*सामाजिक संप्रेषण में कमी स्वलीनता का लक्षण है-डॉ महिमा मित्तल*
*वरिष्ठ संवाददाता-बीपीमिश्र*
गोरखपुर।सीआरसी में जन-जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत आज स्वालीनता की पहचान, हस्तक्षेप और प्रबंधन विषय पर एक दिवसीय जन-जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एम्स गोरखपुर कि डॉ महिमा मित्तल ने कहा कि स्वालीन बच्चों में सामान्य रूप से सामाजिक संप्रेषण की कमी पाई जाती है। जिससे उनका व्यवहार भी प्रभावित होता है। अभिभावकों को अपने बच्चों के मनोसंवेज्ञों को समझते हुए उनके साथ काम करना चाहिए तथा उचित थेरेपी लेनी चाहिए। पहचान होने के बाद उनको पुनर्वास केंद्र पर ले जाने में देरी नहीं करनी चाहिए। सीआरसी गोरखपुर के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर श्री नीरज मधुकर ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए स्वालीनता की पहचान और प्रबंधन पर आधारित इस कार्यक्रम की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त की। इस अवसर पर कार्यक्रम समन्वयक श्री रॉबिन सहित सीआरसी गोरखपुर के सभी अधिकारी और कर्मचारी गण मौजूद रहे। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में दिव्यांगजन और उनके अभिभावकों ने प्रतिभाग किया।
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