आखिर राजनीति की भेंट चढ गया दरोगा, कथित भाजपा नेता के खिलाफ दरोगा ने दर्ज कराया था मुकदमा कुंडा। राजनीतिक दबाव में आखिर दरोगा का ट्रांसफर दूसरे थाने में कर दिया गया है। सोची समझी रणनीति के तहत किए गए इस ट्रांसफर पर एसआई ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की है। उनका कसूर इतना था कि फोन पर गाली गलौज करने वाले एक युवक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी थी। बाघराय थाने में तैनात दरोगा मुन्नीलाल ने कुछ महीने पहले एक जमीन के विवाद में मौका निरीक्षण किया था। इसके बाद उनके पास एक कथित भाजपा नेता का फोन आया। इसमें कथित भाजपा नेता ने उनके साथ अभद्रता करते हुए गाली गलौज की थी। यही नहीं कथित भाजपा नेता ने बाबागंज विधायक पर भी अभद्र टिप्पणी की थी। इसके चलते बाबागंज विधायक समेत अन्य जनसत्तादल के नेताओं ने थाने का घेराव करते हुए तहरीर दी थी। अधिकारियों ने उनकी तहरीर पर रिपोर्ट न दर्ज करते हुए एसआई की तहरीर पर संबंधित के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर ली थी। इसी मामले में कुछ राजनीतिक लोग दरोगा पर समझौते का दबाव बना रहे थे। दरोगा के नहीं मानने पर शीर्ष अधिकारियों पर दबाव बनाते हुए उनका ट्रांसफर कर दिया गया। हालत यह है कि फोन पर की गई अभद्र टिप्पणी करने वाले पर कार्रवाई करने के बजाए प्रशासन उसी का समर्थन कर रहा है। दरोगा ने इस ट्रांसफर से नाराजगी जाहिर करते हुए जानमाल का खतरा जताया है। उनका कहना है कि उन पर जानलेवा हमला किया जा सकता है। फिलहाल इस कार्रवाई से विभागीय लोगों में असंतोष व्याप्त है।
कथित भाजपा नेता के खिलाफ दरोगा ने दर्ज कराया था मुकदमा
कुंडा। राजनीतिक दबाव में आखिर दरोगा का ट्रांसफर दूसरे थाने में कर दिया गया है। सोची समझी रणनीति के तहत किए गए इस ट्रांसफर पर एसआई ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की है। उनका कसूर इतना था कि फोन पर गाली गलौज करने वाले एक युवक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी थी।
बाघराय थाने में तैनात दरोगा मुन्नीलाल ने कुछ महीने पहले एक जमीन के विवाद में मौका निरीक्षण किया था। इसके बाद उनके पास एक कथित भाजपा नेता का फोन आया। इसमें कथित भाजपा नेता ने उनके साथ अभद्रता करते हुए गाली गलौज की थी। यही नहीं कथित भाजपा नेता ने बाबागंज विधायक पर भी अभद्र टिप्पणी की थी। इसके चलते बाबागंज विधायक समेत अन्य जनसत्तादल के नेताओं ने थाने का घेराव करते हुए तहरीर दी थी। अधिकारियों ने उनकी तहरीर पर रिपोर्ट न दर्ज करते हुए एसआई की तहरीर पर संबंधित के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर ली थी। इसी मामले में कुछ राजनीतिक लोग दरोगा पर समझौते का दबाव बना रहे थे। दरोगा के नहीं मानने पर शीर्ष अधिकारियों पर दबाव बनाते हुए उनका ट्रांसफर कर दिया गया। हालत यह है कि फोन पर की गई अभद्र टिप्पणी करने वाले पर कार्रवाई करने के बजाए प्रशासन उसी का समर्थन कर रहा है। दरोगा ने इस ट्रांसफर से नाराजगी जाहिर करते हुए जानमाल का खतरा जताया है। उनका कहना है कि उन पर जानलेवा हमला किया जा सकता है। फिलहाल इस कार्रवाई से विभागीय लोगों में असंतोष व्याप्त है।
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