*सूचना सम्प्रेषण में दिक्कत शिजोफ्रेनिया के लक्षण- डॉ आमिल हयात खान*
*वरिष्ठ संवाददाता-बीपीमिश्र*
गोरखपुर।सीआरसी में आज विश्व मनोविदलता दिवस के अवसर पर एक जन-जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बीआरडी मेडिकल कॉलेज के डॉ आमिल हयात खान ने कहा कि शिजोफ्रेनिया के मरीज अपने अंदर एक ऐसा विश्वास विकसित कर लेते हैं कि कोई ना कोई उनके खिलाफ षड्यंत्र कर रहा है। जिससे वे मानसिक समस्या का सामना करते हैं। शिजोफ्रेनिया अब लाइलाज नहीं है बल्कि इसे उचित काउंसलिंग और दवा द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है। बुद्धा पीजी कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ अमृतांशु शुक्ला ने कहा कि यदि हमें कोई बात सही से समझना है तो अपने दृष्टिकोण को विस्तारित करना होगा। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम समन्वयक श्री राजेश कुमार ने किया। इस अवसर पर सीआरसी गोरखपुर के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर श्री नीरज मधुकर ने कहा कि शिजोफ्रेनिया मुख्य रूप से जागरूकता से संबंधित एक डिसऑर्डर है जिसके लिए सीआरसी और बीआरडी मेडिकल कालेज तथा एम्स से संपर्क किया जा सकता है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में लीलावती डिग्री कॉलेज कालेज, देवरिया की बीएड की छात्राओं ने प्रतिभाग किया। विश्व मनोविदलता दिवस के अवसर पर एक ऑनलाइन वेबिनार का भी आयोजन किया गया। वेबिनार को डॉक्टर पारुल प्रसाद एवं रामजी लाल ने संबोधित करते हुए मनोविदलता के लक्षण और पहचान पर अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर कार्यक्रम समन्वयक श्री राजेश कुमार यादव नागेंद्र पांडे सहित सीआरसी गोरखपुर के सभी अधिकारी और कर्मचारी गण मौजूद रहे।
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