होली त्योहार को सकुशल सम्पन्न कराने हेतु जिलाधिकारी ने विभिन्न अधिकारियों को दायित्व सौपा
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जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही ने एक कार्यालय ज्ञाप के माध्यम से अवगत कराया है कि जनपद में दिनांक 21 एवं 22 मार्च को होली त्योहार आयोजित है। होली त्योहार के अवसर पर प्रायः यह देखा जाता है कि मिठाईयों, खोया, दूध, पानी आदि की मांग बढ़ जाती है और मांग और आपूर्ति में काफी अन्तर होने के फलस्वरूप दूध एवं दूध से बने उत्पादों में मिलावट की शक्यता भी बढ़ जाती है। जिलाधिकारी ने मुख्य खाद्य निरीक्षक को निर्देशित करते हुये कहा कि वह अपने अधीनस्थ खाद्य निरीक्षकों के साथ होली तक अभियान चलाकर प्रतिदिन अपमिश्रित, दूषित व अधोमानक एवं स्वास्थ्य के लिये अहितकर खाद्य पदार्थो का सघन चेकिंग करें और छापे आदि का आयोजन कर ऐसे खाद्य पदार्थो की विक्री पूर्णतया परिवर्जित कराई जाये। चेकिंग के दौरान नमूना लेने की कार्यवाही के साथ-साथ दूषित एवं विद्रूपित मिलावटी खाद्य पदार्थो को विनष्ट भी कराया जाये तथा अपमिश्रित खाद्य पदार्थो की विक्री करने वाले दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध सुसंगत धाराओं यथा धारा-272 एवं 273 आईपीसी के तहत विधिक कार्यवाही भी सुनिश्चित की जाये। इस अभियान में तहसील के उपजिलाधिकारी एवं क्षेत्राधिकारी पूर्ण सहयोग प्रदान करेगें।
होली के अवसर पर मदिरा व नशाकारी पदार्थो की अत्यधिक मांग बढ़ जाती है और कभी-कभी मांग बढ़ने की दशा में शराब को अधिक नशायुक्त बनाने के परिप्रेक्ष्य में इसमें कतिपय हानिकारक रासायनिक पदार्थ का अपमिश्रण कर देने के कारण विशक्त हो जाने से शराब के सेवनार्थियों की मृत्यु भी हो जाती है। इस हेतु जिलाधिकारी ने जिला आबकारी अधिकारी, एस0डी0एम0/सी0ओ0 को निर्देशित किया है कि वह आपस में समन्वय कर व आबकारी निरीक्षकों तथा पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी की गठित कराकर ऐसे स्थलों की सघन जांच कर लें एवं छापे का आयोजन कर औचक निरीक्षण भी करें। इस हेतु होली त्योहार के उपरान्त भी लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2019 की प्रक्रिया समाप्त होने तक अभियान चलाकर प्रतिदिन जनपद के मदिरालयों एवं अवैध शराब की भट्ठियों, मदिरालय के आस-पास की परचून दुकानों, राजमार्गो के ढाबों, संदिग्ध व संवेदनशील स्थलों आदि की सघन जांच की जाये। चेकिंग में किसी प्रकार की अनियमितता, अवैध व असहज स्थिति पाये जाने पर सम्बन्धित दोषी व्यक्ति के विरूद्ध सुसंगत धाराओं में विधिक कार्यवाही भी जाये। इसी प्रकार उन्होने नशाकारी औषधियों के परिवर्जन हेतु औषधि निरीक्षक को निर्देशित किया है कि चेकिंग अभियान चलाकर जनपद के ग्रामीण, शहरी क्षेत्रों के औषधि/ड्रग विक्रेताओं की बैठक भी कर लें और उन्हें सख्त हिदायत दे दें कि बिना चिकित्सीय परामर्श के नशाकारी दवाओं की विक्री न करें। उन्होने कहा है कि होलिका दहन के समय पटाखें व ज्वलनशील पदार्थो का उपयोग किया जाता है जिससे लोगों के जलने व पटाखों के विस्फोट से चिनगारी निकलकर आगलगी की घटनायें घटित हो सकती है। इसके मद्देनजर समस्त उपजिलाधिकारी/क्षेत्राधिकारी अपने अपने क्षेत्र अन्तर्गत पटाखों आदि की दुकानों व निर्माण स्थलों की भी जांच कर लें और लोगों को होली त्योहार पर इसके उपयोग से होने वाली घटनाओं के प्रति जागरूक करते हुये ऐसे पदार्थो का इस्तेमाल न करने हेतु सुचेत भी किया जाये। इसी प्रकार होली के अवसर पर प्रायः यह देखा जाता है कि होलिका दहन स्थल को लेकर विवाद व लोगों के घरेलू सामान तथा छप्पर, चारपाई अथवा अन्य उपयोगी वस्तुओं को होलिका में डालकर जला देने, अन्य सम्प्रदाय के लोगों पर रंग डाल देने तथा जो व्यक्ति रंग खेलना नहीं चाहता है उसके ऊपर रंग डाल देने तथा कीचड़ व पत्थर आदि फेंक देने अथवा धार्मिक स्थलों पर रंग पड़ जाने व नमाज के समय मस्जिद के सामने जुलूस निकालने व जुलूस में लोगों के नशाकारी व मदिरा सेवन कर अभद्र व्यवहार अशलील शब्दांें का प्रयोग करने से विवाद व तनाव की स्थिति उत्पन्न होती है। इसी प्रकार होलिका दहन के पूर्व ही उसमें आग लगा देने व वाद्य यंत्र के रूप में प्रचलित डी0जी0 के बहुत ऊची आवाज में बजाने को लेकर, जबरन चंदा वसूली से भी विवाद बढ़ जाते है। कभी-कभी असाामाजिक तत्वों द्वारा रेलगाड़ियों, बसो आदि पर कीचड़, रंग भरे गुब्बारे व पत्थर फेकते है और शासकीय/निजी सम्पत्तियों को क्षति पहुॅचाते है। ऐसी दशा में विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता होती है। साथ ही होलिका दहन करने वाले प्रमुख व्यक्तियों को पूर्व से ही कड़ी हिदायत व प्रिवेन्टिव कार्यवाही कर लेना श्रेयष्कर होगा।
उन्होने यह भी बताया है कि होली में रंग खेलने के उपरान्त नदियों में स्नान करते समय कभी-कभी डूबने की घटनायें घटित हो जाती है जिसके दृष्टिगत घाटों पर आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करा ली जाये। साथ ही होलिका के अवसर पर विद्युत तार आदि होने से आगलगी की घटनायें घटित होकर असहज स्थिति उत्पन्न हो जाती है, ऐसी दशा में इस पर पूर्व से ही सतत व सतर्क दृष्टि रखते हुये प्रिवेन्टिव कार्यवाही श्रेयष्कर होगी। साथ ही नगर क्षेत्र में ढीले व लटके हुये व अव्यवस्थित विद्युत तारों को होली के पूर्व ठीक करा लिया जाये तथा त्योहार के अवसर पर समुचित विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराये। उन्होने सभी सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि सतत और अथम परिश्रम के साथ अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत प्रत्येक दशा में विधि व्यवस्था एवं सामाजिक/साम्प्रदायिक सौहार्द्र सुनिश्चित कराते हुये प्रत्येक बिन्दुओं पर सजग व सचेष्ट रहकर सप्रयास कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। इसमें किसी भी स्तर पर किसी भी प्रकार की शिथिलता एवं अनवधानता न होने पाये और कानून व्यवस्था एवं अपराध नियंत्रण सम्बन्धी प्रतिबद्धता प्रत्येक दशा में परिपालित की जाये।
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जिला सूचना कार्यालय प्रतापगढ़ द्वारा प्रसारित
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जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही ने एक कार्यालय ज्ञाप के माध्यम से अवगत कराया है कि जनपद में दिनांक 21 एवं 22 मार्च को होली त्योहार आयोजित है। होली त्योहार के अवसर पर प्रायः यह देखा जाता है कि मिठाईयों, खोया, दूध, पानी आदि की मांग बढ़ जाती है और मांग और आपूर्ति में काफी अन्तर होने के फलस्वरूप दूध एवं दूध से बने उत्पादों में मिलावट की शक्यता भी बढ़ जाती है। जिलाधिकारी ने मुख्य खाद्य निरीक्षक को निर्देशित करते हुये कहा कि वह अपने अधीनस्थ खाद्य निरीक्षकों के साथ होली तक अभियान चलाकर प्रतिदिन अपमिश्रित, दूषित व अधोमानक एवं स्वास्थ्य के लिये अहितकर खाद्य पदार्थो का सघन चेकिंग करें और छापे आदि का आयोजन कर ऐसे खाद्य पदार्थो की विक्री पूर्णतया परिवर्जित कराई जाये। चेकिंग के दौरान नमूना लेने की कार्यवाही के साथ-साथ दूषित एवं विद्रूपित मिलावटी खाद्य पदार्थो को विनष्ट भी कराया जाये तथा अपमिश्रित खाद्य पदार्थो की विक्री करने वाले दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध सुसंगत धाराओं यथा धारा-272 एवं 273 आईपीसी के तहत विधिक कार्यवाही भी सुनिश्चित की जाये। इस अभियान में तहसील के उपजिलाधिकारी एवं क्षेत्राधिकारी पूर्ण सहयोग प्रदान करेगें।
होली के अवसर पर मदिरा व नशाकारी पदार्थो की अत्यधिक मांग बढ़ जाती है और कभी-कभी मांग बढ़ने की दशा में शराब को अधिक नशायुक्त बनाने के परिप्रेक्ष्य में इसमें कतिपय हानिकारक रासायनिक पदार्थ का अपमिश्रण कर देने के कारण विशक्त हो जाने से शराब के सेवनार्थियों की मृत्यु भी हो जाती है। इस हेतु जिलाधिकारी ने जिला आबकारी अधिकारी, एस0डी0एम0/सी0ओ0 को निर्देशित किया है कि वह आपस में समन्वय कर व आबकारी निरीक्षकों तथा पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी की गठित कराकर ऐसे स्थलों की सघन जांच कर लें एवं छापे का आयोजन कर औचक निरीक्षण भी करें। इस हेतु होली त्योहार के उपरान्त भी लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2019 की प्रक्रिया समाप्त होने तक अभियान चलाकर प्रतिदिन जनपद के मदिरालयों एवं अवैध शराब की भट्ठियों, मदिरालय के आस-पास की परचून दुकानों, राजमार्गो के ढाबों, संदिग्ध व संवेदनशील स्थलों आदि की सघन जांच की जाये। चेकिंग में किसी प्रकार की अनियमितता, अवैध व असहज स्थिति पाये जाने पर सम्बन्धित दोषी व्यक्ति के विरूद्ध सुसंगत धाराओं में विधिक कार्यवाही भी जाये। इसी प्रकार उन्होने नशाकारी औषधियों के परिवर्जन हेतु औषधि निरीक्षक को निर्देशित किया है कि चेकिंग अभियान चलाकर जनपद के ग्रामीण, शहरी क्षेत्रों के औषधि/ड्रग विक्रेताओं की बैठक भी कर लें और उन्हें सख्त हिदायत दे दें कि बिना चिकित्सीय परामर्श के नशाकारी दवाओं की विक्री न करें। उन्होने कहा है कि होलिका दहन के समय पटाखें व ज्वलनशील पदार्थो का उपयोग किया जाता है जिससे लोगों के जलने व पटाखों के विस्फोट से चिनगारी निकलकर आगलगी की घटनायें घटित हो सकती है। इसके मद्देनजर समस्त उपजिलाधिकारी/क्षेत्राधिकारी अपने अपने क्षेत्र अन्तर्गत पटाखों आदि की दुकानों व निर्माण स्थलों की भी जांच कर लें और लोगों को होली त्योहार पर इसके उपयोग से होने वाली घटनाओं के प्रति जागरूक करते हुये ऐसे पदार्थो का इस्तेमाल न करने हेतु सुचेत भी किया जाये। इसी प्रकार होली के अवसर पर प्रायः यह देखा जाता है कि होलिका दहन स्थल को लेकर विवाद व लोगों के घरेलू सामान तथा छप्पर, चारपाई अथवा अन्य उपयोगी वस्तुओं को होलिका में डालकर जला देने, अन्य सम्प्रदाय के लोगों पर रंग डाल देने तथा जो व्यक्ति रंग खेलना नहीं चाहता है उसके ऊपर रंग डाल देने तथा कीचड़ व पत्थर आदि फेंक देने अथवा धार्मिक स्थलों पर रंग पड़ जाने व नमाज के समय मस्जिद के सामने जुलूस निकालने व जुलूस में लोगों के नशाकारी व मदिरा सेवन कर अभद्र व्यवहार अशलील शब्दांें का प्रयोग करने से विवाद व तनाव की स्थिति उत्पन्न होती है। इसी प्रकार होलिका दहन के पूर्व ही उसमें आग लगा देने व वाद्य यंत्र के रूप में प्रचलित डी0जी0 के बहुत ऊची आवाज में बजाने को लेकर, जबरन चंदा वसूली से भी विवाद बढ़ जाते है। कभी-कभी असाामाजिक तत्वों द्वारा रेलगाड़ियों, बसो आदि पर कीचड़, रंग भरे गुब्बारे व पत्थर फेकते है और शासकीय/निजी सम्पत्तियों को क्षति पहुॅचाते है। ऐसी दशा में विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता होती है। साथ ही होलिका दहन करने वाले प्रमुख व्यक्तियों को पूर्व से ही कड़ी हिदायत व प्रिवेन्टिव कार्यवाही कर लेना श्रेयष्कर होगा।
उन्होने यह भी बताया है कि होली में रंग खेलने के उपरान्त नदियों में स्नान करते समय कभी-कभी डूबने की घटनायें घटित हो जाती है जिसके दृष्टिगत घाटों पर आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करा ली जाये। साथ ही होलिका के अवसर पर विद्युत तार आदि होने से आगलगी की घटनायें घटित होकर असहज स्थिति उत्पन्न हो जाती है, ऐसी दशा में इस पर पूर्व से ही सतत व सतर्क दृष्टि रखते हुये प्रिवेन्टिव कार्यवाही श्रेयष्कर होगी। साथ ही नगर क्षेत्र में ढीले व लटके हुये व अव्यवस्थित विद्युत तारों को होली के पूर्व ठीक करा लिया जाये तथा त्योहार के अवसर पर समुचित विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराये। उन्होने सभी सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि सतत और अथम परिश्रम के साथ अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत प्रत्येक दशा में विधि व्यवस्था एवं सामाजिक/साम्प्रदायिक सौहार्द्र सुनिश्चित कराते हुये प्रत्येक बिन्दुओं पर सजग व सचेष्ट रहकर सप्रयास कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। इसमें किसी भी स्तर पर किसी भी प्रकार की शिथिलता एवं अनवधानता न होने पाये और कानून व्यवस्था एवं अपराध नियंत्रण सम्बन्धी प्रतिबद्धता प्रत्येक दशा में परिपालित की जाये।
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जिला सूचना कार्यालय प्रतापगढ़ द्वारा प्रसारित
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