ध्रुव प्रहलाद,सती अनसुईया,दक्ष प्रसंग सुन भावविभोर हुये श्रोता
ढिघरूवा गांव में चल रही श्रीमद्भागवत कथा का चौथा दिन
भागवत कथा में पहुंचे पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री अमरजीत सिंह जनसेवक
भाव विभोर श्रोता भक्त झूम कर किया नृत्य
फतेहपुर।अमौली विकासखंड के ढिघरूवा गांव के श्री बांके बिहारी मंदिर में चल रही संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के चतुर्थ दिवस वृंदावन से आए कथावाचक राघव जी महाराज ने गुरु की सत्ता व महत्ता का व्याख्यान किया उन्होंने कहा कि इस भवसागर से पार होने का एक ही रास्ता है गुरु की सत्ता में रहना।बिना गुरु के इस संसार सागर से कोई पार नहीं हो सकता है उन्होंने चौपाई का उदाहरण देकर के इस बात को सिद्ध किया।कहा गुरु बिन भव निधि तरई ना कोई,जो बिरंचि संकर सम होई...। उन्होंने कहा चाहे वह शंकर के समान क्यों ना हो लेकिन गुरु के बिना भवसागर से तर नहीं सकता है।वह चतुर्थ दिवस श्रद्धालुओं को कथा सुना रहे थे उन्होंने ध्रुव प्रहलाद व नरसिह अवतार प्रसंग को सुना करके श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।माता अनसुईया प्रसंग,महाराजा दक्ष द्वारा यज्ञ का आयोजन भगवान शिव को न आमंत्रित करने आदि के प्रसंग को विस्तार से सुनाया। कथा में पहुंचे पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री अमरजीत जनसेवक ने पूजा अर्चना किया कथा व्यास ने उनका राधे-राधे की पट्टिका पहनाकर के स्वागत किया। कथा के दौरान भजनों में श्रद्धालु भक्त झूमते रहे परीक्षित राजेश अवस्थी अपनी धर्म पत्नी ममता अवस्थी के साथ कथा श्रवण कर रहे हैं। प्रमुख रुप से कार्यक्रम में पवन अवस्थी,आचार्य पुष्पेंद्र चतुर्वेदी,कृष्णा तिवारी,अनुपम, शैलेन्द्र,अंकित दिक्षित,सर्वेश अवस्थी, शुभम मिश्रा,गोलू पान्डेय, कमलेश तिवारी,भारत लाल तिवारी, राममोहन शुक्ला,ऋषि बाजपेई,कैलाश शुक्ला, कमलेश उमराव मुन्ना तिवारी सॉरी पांडे वीरेन्द्र दिक्षित राममोहन शुक्ला सोमेश्वर उमराव पुत्तीलाल मिश्रा आदि उपस्थित रहे।
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DHARAM VEER SINGH
ढिघरूवा गांव में चल रही श्रीमद्भागवत कथा का चौथा दिन
भागवत कथा में पहुंचे पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री अमरजीत सिंह जनसेवक
भाव विभोर श्रोता भक्त झूम कर किया नृत्य
फतेहपुर।अमौली विकासखंड के ढिघरूवा गांव के श्री बांके बिहारी मंदिर में चल रही संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के चतुर्थ दिवस वृंदावन से आए कथावाचक राघव जी महाराज ने गुरु की सत्ता व महत्ता का व्याख्यान किया उन्होंने कहा कि इस भवसागर से पार होने का एक ही रास्ता है गुरु की सत्ता में रहना।बिना गुरु के इस संसार सागर से कोई पार नहीं हो सकता है उन्होंने चौपाई का उदाहरण देकर के इस बात को सिद्ध किया।कहा गुरु बिन भव निधि तरई ना कोई,जो बिरंचि संकर सम होई...। उन्होंने कहा चाहे वह शंकर के समान क्यों ना हो लेकिन गुरु के बिना भवसागर से तर नहीं सकता है।वह चतुर्थ दिवस श्रद्धालुओं को कथा सुना रहे थे उन्होंने ध्रुव प्रहलाद व नरसिह अवतार प्रसंग को सुना करके श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।माता अनसुईया प्रसंग,महाराजा दक्ष द्वारा यज्ञ का आयोजन भगवान शिव को न आमंत्रित करने आदि के प्रसंग को विस्तार से सुनाया। कथा में पहुंचे पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री अमरजीत जनसेवक ने पूजा अर्चना किया कथा व्यास ने उनका राधे-राधे की पट्टिका पहनाकर के स्वागत किया। कथा के दौरान भजनों में श्रद्धालु भक्त झूमते रहे परीक्षित राजेश अवस्थी अपनी धर्म पत्नी ममता अवस्थी के साथ कथा श्रवण कर रहे हैं। प्रमुख रुप से कार्यक्रम में पवन अवस्थी,आचार्य पुष्पेंद्र चतुर्वेदी,कृष्णा तिवारी,अनुपम, शैलेन्द्र,अंकित दिक्षित,सर्वेश अवस्थी, शुभम मिश्रा,गोलू पान्डेय, कमलेश तिवारी,भारत लाल तिवारी, राममोहन शुक्ला,ऋषि बाजपेई,कैलाश शुक्ला, कमलेश उमराव मुन्ना तिवारी सॉरी पांडे वीरेन्द्र दिक्षित राममोहन शुक्ला सोमेश्वर उमराव पुत्तीलाल मिश्रा आदि उपस्थित रहे।
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