*Ⓜकोरोना मरीज आने की खबर पर ओपीडी छोड़ भागे डॉक्टर* *Ⓜपट्टी। इलाके के गांव में एक युवक 2 दिन पूर्व दिल्ली से लौट आया था। शुक्रवार की शाम वह नशे के दौरान उल्टी कर बैठा। ऐसे में उसे को कोरोना संक्रमित समझ कर ग्रामीणों ने हंगामा खड़ा कर दिया। ग्रामीण उसे गांव में टहलने किसी के साथ उठने बैठने नहीं दे रहे थे। ऐसे में तिरस्कार से परेशान युवक पट्टी सीएचसी आकर पहुंच गया। इस दौरान किसी ने यह अफवाह फैला दी कि कोरोना पीड़ित सीएचसी परिसर में आया है। जिस व्यक्ति के साथ यह था उसकी कोरोला से मौत हो गई है। इतना सुनते ही चिकित्सक ओपीडी छोड़कर बाहर निकल आए चिकित्सकों के साथ ही वार्ड बॉय, सफाई कर्मी, सीएचसी के लिपिक सब अपना कमरा छोड़कर परिसर में एक कोने जमा हो गए। हर कोई भय और दहशत से उस व्यक्ति को देख रहा था। इसी बीच खबर सीएचसी अधीक्षक तक पहुंची। तो वह उस युवक के पास पहुंचे और उससे केस हिस्ट्री की जानकारी ली। सीएचसी अधीक्षक द्वारा संतुष्ट होने पर जब या कहा गया कि आरोपी कोरोना पीड़ित नहीं है। तो सभी ने राहत की सांस ली। अधीक्षक ने इस बीच उसे अपने गांव जाकर चुपचाप घर में रहने को कहा। लेकिन पीड़ित का आरोप था कि गांव वाले उसे कोरोना पीड़ित बताकर घर में भी नहीं रहने दे रहे हैं। इधर सूचना पाकर कोतवाली पुलिस भी मौके पर पहुंची थी। लेकिन चिकित्सक द्वारा ना होने की बात सुनकर इस बाबत जिला प्रशासन को पूरी सूचना दी। मजे की बात यह रही कि इस दौरान चिकित्सकों ने एक एंबुलेंस चालक को बुलाया और कहा कि वह मरीज को जिला चिकित्सालय भेज दें। लेकिन उसने या कहा कि उसे चाहे नौकरी से इस्तीफा देना पड़े। लेकिन अब कोरोना पीड़ित मरीज को लेकर जिला चिकित्सालय नहीं जाएगा। फिलहाल इन सब बातों के पीछे कोरोना रोना का खौफ साफ नजर आ रहा है। चाहे वह अस्पताल का स्टाफ ही क्यों ना हो।*
*Ⓜकोरोना मरीज आने की खबर पर ओपीडी छोड़ भागे डॉक्टर* *Ⓜपट्टी। इलाके के गांव में एक युवक 2 दिन पूर्व दिल्ली से लौट आया था। शुक्रवार की शाम वह नशे के दौरान उल्टी कर बैठा। ऐसे में उसे को कोरोना संक्रमित समझ कर ग्रामीणों ने हंगामा खड़ा कर दिया। ग्रामीण उसे गांव में टहलने किसी के साथ उठने बैठने नहीं दे रहे थे। ऐसे में तिरस्कार से परेशान युवक पट्टी सीएचसी आकर पहुंच गया। इस दौरान किसी ने यह अफवाह फैला दी कि कोरोना पीड़ित सीएचसी परिसर में आया है। जिस व्यक्ति के साथ यह था उसकी कोरोला से मौत हो गई है। इतना सुनते ही चिकित्सक ओपीडी छोड़कर बाहर निकल आए चिकित्सकों के साथ ही वार्ड बॉय, सफाई कर्मी, सीएचसी के लिपिक सब अपना कमरा छोड़कर परिसर में एक कोने जमा हो गए। हर कोई भय और दहशत से उस व्यक्ति को देख रहा था। इसी बीच खबर सीएचसी अधीक्षक तक पहुंची। तो वह उस युवक के पास पहुंचे और उससे केस हिस्ट्री की जानकारी ली। सीएचसी अधीक्षक द्वारा संतुष्ट होने पर जब या कहा गया कि आरोपी कोरोना पीड़ित नहीं है। तो सभी ने राहत की सांस ली। अधीक्षक ने इस बीच उसे अपने गांव जाकर चुपचाप घर में रहने को कहा। लेकिन पीड़ित का आरोप था कि गांव वाले उसे कोरोना पीड़ित बताकर घर में भी नहीं रहने दे रहे हैं। इधर सूचना पाकर कोतवाली पुलिस भी मौके पर पहुंची थी। लेकिन चिकित्सक द्वारा ना होने की बात सुनकर इस बाबत जिला प्रशासन को पूरी सूचना दी। मजे की बात यह रही कि इस दौरान चिकित्सकों ने एक एंबुलेंस चालक को बुलाया और कहा कि वह मरीज को जिला चिकित्सालय भेज दें। लेकिन उसने या कहा कि उसे चाहे नौकरी से इस्तीफा देना पड़े। लेकिन अब कोरोना पीड़ित मरीज को लेकर जिला चिकित्सालय नहीं जाएगा। फिलहाल इन सब बातों के पीछे कोरोना रोना का खौफ साफ नजर आ रहा है। चाहे वह अस्पताल का स्टाफ ही क्यों ना हो।*

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