*विनायक चिकित्सालय जालौन में डॉक्टरो की लापरवाही के कारण से जच्चा बच्चा की हुई मौत*
इंसेट 👉 पति ने चिकित्सालय के मालिक पर लगाया आरोप
इंसेट 👉 विनायक चिकित्सालय के अस्पताल के स्टाफ पर पति ने प्रशासन से की शिकायत
*दैनिक न्यूज वर्ल्ड ब्यूरो, जालौन– वीरेंद्र वर्मा/ लालता प्रसाद*
उरई (जालौन) बुंदेलखंड जालौन जिले के कस्बे में स्थित विनायक हॉस्पिटल जालौन में 26 वर्षीय पूजा और उनके नवजात बच्चे की दर्दनाक मौत ने पूरे क्षेत्र जालौन जनपद में गहरा आक्रोश है। पूजा, जो ग्राम अलाईपुरा थाना कोतवाली जालौन की निवासी थीं, 19 सितंबर को प्रसव के लिए इस अस्पताल में भर्ती हुई थीं। शुरुआती जांच में डॉक्टरों ने बताया था कि स्थिति सामान्य है और नॉर्मल डिलीवरी की जाएगी, लेकिन 20 सितंबर को सुबह 10 बजे पूजा की हालत अचानक बिगड़ गई और कुछ ही देर में उनकी और उनके नवजात बच्चे की मौत हो गई। इस घटना के बाद अस्पताल प्रशासन और स्टाफ की लापरवाही सामने आई है, जिसने न सिर्फ मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किया बल्कि खुद को बचाने के लिए विनायक चिकित्सालय अस्पताल जालौन के स्टाफ सहित ताला लगाकर फरार हो गए। मृतक के पति ने शिकायत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से की हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है।अलाईपुरा के रहने वाले कृष्ण कुमार अपनी 26 वर्षीय गर्भवती पत्नी पूजा कुशवाहा को प्रसव पीड़ा के दौरान गुरुवार रात को जालौन नगर के सब्जी मंडी में संचालित प्राइवेट विनायक चिकित्सालय लेकर पहुंचा था। कृष्ण कुमार लगभग डेढ़ बजे चिकित्सालय पहुंचे तो चिकित्सालय में महिला चिकित्सक न होने पर उन्हें उरई जाने की सलाह दी, लेकिन रात ज्यादा होने पर पति ने उसे बाहर नहीं ले गया। चिकित्सालय में रहने के दौरान चिकित्सालय स्टाफ ने दर्द कम करने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं हो सका। शुक्रवार की सुबह गर्भवती पूजा व उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो गई। जच्चा-बच्चा की मौत के बाद पति ने स्वास्थ्य विभाग व चिकित्सालय पर लापरवाही करने का आरोप लगाते हुए मामले की जांच कराने की मांग की।अस्पताल के संचालक डा. रजत ने बताया कि गुरुवार की रात को एक व्यक्ति अपनी पत्नी को प्रसव पीड़ा के दौरान लाया था। चिकित्सालय में महिला चिकित्सक न होने पर उन्हें भर्ती नहीं किया और सुबह पति अपनी पत्नी को लेकर उरई चला गया था। जहां उसकी मौत हुई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस मामले में जांच के बाद कार्रवाई करने की बात कर रहे हैं। पूरे मामले में प्रशासन की लापरवाही को उजागर करते हुए स्थानीय लोगों ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि सीएमओ एन. डी. शर्मा और स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे इस घटना की निष्पक्ष जांच करें और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। यह घटना एक चेतावनी है कि अगर स्वास्थ्य सेवाओं में मानकों का पालन नहीं किया गया, तो इसका परिणाम कितना घातक हो सकता है। प्रशासन को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सख्त कदम उठाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके और मरीजों की जान सुरक्षित रह सके।
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