सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पट्टी लापरवाही की हद डाक्टर को तड़पते बच्चे पर नहीं आया रहम
मासूम के पिता ने डाक्टर पर लगाया लापरवाही का आरोप
डाक्टर को धरा का भगवान कहा गया है उसे इंसानियत का प्रतिबिम्ब और पीड़ित और दुखी लोगो का मसीहा माना जाता है लेकिन अगर वह लापरवाही के मद में आकर इतना निर्मम और निष्ठुर हो जाए कि बुखार से तप रहे बच्चे की असहनीय पीड़ा का तनिक एहसास न कर पाए और गैर जिम्मेदारी भरे शब्दों में बिना ट्रीटमेंट किये यह कहे कि इसे प्राइवेट अस्पताल में ले जाकर दिखाओ या फिर सुबह 10 बजे लेकर आओ तो इससे स्वास्थ्य विभाग की पोल खुलती और उसकी परत उखड़ती नजर आती है।
पट्टी रायपुर रोड मस्जिद के सामने राजेश जायसवाल का आरोप है कि बेटे के तबियत 27 मार्च की रात में अचानक खराब हो गई।बुखार से तड़पते हुए बच्चे को देखकर राजेश ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पट्टी के इमरजेंसी देख रहे डॉक्टर के पास फोन किया और बच्चे को अस्पताल में ले आने की इजाजत मांगी लेकिन धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर उस डॉक्टर की निष्ठुरता और निर्ममता इस कदर दिखाई दिया कि अपनी नींद में खलल पढ़ने पर वह झल्ला उठा आरोप है कि बच्चे को दिन में 10:00 बजे या फिर दूसरे अस्पताल में दिखाने की नसीहत दे डाली राजेश ने डॉक्टर से हुई इस बार की रिकॉर्डिंग अपने मोबाइल से कर डाली । और ऑडियो को सोशल मीडिया के ग्रुप में वायरल कर दिया जिसमें अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लापरवाही भरी बयान बाजी करते हुए दिखाई दे रहे हैं । जहां एक तरफ स्वास्थ्य सेवाओं में अभूतपूर्व उपलब्धि की स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतर सेवाओं की वाहवाही लूट रही है लेकिन ऐसे मामले स्वास्थ्य महकमे की पोल खोल रहा है। कि आम जनमानस को जमीनी स्तर कितनी सेवाएं मिल रही है पर वहीं इस तरीके गैर जिम्मेदाराना डॉक्टर के व्यवहार से लोगों में आक्रोश दिखाई दे रहा है ऑडियो वायरल होने पर अस्पताल प्रशासन को यह जरूर पता चल गया होगा कि 27 मार्च की रात में इमरजेंसी कौन देख रहा था और उसकी ऐसी हरकत पर अस्पताल प्रशासन क्या कदम उठाता है यह देखने वाली बात होगी। सीएससी पट्टी काफी समय पहले ही एफआरयू (फर्स्ट रेफरल यूनिट) का दर्जा तो मिला पर सुविधाएं कुछ भी नहीं मिलती यहां स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होने के बजाय बदतर होती जा रही है।
मासूम के पिता ने डाक्टर पर लगाया लापरवाही का आरोप
डाक्टर को धरा का भगवान कहा गया है उसे इंसानियत का प्रतिबिम्ब और पीड़ित और दुखी लोगो का मसीहा माना जाता है लेकिन अगर वह लापरवाही के मद में आकर इतना निर्मम और निष्ठुर हो जाए कि बुखार से तप रहे बच्चे की असहनीय पीड़ा का तनिक एहसास न कर पाए और गैर जिम्मेदारी भरे शब्दों में बिना ट्रीटमेंट किये यह कहे कि इसे प्राइवेट अस्पताल में ले जाकर दिखाओ या फिर सुबह 10 बजे लेकर आओ तो इससे स्वास्थ्य विभाग की पोल खुलती और उसकी परत उखड़ती नजर आती है।
पट्टी रायपुर रोड मस्जिद के सामने राजेश जायसवाल का आरोप है कि बेटे के तबियत 27 मार्च की रात में अचानक खराब हो गई।बुखार से तड़पते हुए बच्चे को देखकर राजेश ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पट्टी के इमरजेंसी देख रहे डॉक्टर के पास फोन किया और बच्चे को अस्पताल में ले आने की इजाजत मांगी लेकिन धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर उस डॉक्टर की निष्ठुरता और निर्ममता इस कदर दिखाई दिया कि अपनी नींद में खलल पढ़ने पर वह झल्ला उठा आरोप है कि बच्चे को दिन में 10:00 बजे या फिर दूसरे अस्पताल में दिखाने की नसीहत दे डाली राजेश ने डॉक्टर से हुई इस बार की रिकॉर्डिंग अपने मोबाइल से कर डाली । और ऑडियो को सोशल मीडिया के ग्रुप में वायरल कर दिया जिसमें अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लापरवाही भरी बयान बाजी करते हुए दिखाई दे रहे हैं । जहां एक तरफ स्वास्थ्य सेवाओं में अभूतपूर्व उपलब्धि की स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतर सेवाओं की वाहवाही लूट रही है लेकिन ऐसे मामले स्वास्थ्य महकमे की पोल खोल रहा है। कि आम जनमानस को जमीनी स्तर कितनी सेवाएं मिल रही है पर वहीं इस तरीके गैर जिम्मेदाराना डॉक्टर के व्यवहार से लोगों में आक्रोश दिखाई दे रहा है ऑडियो वायरल होने पर अस्पताल प्रशासन को यह जरूर पता चल गया होगा कि 27 मार्च की रात में इमरजेंसी कौन देख रहा था और उसकी ऐसी हरकत पर अस्पताल प्रशासन क्या कदम उठाता है यह देखने वाली बात होगी। सीएससी पट्टी काफी समय पहले ही एफआरयू (फर्स्ट रेफरल यूनिट) का दर्जा तो मिला पर सुविधाएं कुछ भी नहीं मिलती यहां स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होने के बजाय बदतर होती जा रही है।

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