*नीलगाय के झुंड से किसान परेशान खेतों में खड़ी फसल कर रहे चौपट*
(मनासा-से राकेश शर्मा की कलम से)
मनासा-रामपुरा-ग्रामीण अंचल में नीलगाय भी किसानों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर रही है खेत में 15 से 20 नील गायों का झुंड निकलता है वहां पूरी तरह से फसल चौपट हो जाती है अंचल में 200 से 300 नील गायों का झुंड घूमता रहता है यह नीलगाय 15 से 20 नील गायों का झुंड जिस खेत से होकर निकलता है उसमें मानो जैसे सड़क मार्ग जैसी हालत होकर नील गायों की वजह से किसानों में काफी असंतोष देखा गया प्रशासन की तरफ से नील गायों को पकड़ने का कोई प्लान नहीं है 2 वर्ष पूर्व सरकार ने नील गायों को पकड़ने के लिए बोमा पद्धति अपनाकर लाखों रुपए खर्च किए किए थे और नतीजा मात्र 15 से 20 नीलगाय पकड़ में आई थी किसानों को दिन-रात खेतों में भयंकर सर्दी में रातिजगा करना पड़ता है किसानों के अनुसार नील गायों का झुंड जहां बैठ जाता है वहां फसल पूरी तरह चौपट हो जाती है किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान जिस खेत में फसल पीला रखी हो खेत में नील गायों का झुंड निकलने से 1 फीट तक गड्ढे हो जाते हैं उस जगह पर फसल पूरी तरह जमींजोद हो जाती हैं किसान सत्यनारायण खमोरिया का कहना है कि प्रशासन जल्द से जल्द नील गायों को पकड़ने की योजना बनाकर प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए
(मनासा-से राकेश शर्मा की कलम से)
मनासा-रामपुरा-ग्रामीण अंचल में नीलगाय भी किसानों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर रही है खेत में 15 से 20 नील गायों का झुंड निकलता है वहां पूरी तरह से फसल चौपट हो जाती है अंचल में 200 से 300 नील गायों का झुंड घूमता रहता है यह नीलगाय 15 से 20 नील गायों का झुंड जिस खेत से होकर निकलता है उसमें मानो जैसे सड़क मार्ग जैसी हालत होकर नील गायों की वजह से किसानों में काफी असंतोष देखा गया प्रशासन की तरफ से नील गायों को पकड़ने का कोई प्लान नहीं है 2 वर्ष पूर्व सरकार ने नील गायों को पकड़ने के लिए बोमा पद्धति अपनाकर लाखों रुपए खर्च किए किए थे और नतीजा मात्र 15 से 20 नीलगाय पकड़ में आई थी किसानों को दिन-रात खेतों में भयंकर सर्दी में रातिजगा करना पड़ता है किसानों के अनुसार नील गायों का झुंड जहां बैठ जाता है वहां फसल पूरी तरह चौपट हो जाती है किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान जिस खेत में फसल पीला रखी हो खेत में नील गायों का झुंड निकलने से 1 फीट तक गड्ढे हो जाते हैं उस जगह पर फसल पूरी तरह जमींजोद हो जाती हैं किसान सत्यनारायण खमोरिया का कहना है कि प्रशासन जल्द से जल्द नील गायों को पकड़ने की योजना बनाकर प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए

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