*दिमागी बुखार से बचाव के लिए समय टीकाकरण जरूरी है: डाॅ वी.के.श्रीवास्तव* *रिपोर्टर-बी.पी. मिश्र,गोरखपुर*
आज दिनांक 21 जुलाई 2021 को कोविड प्रोटोकाॅल के साथ सी.आर.सी. गोरखपुर पूर्वी उत्तर प्रदेश में जापानी इंसेफलाइटिस से बचाव के लिए थरेपेटिक प्रबंधन विषय पर ई-परामर्श श्रृंखला की 121 वीं कड़ी का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता जे ई/ए ई एस के नोडल अधिकारी डाॅ वी के श्रीवास्तव ने कहा कि बुखार आने पर 102 और 108 नम्बर पर एम्बूलेंस सेवा पर काॅल करके तुरंत अस्तपताल का रूख करना चाहिए। यदि बच्चे को तेज बुखार है तो उसे पैरासिटामाॅल देनी चाहिए एवं पट्टी करनी चाहिए तथा झटका या दौरा आने पर करवट लिटाना चाहिए। शाम के समय उसे बाहर घुमाने से बचना चाहिए। साथ में यह भी कहा कि अचानक तेज बुखार, शरीर में कंपकपी, बच्चे का अचानक से बडबडाने या शरीर सुस्त पड जाने पर तुरंत डाक्टर की सलाह लेें। अन्य वक्ता सी.एच.सी. चौरी चौरा के डाॅ सचिन गुप्ता ने कहा कि जापानी इंसेफलाइटिस के रोकथाम हेतु पर्याप्त चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध है इसके लिए विभिन्न प्रकार की दवाईयों तथा टीकों का इस्तेमाल किया जाता है यदि मरीज डाॅक्टर के पास उचित समय पर पहुच जाए तो उसका इलाज संभव है।
यह कार्यक्रम राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान के निदेशक डाॅ0 हिमांग्शुदास के निर्देशन में हो रहा है। सी.आर.सी. गोरखपुर के रेजिडेन्ट कोर्डिनेटर श्री रवि कुमार ने कार्यक्रम में सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि जे ई/ए ई एस की वजह से व्यक्ति में गंभीर स्तर की मानसिक तथा शारीरिक दिव्यांगता आ जाती है जिसके चिकित्सीय प्रबंधन में सी.आर.सी. गोरखपुर की भूमिका अहम है। उनके लिए सी.आर.सी. में विभिन्न प्रकार की चिकित्सीय तथा पुनर्वास सेवाएं जैसे फिजियोथरेपी तथा आक्यूपेशनल थरेपी, स्पीच थरेपी, विशेष शिक्षा तथा मनोवैज्ञानिक सेवाएं उपलब्ध है।
कार्यक्रम समन्वयक श्री विजय गुप्ता ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में जापानी इंसेफलाइटिस के प्रभाव को देखते हुए सी.आर.सी. गोरखपुर लगातार जनजागरूकता के कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। सह-समन्वयक श्री नागेन्द्र पान्डेय जी ने प्रश्नोतर काल का संचालन किया तथा श्री राजेश कुमार यादव ने सभी के प्रति धन्यवाद् ज्ञापित किया। इस कार्यक्रम में आनलाइन माध्यम से लगभग 100 लोगों ने प्रतिभाग किया।
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