*गंगोत्री देवी महाविद्यालय मे हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गणतंत्र दिवस*
न्याय समता और बंधुता हम सबके लिए पुनीत आदर्श:सुधा मोदी
संकट एवं चुनौतियों का मुकाबला करने में नारियों की भूमिका अग्रणी:सुनीषा श्रीवास्तव
संवैधानिक मूल्यों की रक्षा का लें संकल्प : रीना त्रिपाठी
*वरिष्ठ संवाददाता-बी.पी.मिश्र*
गोरखपुर । गंगोत्री देवी महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय स्कूल ऑफ नर्सिंग के संयुक्त तत्वावधान में गणतंत्र दिवस एवं सरस्वती पूजा धूमधाम से मनाया गया।इस अवसर पर मुख्य अतिथि वरिष्ठ समाजसेविका सुधा मोदी विशिष्ट अतिथि स्वर सागर संगीत संस्थान की अध्यक्ष सुनीषा श्रीवास्तव व अध्यक्षता महाविद्याल की संरक्षिका रीना त्रिपाठी ने किया।
महाविद्यालय के व्यवस्थापक आशुतोष मिश्र व प्राचार्य डॉ पूनम शुक्ला के साथ नर्सिंग की प्रधानाचार्य लौरिटा याकूब ने सर्वप्रथम आंगतुक अतिथियों का स्वागत कर भारत मां को नमन करके वीर सपूतों को श्रद्धा सुमन अर्पित किया । इसके पश्चात दीप प्रज्ज्वलन व सरस्वती पूजा से कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। देशभक्ति गीत, भाषण के साथ ही देश के वीर सपूतों को याद किया गया। इस अवसर पर छात्राओं द्वारा तालियों के गडग़ड़ाहट के बीच बेहतरीन भाषण के साथ देशभक्ति से ओतप्रोत कई सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये। वंदे मातरम, जय हिन्दी, भारत माता की जय के उद्घोष के साथ पूरा वातावरण देशभक्ति से ओतप्रोत हो गया।कार्यक्रम मे एनसीसी कैडेट्स को उल्लेखनीय योगदान देने के लिये प्रशस्ति पत्र व पुरस्कार देकर अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया।इस अवसर पर मुख्य अतिथि सुधा मोदी ने कहा कि आजादी का यह पर्व आत्मचिंतन करने व महान देशभक्तों के सपनों एवं लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए हमें प्रतिबद्ध होने का अवसर प्रदान करता है। हमने एक ही संविधान में हमारे पूर्ण महान और विशाल देश के अधिकार को पाया है। जो देश में रह रहे सभी के कल्याण की जिम्मेदारी लेता है। यह अवसर संविधान की आधारभूत जीवन मूल्यों पर गहराई से विचार करने का है।संविधान की उद्देशिका में रेखांकित न्याय समता और और बंधुता हम सबके लिए पुनीत आदर्श है।विशिष्ट अतिथि सुनीषा श्रीवास्तव ने छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि संकट एवं चुनौतियों का मुकाबला करने में महिलाएं अपने शौर्य और पराक्रम में कभी पीछे नही रही हैं. इन्होने सदा ही आगे बढ़कर चुनौतियों का न केवल समझदारी के साथ सामना किया हैं, बल्कि इन्हें अपने साहस एवं सूझ बुझ से परास्त भी किया है।
जब भी राष्ट्र एवं विश्व मानवता पर संकट के बादल छाएँ है युवतियों के शौर्य ने ही प्रचंड प्रभजन बनकर इन्हें छिन्न भिन्न किया हैं।महाविद्यालय के व्यवस्थापक आशुतोष मिश्र ने कहा कि हमें अपने भारत देश को एक सफल, विकसित और स्वच्छ देश बनाना होगा। सेनानियों के बलिदान का स्मरण कराने के साथ ही संवैधानिक कर्तव्यों के प्रति सचेत भी करता है। यह राष्ट्रीय पर्व आत्मचिंतन करने और महान देशभक्तों के सपनों, उनके लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रतिबद्ध होने का अवसर प्रदान करता है। सामाजिक समरसता और सौहार्द्र के प्रतीक गणतंत्र दिवस का यह शुभ अवसर हमें संविधान निर्माताओं की याद दिलाता है। संवैधानिक मूल्यों की रक्षा का संकल्प लेकर भारतीय लोकतंत्र को सशक्त बनाने में सहभागी बनें। महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ पूनम शुक्ला ने समस्त आगन्तुकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वैदिककाल में महिलाओं को न केवल ज्ञान प्रदान किया जाता था, बल्कि उन्हें युद्ध की कला एवं कुशलता में पारंगत होने के लिए विधिवत प्रशिक्षण भी दिया जाता था।अपने देश का प्राचीन इतिहास महिलाओं के शौर्य एवं पराक्रम से भरा पड़ा हैं। ऐसी अनगिनत घटनाएं है जिनमें महिलाओं ने अपनी रणकुशलता एवं समझदारी से हारी बाजी को जीत में बदल दिया और इतिहास की धारा को मोड़ने में सक्षम और समर्थ हो सकी।भारत के स्वतंत्र होने का इतिहास भी इस तथ्य का साक्षी हैं वर्ष 1857 से वर्ष 1947 तक लम्बे स्वतंत्रता संघर्ष में देशवासियों के ह्रदय में देशभक्ति एवं क्रांति की भावों को आरोपित करने वाले युवाओं के साथ युवतियों की भूमिका भी सराहनीय रही। नर्सिंग की प्राचार्य लोरीटा याकूब ने देशहित मे महिलाओं की भागीदारी व जिम्मेदारियों के साथ आत्मनिर्भरता पर जोर दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए रीना त्रिपाठी ने नारी शिक्षा का देश में जितना प्रचार प्रसार हुआ हैं. उसका श्रेष्ठ परिणामों सभी के सामने हैं. आज नारी जीवन के हर क्षेत्र में पुरुष के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करने की क्षमता रखती हैं. शिक्षा, विज्ञान, राजनीति, धर्म, समाज सेवा और सेना में भी आज नारी प्रशन्सनीय भूमिका निभा रही हैं। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ रजनी मिश्रा ने किया। कार्यक्रम मे मंसूर अनवर, डॉ आभा गुप्ता, डॉ संगीता पांडेय, डॉ प्रियंका त्रिपाठी, डॉ कामिनी सिंह, डॉ रेनू, डॉ कुमुद त्रिपाठी, डॉ अजिता श्रीवास्तव ,प्रिया पांडेय, स्नेहा पांडेय, डॉ प्रत्या उपाध्याय, डा.सुषमा मिश्रा, डॉ शीला तिवारी, आयुषी सिंह,डॉ प्रतिभा चौहान,नैंशी जायसवाल, डा.सीमा श्रीवास्तव , प्रिया श्रीवास्तव ,प्रियंका दीक्षित, श्वेता, दीपिका, चन्द्रलता, सुशीला,आकाश रैना, नित्यानंद तिवारी , अशोक सिंह ,अर्जुन यादव श्रीमती संगीता मिश्रा, देवेंद्र चौधरी,सरोज मिश्रा, अनिल पांडेय , इंदिरा,राज लक्ष्मी, दयानन्द,माधवी समेत अन्य समस्त शिक्षक गण तथा कर्मचारी गण व छात्राएं उपस्थित थीं।
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