*भागवत कथा सुनने से ही होता है जीव का कल्याण आचार्य रत्नेश शास्त्री*
*वरिष्ठ संवाददाता-बीपीमिश्र*
गोरखपुर।बेलीपार संसार में भगवान कृष्ण ही सृष्टि का सृजन, पालन और संहार करते हैं।भगवान के चरणों में जितना समय बीत जाए उतना अच्छा है। इस संसार में एक-एक पल बहुत कीमती है। जो बीत गया सो बीत गया। इसलिए जीवन को व्यर्थ में बर्बाद नहीं करना चाहिए। भगवान द्वारा प्रदान किए गए जीवन को भगवान के साथ और भगवान के सत्संग में ही व्यतीत करना चाहिए।उक्त बाते ग्राम भस्मा अयोजित भगवत कथा एवम साप्ताहिक ज्ञान यज्ञ के प्रथम दिवस पर अवध धाम से पधारे आचार्य रत्नेश शास्त्री ने प्रवचन के दौरान कही।उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि भागवत प्रश्न से प्रारंभ होती है और पहला ही प्रश्न है कि कलयुग के प्राणी का कल्याण कैसे होगा। इसमें सतयुग, त्रेता और द्वापर युग की चर्चा ही नहीं की गई है। ऐसे में यह प्रश्न उठता है कि बार-बार यही चर्चा क्यों की जाती है, अन्य किसी की क्यों नहीं। इसके कई कारण हैं जैसे अल्प आयु, भाग्यहीन और रोगी।
इसलिए इस संसार में जो भगवान का भजन न कर सके, वह सबसे बड़ा भाग्यहीन है। भगवान इस धरती पर बार-बार इसलिए आते हैं ताकि हम कलयुग में उनकी कथाओं में आनंद ले सकें और कथाओं के माध्यम से अपना चित्त शुद्ध कर सकें।
इस दौरानकार्यक्रम आयोजक रमाशंकर पाण्डेय, सुभद्रा पाण्डेय, सावित्री देवी, सौहार्द शिरोमणि , मानद कुलपति डा. सौरभ पाण्डेय (धराधाम प्रमुख ) सुमन पाण्डेय, संध्या पाण्डेय, सीमा पाण्डेय, पूनम पाण्डेय, माला पाण्डेय, खुश्बू पाण्डेय प्रियंका पाण्डेय, गौतम पाण्डेय, नवनीत पाण्डेय, नवमीत पाण्डेय, नितीशआचार्य ललित शुक्ला,पंडित ललित शास्त्री पाण्डेय, अम्बेश्वरी पाण्डेय, गुरु पाण्डेय, समीर पाण्डेय,सानू पाण्डेय, दीनू पाण्डेय, रामप्रसन्न शुक्ला,पिंटू पाण्डेय आदि लोग उपस्थित रहे।
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