प्रकाशनार्थ
दिनांक:_23/04/2020
रमजान में अपने ही घरों में ही रहकर करें इबादत ,समय की यही मांग___हाफिज व कारी मोहम्मद जिकरुल्लाह
गोरखपुर शहर के मशहूर इस्लामिक धर्मगुरु व मदरसा अंजुमन इस्लामिया के शिक्षक (उस्ताद) मौलाना,हाफिज व कारी मोहम्मद जिकरुल्लाह ने लोगों से अपील की है की माहे रमजान में हम सबको उन तमाम हिदायत की पाबंदी करना जरूरी है जो कोरोना वायरस के मुकाबले में पिछले 1 महीने से हम सब करते चले आ रहे हैं और अभी भी उन पर अमल कर रहे हैं।
यकीनन तमाम महीनों में माहे रमजान का महीना इबादतो के लिए सबसे बेहतरीन है। और इबादतों में बेहतरीन इबादत अल्लाह के बंदों की सलामती का ख्याल रखना है। इसलिए ऐसे वक्त में जब पूरी दुनिया इस महामारी से लड़ रही है। जिससे बचने का सबसे बेहतरीन इलाज लॉक डाउन की पाबंदी करना है और उसका पालन करना है।
इसलिए ऐसे समय में बेहतर और जरूरी है कि हम मस्जिदों की बजाये अपने अपने घरों में ही अपनी इबादतों को अंजाम दे।
क्योंकि इस वर्ष रमजान का पवित्र महीना 25 अप्रैल से शुरू हो रहा है ।25 अप्रैल से लेकर 3 मई तक का जो दौर है जिसमें पहला अशरा कहते हैं वह लाक डाउन की अवधि में 10 दिन रोजे बीत जाएंगे और पहला अशरा खत्म हो जाएगा। जिसको लेकर लोगों से अपील किया की वह अपने घरों में रहे और सोशल डिस्टेंसिंग के हिसाब से इफ्तार और तरावी का काम अंजाम दें।
और हुकूमती हदायात या हमारे मेडिकल इदारो ने जो मशवरो दिये है उस पर पूरी तरीके से अमल करें।
खुसूसी तौर पर सदका करें ताकि अल्लाह ताला इस वबा(महामारी) से खासतौर पर हमारे मुल्क की और पूरी दुनिया की हिफाजत फरमाए। और हिंदुस्तान में रहने वाले मुसलमानों से अपील करना चाहता हूं की रमजान के इस मुबारक महीने में मुल्क की सलामती और बका के लिए खासतौर पर ज्यादा से ज्यादा दुआ करें।क्योंकि देश इस वक्त संकट से गुजर रहा है और कोरोनावायरस का एकमात्र विकल्प तथा बचने की तैयारी यही है कि लोग अपने घरों में रहें स्वस्थ रहें तथा भारत को कोरोना मुक्त बनाने में सहयोग करें।
बीपीमिश्र रिपोर्ट गोरखपुर
प्रकाशनार्थ
मौलाना ,हाफिज व कारी मोहम्मद जिकरुल्लाह
इस्लामिक धर्मगुरु व वरिष्ठ समाजसेवी
दिनांक:_23/04/2020
रमजान में अपने ही घरों में ही रहकर करें इबादत ,समय की यही मांग___हाफिज व कारी मोहम्मद जिकरुल्लाह
गोरखपुर शहर के मशहूर इस्लामिक धर्मगुरु व मदरसा अंजुमन इस्लामिया के शिक्षक (उस्ताद) मौलाना,हाफिज व कारी मोहम्मद जिकरुल्लाह ने लोगों से अपील की है की माहे रमजान में हम सबको उन तमाम हिदायत की पाबंदी करना जरूरी है जो कोरोना वायरस के मुकाबले में पिछले 1 महीने से हम सब करते चले आ रहे हैं और अभी भी उन पर अमल कर रहे हैं।
यकीनन तमाम महीनों में माहे रमजान का महीना इबादतो के लिए सबसे बेहतरीन है। और इबादतों में बेहतरीन इबादत अल्लाह के बंदों की सलामती का ख्याल रखना है। इसलिए ऐसे वक्त में जब पूरी दुनिया इस महामारी से लड़ रही है। जिससे बचने का सबसे बेहतरीन इलाज लॉक डाउन की पाबंदी करना है और उसका पालन करना है।
इसलिए ऐसे समय में बेहतर और जरूरी है कि हम मस्जिदों की बजाये अपने अपने घरों में ही अपनी इबादतों को अंजाम दे।
क्योंकि इस वर्ष रमजान का पवित्र महीना 25 अप्रैल से शुरू हो रहा है ।25 अप्रैल से लेकर 3 मई तक का जो दौर है जिसमें पहला अशरा कहते हैं वह लाक डाउन की अवधि में 10 दिन रोजे बीत जाएंगे और पहला अशरा खत्म हो जाएगा। जिसको लेकर लोगों से अपील किया की वह अपने घरों में रहे और सोशल डिस्टेंसिंग के हिसाब से इफ्तार और तरावी का काम अंजाम दें।
और हुकूमती हदायात या हमारे मेडिकल इदारो ने जो मशवरो दिये है उस पर पूरी तरीके से अमल करें।
खुसूसी तौर पर सदका करें ताकि अल्लाह ताला इस वबा(महामारी) से खासतौर पर हमारे मुल्क की और पूरी दुनिया की हिफाजत फरमाए। और हिंदुस्तान में रहने वाले मुसलमानों से अपील करना चाहता हूं की रमजान के इस मुबारक महीने में मुल्क की सलामती और बका के लिए खासतौर पर ज्यादा से ज्यादा दुआ करें।क्योंकि देश इस वक्त संकट से गुजर रहा है और कोरोनावायरस का एकमात्र विकल्प तथा बचने की तैयारी यही है कि लोग अपने घरों में रहें स्वस्थ रहें तथा भारत को कोरोना मुक्त बनाने में सहयोग करें।
प्रकाशनार्थ
मौलाना ,हाफिज व कारी मोहम्मद जिकरुल्लाह
इस्लामिक धर्मगुरु व वरिष्ठ समाजसेवी


Comments
Post a Comment