*कलक्ट्री कचहरी सभागार में आयोजित भगवान परशुराम जन्मोत्सव समारोहके भब्य कार्यक्रम का आयोजन*
*वरिष्ठ संवाददाता-बीपीमिश्र*
गोरखपुर 22 अप्रैल । कलक्ट्री कचहरी सभागार में आयोजित भगवान परशुराम जन्मोत्सव समारोहके भब्य कार्यक्रम के अवसर पर अखिल भारतीय ब्राम्हण महासभा द्वारा समाज के हर वर्ग के लोगों को भगवान परशुराम पराक्रम सम्मान से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर आल इंडिया गार्ड्स कौंसिल के जोनल महासचिव शीतल प्रसाद को भी अंग वस्त्र और फूल मालाओ से सुसज्जित करते हुए भगवान परशुराम पराक्रम सम्मान पत्र प्रदान किया गया, यह सम्मान उन लोगों के मुँह पर तमाचा के समान है,जो ब्राम्हण समाज या सनातन धर्म के आस्था के प्रतीक रामचरित मानस को फाड़कर विशाल हिन्दू समाज को जाति एवं वर्ग में बाटने की राजनीति करते हैं।इस सम्मान से सम्मानित शीतल प्रसाद ने कहा कि जो लोग रामचरित मानस को फाड़कर समाज को बांटने का प्रयास करते हैं वे यह भूल जाते हैं कि भगवान श्रीराम ने गीध राज जटायु का अंतिम संस्कार अपने पिता की तरह किया,माता सबरी के जूठे बेरो को खाकर उनसे आशीर्वाद लिया उसी रामचरित मानस में ऋषी भारद्वाज द्वारा निषाद राज को समान आसन प्रदान करते हुए उनका सम्मान किया गया।वैश्य वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाले अपने परम भक्त हनुमान जी को गले लगाते हुए भरत जैसा अपना भाई बताया, लेकिन वहीं वनवासी बानर और रीछों को लेकर उन्होंने महा पराक्रमी ब्राम्हण रावण जो सबका उत्पीड़न करता था उसका वध भी किया।ऐसे श्रीराम की कथा पर आधारित रामचरित मानस की कुछ चौपाइयों का गलत अर्थ निकालते हुए जिस तरह से समाज मे बिभेद पैदा करने का प्रयास किया गया है,उसकी निंदा करता हु। मैं(पासी समाज) का होने के बावजूद सम्मानित किये जाने के लिए ब्राम्हण महा सभा का सम्मान करता हु जो इस बात का प्रतीक है कि आज चारो वर्णो को एक ही ब्रम्ह का अंग मानते हुए किसी से भी भेदभाव नहीं करती। हा यह सच है कि हर समाज मे कुछ अतिवादी होते हैं और उस पर आधारित कुछ रूढिया भी समाज में रही हैं लेकिन अब आज ब्राम्हण महासभा द्वारा उन्हीं रूढ़ियों को समाप्त करते हुए हिन्दू समाज के सभी वर्गों को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है, जिसका मैं भी हृदय की गहराइयों से समर्थन करता हू।और अपने आप को सम्मानित किए जाने के लिए अखिल भारतीय ब्राम्हण महा सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के.सी. पाण्डेय व अन्य सम्मानित विशिष्ट जनों के प्रति आभार व्यक्त करता हूँ।सूत्रों द्वारा प्राप्त जानकारी।
Comments
Post a Comment