आयोजन के दौरान गर्भवती और भ्रूण के उज्ज्वल भविष्य हेतु मंगल गीत गाये जाते हैं और जागरूकता बैठक की जाती है। इसके साथ ही सुपोषण स्वास्थ्य मेला, ग्राम स्वास्थ्य व पोषण दिवस पर कार्यक्रम आयोजित होते हैं। उन्होने बताया कि आयरन की गोलियों की आपूर्ति को सुनिश्चित करवाया जा रहा है। साथ ही सभी कार्यकर्ताओं कत्रियों को निर्देशित किया गया है कि वह नियमित गृह भृमण कर लाभार्थियों को परामर्श प्रदान करती रहें।
अधिकारियों भी रहे मौजूद
अकबरपुर ब्लॉक के तिगाई आंगनबाड़ी केंद्र पर गर्भवती महिलाओं की गोदभराई की गई। इस दौरान स्वस्थ भारत प्रेरक ओइंदिरा दास, परियोजना अधिकारी व वाह सुपरवाइजर राम किशोर त्रिपाठी आँगनवाड़ी कार्यकत्रियां शैलेश कुमारी आंगनबाड़ी सहायिका श्यामा कुमारी गर्भवती महिलाएं भावना अनीता शहनाज फातिमा बेगम रूबी आदि मौजूद रहे। सुपरवाइजर राम किशोरी त्रिपाठी ने बताया कि गोदभराई दिवस का उद्देश्य महिलाओं को पोषण के लिए जागरूक व प्रोत्साहित करना है। ताकि महिलाएं मुख्य रूप से 10 में से 5 खाद्य समूह का सेवन व नियमित आईएफए गोलियों का सेवन करें।
गर्भवती हैं तो यह खाएं
डॉक्टर की सलाह पर गर्भवती महिलाएं निम्नलिखित 10 खाद्य, समूह में से प्रतिदिन कम से कम 5 खाद्य का सेवन अवश्य करें, अनाज व कंदमूल, दालें और फलियां, सूखे मेवे, दूध व उससे निर्मित खाद्य पदार्थ, अंडा
मांस व मछली, विटामिन ए युक्त पीले फल व सब्जियां, हरी व पत्तेदार सब्जियां, फल-सब्जियां।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि कानपुर देहात जिले में 1788 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर कार्यक्रम हुआ। गर्भवती की हुई गोदभराई, पोषण की बात बताई
कानपुर देहात। जिला कार्यक्रम अधिकारी राकेश यादव ने बताया कि बुधवार को कानपुर देहात जिले के सभी 1788 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर गोदभराई दिवस मनाया गया। आयोजन के दौरान लाभार्थी महिलाओं और उनके परिवार वालों को पोषण संबंधी खास जानकारियां दी गई।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण वर्ष 2015-16 (NFHS-4) के अनुसार कानपुर देहात जनपद में 56 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं खून की कमी से ग्रसित थीं। जिले में 6.9 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं ही 100 या उससे ज्यादा दिन ही आयरन फोलिक एसिड की गोली का सेवन करती हैं। इसलिए जनजागरूकता की जरूरत है। इस समस्या से निपटने के लिए स्वास्थ्य और आईसीडीएस विभाग की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में हर माह आंगनबाड़ी केन्द्रों पर गोदभराई दिवस मनाया जाता है। इस आयोजन के दौरान गर्भवती और भ्रूण के उज्ज्वल भविष्य हेतु मंगल गीत गाये जाते हैं और जागरूकता बैठक की जाती है। इसके साथ ही सुपोषण स्वास्थ्य मेला, ग्राम स्वास्थ्य व पोषण दिवस पर कार्यक्रम आयोजित होते हैं। उन्होने बताया कि आयरन की गोलियों की आपूर्ति को सुनिश्चित करवाया जा रहा है। साथ ही सभी कार्यकर्ताओं कत्रियों को निर्देशित किया गया है कि वह नियमित गृह भृमण कर लाभार्थियों को परामर्श प्रदान करती रहें।
अधिकारियों भी रहे मौजूद
अकबरपुर ब्लॉक के तिगाई आंगनबाड़ी केंद्र पर गर्भवती महिलाओं की गोदभराई की गई। इस दौरान स्वस्थ भारत प्रेरक ओइंदिरा दास, परियोजना अधिकारी व वाह सुपरवाइजर राम किशोर त्रिपाठी आँगनवाड़ी कार्यकत्रियां शैलेश कुमारी आंगनबाड़ी सहायिका श्यामा कुमारी गर्भवती महिलाएं भावना अनीता शहनाज फातिमा बेगम रूबी आदि मौजूद रहे। सुपरवाइजर राम किशोरी त्रिपाठी ने बताया कि गोदभराई दिवस का उद्देश्य महिलाओं को पोषण के लिए जागरूक व प्रोत्साहित करना है। ताकि महिलाएं मुख्य रूप से 10 में से 5 खाद्य समूह का सेवन व नियमित आईएफए गोलियों का सेवन करें।
गर्भवती हैं तो यह खाएं
डॉक्टर की सलाह पर गर्भवती महिलाएं निम्नलिखित 10 खाद्य, समूह में से प्रतिदिन कम से कम 5 खाद्य का सेवन अवश्य करें, अनाज व कंदमूल, दालें और फलियां, सूखे मेवे, दूध व उससे निर्मित खाद्य पदार्थ, अंडा
मांस व मछली, विटामिन ए युक्त पीले फल व सब्जियां, हरी व पत्तेदार सब्जियां, फल-सब्जियां।

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