☀फ़तेहपुर ख़ास ख़बर -
जांच के नाम पर कोरा मज़ाक, कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति
जनपद में इन दिनों पुलिस व्यवस्था कमजोर अफसर शाही की वजह से लड़खड़ाई हुई है अफसर ठीक-ठाक जवाब न देकर सिर्फ जांच की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। जिसकी वजह से पीड़ित दर-दर भटक रहे हैं उनके सामने कोई विकल्प नहीं नजर आ रहा है।
बता दें कि सदर कोतवाली की पुलिस इन दिनों अपनी कारगुजारी को लेकर बेहद चर्चा में है लेकिन जांच के नाम पर हफ्तों से पीड़ित भटक रहे हैं। जबकि आज तक जांच अधिकारी ने उनसे मामलों को लेकर कोई बयान नहीं लिया है। जांच अधिकारी फाइल को अपने ऑफिस में रखकर भूल गए हैं जिसकी वजह से आरोपियों के हौसले बुलंद हैं और वह शेखी बघारते हुए जगह-जगह देखे जा सकते हैं।
बता दें कि पहला मामला लगभग 15 दिन पूर्व सदर कोतवाली क्षेत्र के पहाड़ीपुर मजरे सनगांव का है जहां कोतवाली के हल्का दरोगा इंद्रजीत गौतम ने आईजीआरएस की जांच निपटाने के नाम पर मौके पर बैठकर विवादित मामले में एक पक्ष के हक में फैसला करके दीवार खड़ी करवा डाला। इनके साथ हल्का लेखपाल सुरेंद्र भी मौजूद थे जिन्होंने उपजिलाधिकारी को दिए गए अपने स्पष्टीकरण में यह बताया कि उन्होंने विवादित स्थान पर कोई निर्माण नहीं कराया है बल्कि वह दरोगा इंद्रजीत गौतम के बुलाने पर मौके पर गए थे इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि दरोगा इंद्रजीत ने व्यक्तिगत लाभ के चलते मौके पर निर्माण करवाया था। जबकि आईजीआरएस निस्तारण में प्रार्थना पत्र का निस्तारण करके रिपोर्ट भेजी जाती है ना की मौके पर बिना किसी आदेश के किसी एक के पक्ष में दीवार खड़ी करवा देना। जबकि यह मामला राजस्व से जुड़ा है लेकिन लेखपाल का स्पष्ट कहना है कि उसने कोई निर्माण नहीं कराया है। इस मामले पर जांच जारी है। इसी प्रकार दूसरा मामला सदर कोतवाली के अंदर का है जहां गंभीर धाराओं के एक अभियुक्त आर एन सिंह ने हथकड़ी पहने हुए अपने साथियों के साथ पुलिस अभिरक्षा में एक सेल्फी सोशल मीडिया में पोस्ट की। जो चौका देने वाली थी क्योंकि सेल्फी में ली गई फोटो स्पष्ट मामले की सेटिंग की ओर इशारा कर रही थी। आरोप तब और भी मजबूत हो जाता है जब गंभीर धाराओं के आरोपी डॉ आर एन सिंह को गिरफ्तारी व मुकदमे के बाद 2 दिन तक पुलिस ने कोतवाली में बैठा रखा था। इस मामले की भी एक जांच चल रही है।
इसी प्रकार तीसरा मामला सदर कोतवाली के जेल चौकी इंचार्ज सत्य प्रकाश सिंह का है जिनके ऊपर एक युवक सोनू को रास्ते से जबरन उठाकर कोतवाली में सिपाही के साथ मिलकर बेल्टों से बुरी तरह पीटने का व रुपए छीनने का आरोप लगा है इसमें फतेहपुर पुलिस के कई बयान बदलने से मामला स्पष्ट इस ओर इशारा कर रहा है कि दरोगा सत्य प्रकाश सिंह को मामले से बचाने की पूरी कवायद जारी है। जबकि इस मामले की भी जांच पुलिस अधीक्षक द्वारा करवाई जा रही है लेकिन जांच के नाम पर फाइलें ठंडे बस्ते में पड़ी हैं तीनों मामलों में कोई ठोस कार्यवाही ना होने की वजह से आरोपी जगह-जगह बड़ी-बड़ी बातें करते नजर आ रहे हैं। जबकि पीड़ित दर-दर भटक रहे हैं। वही इस बाबत जांच अधिकारी सीओ रामप्रकाश से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने मीटिंग में होने की बात कहकर मामलों से पल्ला झाड़ लिया। जबकि इस मामले में जिले के नोडल अधिकारी व डीआईजी कवींद्र प्रताप सिंह से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन मीटिंग में होने की वजह से उनसे बात नहीं हो पाई।
DHARAM VEER SINGH
जांच के नाम पर कोरा मज़ाक, कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति
जनपद में इन दिनों पुलिस व्यवस्था कमजोर अफसर शाही की वजह से लड़खड़ाई हुई है अफसर ठीक-ठाक जवाब न देकर सिर्फ जांच की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। जिसकी वजह से पीड़ित दर-दर भटक रहे हैं उनके सामने कोई विकल्प नहीं नजर आ रहा है।
बता दें कि सदर कोतवाली की पुलिस इन दिनों अपनी कारगुजारी को लेकर बेहद चर्चा में है लेकिन जांच के नाम पर हफ्तों से पीड़ित भटक रहे हैं। जबकि आज तक जांच अधिकारी ने उनसे मामलों को लेकर कोई बयान नहीं लिया है। जांच अधिकारी फाइल को अपने ऑफिस में रखकर भूल गए हैं जिसकी वजह से आरोपियों के हौसले बुलंद हैं और वह शेखी बघारते हुए जगह-जगह देखे जा सकते हैं।
बता दें कि पहला मामला लगभग 15 दिन पूर्व सदर कोतवाली क्षेत्र के पहाड़ीपुर मजरे सनगांव का है जहां कोतवाली के हल्का दरोगा इंद्रजीत गौतम ने आईजीआरएस की जांच निपटाने के नाम पर मौके पर बैठकर विवादित मामले में एक पक्ष के हक में फैसला करके दीवार खड़ी करवा डाला। इनके साथ हल्का लेखपाल सुरेंद्र भी मौजूद थे जिन्होंने उपजिलाधिकारी को दिए गए अपने स्पष्टीकरण में यह बताया कि उन्होंने विवादित स्थान पर कोई निर्माण नहीं कराया है बल्कि वह दरोगा इंद्रजीत गौतम के बुलाने पर मौके पर गए थे इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि दरोगा इंद्रजीत ने व्यक्तिगत लाभ के चलते मौके पर निर्माण करवाया था। जबकि आईजीआरएस निस्तारण में प्रार्थना पत्र का निस्तारण करके रिपोर्ट भेजी जाती है ना की मौके पर बिना किसी आदेश के किसी एक के पक्ष में दीवार खड़ी करवा देना। जबकि यह मामला राजस्व से जुड़ा है लेकिन लेखपाल का स्पष्ट कहना है कि उसने कोई निर्माण नहीं कराया है। इस मामले पर जांच जारी है। इसी प्रकार दूसरा मामला सदर कोतवाली के अंदर का है जहां गंभीर धाराओं के एक अभियुक्त आर एन सिंह ने हथकड़ी पहने हुए अपने साथियों के साथ पुलिस अभिरक्षा में एक सेल्फी सोशल मीडिया में पोस्ट की। जो चौका देने वाली थी क्योंकि सेल्फी में ली गई फोटो स्पष्ट मामले की सेटिंग की ओर इशारा कर रही थी। आरोप तब और भी मजबूत हो जाता है जब गंभीर धाराओं के आरोपी डॉ आर एन सिंह को गिरफ्तारी व मुकदमे के बाद 2 दिन तक पुलिस ने कोतवाली में बैठा रखा था। इस मामले की भी एक जांच चल रही है।
इसी प्रकार तीसरा मामला सदर कोतवाली के जेल चौकी इंचार्ज सत्य प्रकाश सिंह का है जिनके ऊपर एक युवक सोनू को रास्ते से जबरन उठाकर कोतवाली में सिपाही के साथ मिलकर बेल्टों से बुरी तरह पीटने का व रुपए छीनने का आरोप लगा है इसमें फतेहपुर पुलिस के कई बयान बदलने से मामला स्पष्ट इस ओर इशारा कर रहा है कि दरोगा सत्य प्रकाश सिंह को मामले से बचाने की पूरी कवायद जारी है। जबकि इस मामले की भी जांच पुलिस अधीक्षक द्वारा करवाई जा रही है लेकिन जांच के नाम पर फाइलें ठंडे बस्ते में पड़ी हैं तीनों मामलों में कोई ठोस कार्यवाही ना होने की वजह से आरोपी जगह-जगह बड़ी-बड़ी बातें करते नजर आ रहे हैं। जबकि पीड़ित दर-दर भटक रहे हैं। वही इस बाबत जांच अधिकारी सीओ रामप्रकाश से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने मीटिंग में होने की बात कहकर मामलों से पल्ला झाड़ लिया। जबकि इस मामले में जिले के नोडल अधिकारी व डीआईजी कवींद्र प्रताप सिंह से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन मीटिंग में होने की वजह से उनसे बात नहीं हो पाई।
Comments
Post a Comment