*झांसी के एक गांव में अब नहीं होगी कोई तेरहवींः पंचायत में मृत्युभोज का बहिष्कार*
इंसेट 👉 न कोई तेरहवीं करेगा और न ही इसमें शामिल होगा
*दैनिक न्यूज वर्ल्ड ब्यूरो, झांसी– वीरेंद्र वर्मा/ लालता प्रसाद*
झांसी: बुंदेलखंड जनपद झांसी के एक गांव में अब कोई तेरहवीं यानी मृत्युभोज नहीं होगा। यदि किसी को कुछ करने की इच्छा है तो वे मृत्युभोज की बजाय गरीबों को दान कर सकेंगे या फिर पुण्य आत्मा की स्मृति में जनहित का कोई काम करवा सकेंगे। यह निर्णय खुली पंचायत में सभी की सहमति से गांव के लोगों ने लिया है। पूरा मामला टोड़ी फतेहपुर थाना क्षेत्र के रेवन गांव का है। पंचायत की मृत्युभोज बंद करने का सुझाव रेवन गांव में एक खुली पंचायत रखी गई। इसमें काफी संख्या में गांव के लोग शामिल हुए। इसमें वरिष्ठ नागरिकों ने सुझाव दिया कि मृत्युभोज की परंपरा बंद होनी चाहिए। विशाल सिंह यादव ने कहा- मृत्युभोज शास्त्र सम्मत नहीं, यह किसी के लिए दिखावा है तो ज्यादातर के लिए समाज क्या कहेगा... वाली मजबूरी है। अब लोग शादियों जैसे बड़े रूप में इसका आयोजन करने लगे हैं। इससे कई लोग कर्ज में भी दब जाते हैं। ऐसा दिखावा किस काम का, जो गरीब को कर्जदार बना दे। ऐसी कुप्रथा बंद होनी चाहिए।अन्य गांवों के लिए नजीर बन सकता है रेवन में पंचायत के माध्यम से मृत्युभोज को बंद किए जाने का निर्णय क्षेत्र में चर्चा का विषय बना है। लोग इसका जमकर समर्थन और प्रशंसा कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि पंचायत के इस निर्णय को जल्द ही आसपास के क्षेत्र में भी माना जाए। इससे सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकता है। यह फैसला अन्य गांवों के लिए भी नजीर बन सकता है। प्रधान बोले- ये गांव का बड़ा फैसला रेवन गांव के प्रधान प्रेमनारायण सिंह यादव का कहना है कि मृत्युभोज को बंद करना गांव का बड़ा फैसला है। यह निर्णय गांव के सभी वरिष्ठ प्रबुद्धजनों की ओर से गांव के हित और सर्व समाज के हित में लिया गया है। इससे आने वाले दिनों में अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे। मृत्युभोज बंद किए जाने का निर्णय समाज में फैली कुरीतियों को खत्म करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
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