*वार्ड सदस्य ने खोली करोड़ों के करप्शन की पोल तो कर दिया गया 'तड़ीपार', पढ़ें क्या है पूरा मामला*आरोप है कि आरा सदर प्रखंड का पिरौटा पंचायत में मुख्यमंत्री नल-जल योजना सहित कई योजनाएं कार्यान्वित हुईं, लेकिन सिर्फ कागजों पर. धरातल पर कोई काम नहीं हुआ.मो सज्जा बिहार ब्यूरो आरा. पिरौटा पंचायत में मुख्यमंत्री की महत्वकांक्षी योजना नल-जल योजना में करोड़ों का घोटाला सामने आया है. आरोप है कि पंचायत के मुखिया, पंचायत सचिव और पदाधिकारियों की मिलीभगत से इस योजना के लिए करोड़ों रुपये निकाल लिए गए, लेकिन धरातल पर काम नहीं के बराबर हुआ. वहीं जब इस योजना में हुए पैसों के बंदरबांट का खुलासा पंचायत के एक वार्ड सदस्य ने किया तो उसे दबंग मुखिया ने गांव से बाहर रहने को मजबूर कर दिया. पीड़ित वार्ड सदस्य रिक्शा चलाकर अपना और अपने परिवार का पेट भर रहा है.आरोप है कि आरा सदर प्रखंड का पिरौटा पंचायत में मुख्यमंत्री नल-जल योजना सहित कई योजनाएं कार्यान्वित हुईं, लेकिन सिर्फ कागजों पर. धरातल पर कोई काम नहीं हुआ. लाभ से वंचित पंचायत के ग्रामीणों ने आवाज उठाई और इस फेहरिस्त में सबसे आगे उस पंचायत का एक दलित वार्ड सदस्य विनोद राम आया जिसने पंचायत में मुखिया, पंचायत सचिव और आरा प्रखंड कार्यालय के कर्मचारियों और पदाधिकारियों की मिलीभगत से दो करोड़ से ज्यादा रुपयों की बंदरबाट की जानकारी सीनियर पदाधिकारियों को दे दी.
*वार्ड सदस्य ने खोली करोड़ों के करप्शन की पोल तो कर दिया गया 'तड़ीपार', पढ़ें क्या है पूरा मामला*
आरोप है कि आरा सदर प्रखंड का पिरौटा पंचायत में मुख्यमंत्री नल-जल योजना सहित कई योजनाएं कार्यान्वित हुईं, लेकिन सिर्फ कागजों पर. धरातल पर कोई काम नहीं हुआ.
मो सज्जा बिहार ब्यूरो
आरा. पिरौटा पंचायत में मुख्यमंत्री की महत्वकांक्षी योजना नल-जल योजना में करोड़ों का घोटाला सामने आया है. आरोप है कि पंचायत के मुखिया, पंचायत सचिव और पदाधिकारियों की मिलीभगत से इस योजना के लिए करोड़ों रुपये निकाल लिए गए, लेकिन धरातल पर काम नहीं के बराबर हुआ. वहीं जब इस योजना में हुए पैसों के बंदरबांट का खुलासा पंचायत के एक वार्ड सदस्य ने किया तो उसे दबंग मुखिया ने गांव से बाहर रहने को मजबूर कर दिया. पीड़ित वार्ड सदस्य रिक्शा चलाकर अपना और अपने परिवार का पेट भर रहा है.
आरोप है कि आरा सदर प्रखंड का पिरौटा पंचायत में मुख्यमंत्री नल-जल योजना सहित कई योजनाएं कार्यान्वित हुईं, लेकिन सिर्फ कागजों पर. धरातल पर कोई काम नहीं हुआ. लाभ से वंचित पंचायत के ग्रामीणों ने आवाज उठाई और इस फेहरिस्त में सबसे आगे उस पंचायत का एक दलित वार्ड सदस्य विनोद राम आया जिसने पंचायत में मुखिया, पंचायत सचिव और आरा प्रखंड कार्यालय के कर्मचारियों और पदाधिकारियों की मिलीभगत से दो करोड़ से ज्यादा रुपयों की बंदरबाट की जानकारी सीनियर पदाधिकारियों को दे दी.
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