*कोविड़ 19 के दौरान दृष्टि बाधित बच्चों द्वारा महसूस की जाने वाली मनोवैज्ञानिक समस्याओं के समाधान हेतु सी.आर.सी. गोरखपुन ने आयोजित किया आनलाइन वेविनार का आयोजन।*
*रिपोर्टर-बी.पी.मिश्र,गोरखपुर*
आज दिनांक 19 जुलाई 2021 को कोविड प्रोटोकाॅल के साथ सी.आर.सी. गोरखपुर ने कोविड़ 19 के दौरान दृष्टिबाधित बच्चों द्वारा महसूस की जाने वाली मनोवैज्ञानिक समस्याओं के समाधान हेतु एक आनलाइन वेविनार का आयोजन किया गया। बता दें यह ई-परामर्शश्रृंखला की 116वीं कडी थी। बतौर वक्ता शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ के ओ एण्ड एम अनुदेशक, श्री नीरज दीक्षित ने कहाकि दृष्टि दिव्यांगजनोें को बाह्नय वातावरण में स्वतंत्रता पूर्वक आवागमन हेतु छडी तकनीक के माध्यम से प्रशिक्षण देना चाहिए तथा उनको आधुनिक तकनीक जैसे मोबाइल, इन्टरनेट आदि से जोडना चाहिए। जिससे वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें। कार्यक्रम के अन्य वक्ता श्री राजेश कुमार, सहायक प्राध्यापक, नैदानिक मनोविज्ञान विभाग, सी.आर.सी. गोरखपुर ने कहा कि अन्य दिव्यांगजनों के साथ-साथ कोविड काल में दृष्टि दिव्यांगजनोें ने भी अनेक प्रकार की मनोवैज्ञानिक समस्याओं का सामना किया है, जिसका यथासंभव समाधान सी.आर.सी. गोरखपुर ने अपने आनलाइन कार्यकमों के माध्यम से जनता तक पहुंचाने का काम किया है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका भारत सरकार द्वारा संचालित मानसिक स्वास्थय पुनर्वास हेल्पलाइन किरण 18005990019 की है, इस हेल्पलाइन पर फोन करके कोई भी व्यक्ति अपनी मनोवैज्ञानिक समस्याओं का समाधान पा सकता है। उन्होंने आगे कहाकि अवसाद और तनाव से जूझ रहे व्यक्तियों को अपने जीवन षैली को बदलना चाहिए तथा लोगों से जुड़ना चाहिए।
यह कार्यक्रम राष्ट्रीय दृष्टिदिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान के निदेशक डाॅ0 हिमांग्शुदास के निर्देशन में सम्पन्न हुआ। सी.आर.सी. गोरखपुर के रेजिडेन्ट कोर्डिनेटर श्री रवि कुमार ने कहा कि दृष्टि बाधित बच्चों की मनोवैाानिक समस्याओ के समाधन हेतु विशेष प्रयास कीआवश्यकता है।
कार्यक्रम समन्वयक एवं सी.आर.सी. गोरखपुर के ओ एण्ड एम अनुदेशक तथा विशेष शिक्षक श्री नागेन्द्र पान्डेय ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए कहा कि दृष्टि बाधित बच्चों की मनोवैज्ञानिक समस्याओं को ध्यान में रखकर इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सह-समन्वयक श्री राजेश कुमार यादव ने प्रश्नोतर काल का संचालन करते हुए सबके प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। इस कार्यक्रम में आनलाइन माध्यम से लगभग 100 लोगों ने प्रतिभाग किया।
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