जनपद में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान 25 नवंबर से
एक दिवसीय प्रशिक्षण में जनपद स्तरीय अधिकारियों का किया गया उन्मुखीकरण
कानपुर देहात 21 अक्टूबर 2019
फाइलेरिया रोग पर नियंत्रण करने के उद्देश्य से स्वास्थय विभाग द्वारा 25 नवम्बर से फाइलेरिया निरोधी विशेष अभियान चलाया जायेगा, इसी क्रम में सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभागार में अभियान के लिए जनपद स्तरीय अधिकारियों का उन्मुखीकरण किया गया |
भारत सरकार क द्वारा देश को फाइलेरिया से मुक्त बनाने का लक्ष्य 2020 निर्धारित हैं। अतः जनपद में फाइलेरिया की स्थिति को पता करने के लिए एक सर्वे किया जायेगा साथ ही घर घर जाकर फाइलेरिया रोग से बचाव के लिए लोगों को जागरूक किया जायेगा| अभियान की सफलता को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डॉ हीरा सिंह ने शपथ दिलाई |
संचारी रोग नियंत्रण के नोडल डिप्टी सीएमओ, डॉ एपी वर्मा ने बताया फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है, जिसे सामान्यतः हाथी पाँव के नाम से भी जाना जाता है। इसके मच्छर अधिकतर गंदगी में पनपते हैं। संक्रमित व्यक्ति को काटकर यह मच्छर संक्रमित हो जाते हैं। इसके बाद यही संक्रमित मच्छर स्वस्थ व्यक्ति को काटकर संक्रमित कर देते हैं। इससे संक्रमित व्यक्तियों को हाथी पाँव व हाइड्रोसिल का खतरा बढ़ जाता है। इसके लिए सबसे ज्यादा जरुरी है कि घर और आस-पास मच्छरों को पनपने न दें, साफ़-सफाई रखें, सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें, ताकि इस बीमारी की चपेट में आने से बच सकें। उन्होंने बताया कि 2 वर्ष से नीचे की आयु के बच्चें व गर्भवती माताएं और गंभीर रोग से बीमार व्यक्तियों को दवा सेवन नहीं कराया जाएगा ।
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ मारुती सिंह ने बताया कि यह कार्यक्रम 25 नवम्बर से 10 दिसम्बर तक पूरे जिले में एक साथ चलाया जायेगा। इस दौरान आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, एमपीडब्ल्यू, एएनएम, आशा एवं स्वयंसेवी कार्यकर्ताओं के माध्यम से दवा खिलाने का कार्य घर-घर जाकर किया जायेगा । इसके पश्चात् भी जो व्यक्ति दवा सेवन से वंचित रह जायेंगे, वह अपने पास के उप स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामु. स्वास्थ्य केन्द्र और जिला अस्पताल, मलेरिया कार्यालय से दवा प्राप्त कर सेवन कर सकते हैं। डीएमओ ने बताया कि फाइलेरिया रोग से बचने के लिए आम जनमानस को बर्ष में एक बार इस दवा का सेवन अवश्य करना चाहिए |
स्टेट कोऑर्डिनेटर डॉ तनुज ने बताया कि 1 दिन में 25 घरों में से ही में ही एमडीए व आई डी ए के तहत दवा खिलानी है | इसके लिए आईपीसी संचार को बेहतर करने के लिए आवश्यकता है प्रत्येक व्यक्ति को फलेरिया की दवा के बारे में जानकारी होनी चाहिए इसके लिए ब्लॉक लेवल पर आईपीसी एवं एमडीए के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी
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फाइलेरिया के लक्षण
1. एक या ज़्यादा हाथ व पैरों में (ज़्यादातर पैरों में) सूजन
2. कॅपकॅपी के साथ बुखार आना
3. गले में सूजन आना
4. गुप्तांग एवं जॉघो के बीच गिल्ठी होना तथा दर्द रहना
5. पुरूषों के अंडकोष में सूजन (हाइड्रोसिल) होना
6. पैरों व हाथों की लसिका वाहिकाएं लाल हो जाती हैं
एक दिवसीय प्रशिक्षण में जनपद स्तरीय अधिकारियों का किया गया उन्मुखीकरण
कानपुर देहात 21 अक्टूबर 2019
फाइलेरिया रोग पर नियंत्रण करने के उद्देश्य से स्वास्थय विभाग द्वारा 25 नवम्बर से फाइलेरिया निरोधी विशेष अभियान चलाया जायेगा, इसी क्रम में सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभागार में अभियान के लिए जनपद स्तरीय अधिकारियों का उन्मुखीकरण किया गया |
भारत सरकार क द्वारा देश को फाइलेरिया से मुक्त बनाने का लक्ष्य 2020 निर्धारित हैं। अतः जनपद में फाइलेरिया की स्थिति को पता करने के लिए एक सर्वे किया जायेगा साथ ही घर घर जाकर फाइलेरिया रोग से बचाव के लिए लोगों को जागरूक किया जायेगा| अभियान की सफलता को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डॉ हीरा सिंह ने शपथ दिलाई |
संचारी रोग नियंत्रण के नोडल डिप्टी सीएमओ, डॉ एपी वर्मा ने बताया फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है, जिसे सामान्यतः हाथी पाँव के नाम से भी जाना जाता है। इसके मच्छर अधिकतर गंदगी में पनपते हैं। संक्रमित व्यक्ति को काटकर यह मच्छर संक्रमित हो जाते हैं। इसके बाद यही संक्रमित मच्छर स्वस्थ व्यक्ति को काटकर संक्रमित कर देते हैं। इससे संक्रमित व्यक्तियों को हाथी पाँव व हाइड्रोसिल का खतरा बढ़ जाता है। इसके लिए सबसे ज्यादा जरुरी है कि घर और आस-पास मच्छरों को पनपने न दें, साफ़-सफाई रखें, सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें, ताकि इस बीमारी की चपेट में आने से बच सकें। उन्होंने बताया कि 2 वर्ष से नीचे की आयु के बच्चें व गर्भवती माताएं और गंभीर रोग से बीमार व्यक्तियों को दवा सेवन नहीं कराया जाएगा ।
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ मारुती सिंह ने बताया कि यह कार्यक्रम 25 नवम्बर से 10 दिसम्बर तक पूरे जिले में एक साथ चलाया जायेगा। इस दौरान आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, एमपीडब्ल्यू, एएनएम, आशा एवं स्वयंसेवी कार्यकर्ताओं के माध्यम से दवा खिलाने का कार्य घर-घर जाकर किया जायेगा । इसके पश्चात् भी जो व्यक्ति दवा सेवन से वंचित रह जायेंगे, वह अपने पास के उप स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामु. स्वास्थ्य केन्द्र और जिला अस्पताल, मलेरिया कार्यालय से दवा प्राप्त कर सेवन कर सकते हैं। डीएमओ ने बताया कि फाइलेरिया रोग से बचने के लिए आम जनमानस को बर्ष में एक बार इस दवा का सेवन अवश्य करना चाहिए |
स्टेट कोऑर्डिनेटर डॉ तनुज ने बताया कि 1 दिन में 25 घरों में से ही में ही एमडीए व आई डी ए के तहत दवा खिलानी है | इसके लिए आईपीसी संचार को बेहतर करने के लिए आवश्यकता है प्रत्येक व्यक्ति को फलेरिया की दवा के बारे में जानकारी होनी चाहिए इसके लिए ब्लॉक लेवल पर आईपीसी एवं एमडीए के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी
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फाइलेरिया के लक्षण
1. एक या ज़्यादा हाथ व पैरों में (ज़्यादातर पैरों में) सूजन
2. कॅपकॅपी के साथ बुखार आना
3. गले में सूजन आना
4. गुप्तांग एवं जॉघो के बीच गिल्ठी होना तथा दर्द रहना
5. पुरूषों के अंडकोष में सूजन (हाइड्रोसिल) होना
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