*शीश महल दरगाह पर अकीदत के साथ मनाया गया हजरत इमाम हुसैन का चेहल्लुम*
हजरत इमाम हुसैन इंसानियत के तरफदार और इंसाफ के पैरोकार थे : सज्जाद अली रहमानी
हजरत इमाम हुसैन ने रहती दुनिया तक इस्लाम को जिन्दा कर गये : लड्डन खान
हजरत इमाम हुसैन की शहादत सभी के लिए नजीर है : असरार आलम
*वरिष्ठ संवाददाता,गोरखपुर*
गोरखपुर। जाफरा बाजार स्थित शीश महल दरगाह में ऑल इण्डिया उर्स कमेटी के अध्यक्ष मुहम्मद रजा लड्डन खान, प्रमुख महासचिव मुर्तजा हुसैन रहमानी एवं महासचिव असरार आलम की मौजूदगी में शहीद-ए- कर्बला हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत के 40 दिन पूरे होने पर उनके चेहल्लुम का आयोजन हजरत सैयद गाजी मोमिन शीश अली शाह (रअ) के शीश महल दरगाह पर गद्दीनशीन व इंतजामकार सज्जाद अली रहमानी की देखरेख में आयोजित किया गया। इस अवसर पर चेहल्लुम के मौके पर शीश अली शाह (रअ) के मजार शरीफ पर चादर पेश कर नियाज-फातेहा किया गया। तत्पश्चात हजरत इमाम हुसैन की जिंदगी पर रोशनी डाली गयी।
इस मौके पर शीश महल दरगाह पर लोगों को खिताब करते हुए गद्दीनशीन सज्जाद अली रहमानी ने कहा कि हजरत इमाम हुसैन इंसानियत के तरफदार और इंसाफ के पैरोकार थे। उन्होंने कहा कि मजहब-ए- इस्लाम के प्रवर्तक और पैगंबर हजरत मोहम्मद (सल्लाहलाहु अलैहि व सल्लम) के हजरत इमाम हुसैन नवासे थे। रहमानी ने कहा कि यजीद दरअसल एक शातिर शख्स था, जिसके दिमाग में फितुर (प्रपंच) और दिल में जहर भरा हुआ था। चूंकि यजीद जबर्दस्ती खलीफा बन बैठा था, इसलिए उसे हमेशा हजरत इमाम हुसैन से डर लगा रहता था। उन्होंने कहा कि यजीद के आतंक की वजह से लोग चुप थे। हजरत इमाम हुसैन चूंकि इंसाफ के पैरोकार और इंसानियत के तरफदार थे, इसलिए उन्होंने यजीद से बैअत नहीं की।
इस अवसर पर ऑल इण्डिया उर्स कमेटी के अध्यक्ष मुहम्मद रजा लड्डन खान ने कहा कि हजरत इमाम हुसैन ने रहती दुनिया तक इस्लाम को जिन्दा कर गये। उन्होंने कहा कि यजीद एक क्रूर बादशाह था। यजीद खिलाफत यानी सत्ता का नेतृत्व हथियाकर वह खूंखार और अत्याचारी भी हो गया था। इमाम हुसैन ने हक और इंसाफ के लिए इंसानियत का परचम उठाकर यजीद से जंग करते हुए शहीद होना बेहतर समझा लेकिन यजीद जैसे बेईमान और भ्रष्ट शासक से बैअत करना मुनासिब नहीं समझा।इस अवसर पर इमामचौक मुतवल्ली एक्शन कमेटी के अध्यक्ष अब्दुल्लाह ने कहा कि मजीद जंग जीतकर हार गया। हजरत इमाम हुसैन सजदे में सर देकर पूरे मानव समाज के लिए प्रेरणा बन गये।ऑल इण्डिया उर्स कमेटी के महासचिव असरार आलम ने कहा कि हजरत इमाम हुसैन की शहादत सभी के लिए नजीर है। वह प्यासे और भूखे रहकर बड़ी बहादुरी से ईमान और इंसाफ के लिए यजीद और उसकी सेना से जंग लड़ते रहे।
मौके पर प्रमुख महासचिव मुर्तजा हुसैन रहमानी ने कहा कि हजरत इमाम हुसैन का चेहल्लुम शीश महल दरगाह पर मनाकर उन्हें खिराजे अकीदत पेशकर याद किया गया। उन्होंने कहा कि हजरत इमाम हुसैन की शहादत दरअसल दिलेरी की दास्तान है, जिसमें इंसानियत की इबारत लिखी गयी है।
इस मौके पर मुख्य रूप से अतहर आलम, गौहर अली, शायरे इस्लाम एजाज गोरखपुरी, फैसल अंसारी, एडवोकेट नफीस अख्तर, मकसूद अहमद, फारुख अहमद, कामरेड अल्ताफ हुसैन, अब्दुल्लाह, मुहम्मद रजा लड्डन खान, असरार आलम, मुर्तजा हुसैन रहमानी, कैफूर्रहमान, रिजवान कादरी, ओसामा कमाल, शादाब आलम, आकिब कुरैशी, सद्दाम हुसैन, अल्तमश हुसैन रहमानी, अहद अली रहमानी आदि लोग मौजूद रहे।
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