*धर्म के नाम पर नफ़रत फैलाना बन्द करे बीजेपी सरकार अनवर अनीस*
बरेली से ब्यूरो चीफ अमित शर्मा के साथ जिला संवाददाता अभिनय रस्तोगी की रिपोर्ट
*सुप्रीम कोर्ट का फैसला संवैधानिक और न्याय हित मे है*
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष अनवर अनीस ने प्रेस को जारी बयान मे कहा कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय संवैधानिक न्याय हित मे है और स्वागत योग्य है
देश के सर्वोच्च न्यायलय (सुप्रीम कोर्ट) में सोमवार को कावड़ यात्रा-नेमप्लेट विवाद मामले में सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के उस फैसले पर पर अंतरिम रोक लगा दी है, जिसमें कावड़ रूट पर दुकानदारों को अपनी पहचान बताने को कहा गया था. देश की सबसे बड़ी अदालत ने कहा है कि दुकानदारों को अपना नाम या पहचान उजागर करने की जरूरत नहीं है दुकानदारों को बस खाने का प्रकार बताना होगा. दुकानदार दुकान पर शाकाहारी या फिर मांसाहारी, किस प्रकार का खाना बेच रहे हैं,
अनवर अनीस ने कहा कि उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार हर मोर्चे पर विफल हो गई है और जनता की महंगाई विकास शिक्षा रोजगार जैसी मूलभूत समस्याओ का निस्तारण करने के बजाय धर्म के नाम पर नफरत फैलाने का काम कर रही है
देश के संविधान का आर्टिकल 19 (1) (जी) हर किसी को अपनी इच्छा से अपना व्यापार करने का अधिकार देता है और जिसमें अपनी इच्छा से ही अपने प्रतिष्ठान का नाम रखने का अधिकार भी निहित है. वहीं संविधान का आर्टिकल 15 धर्म, जाति और नस्ल के आधार पर भेदभाव को निषिद्ध करता है.
इसके बाबजूद भी उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा काँवड़ यात्रा के दौरान दुकानदारों, ढाबा मालिकों और ठेले वालों से अपने धार्मिक पहचान को उजागर करने के लिए अपने नामों की तख्ती लगाने का आदेश जारी करना संविधान विरोधी कृत्य है.
अनवर अनीस
प्रदेश उपाध्यक्ष
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