प्रेस विज्ञप्ति
दिव्यांगजनों को अपनी आवाज स्वयं बननी होगी: वरिश्ठ अधिवक्ता एवं दिव्यांगजन कार्यकता अषोक द्विवेदी
“कोविड़-19 महामारी के दौरान दिव्यांगजनों द्वारा महसूस किये जाने वाले आघात एवं चुनौतियां“ विशय पर सी.आर.सी. गोरखपुर ने आज एक आॅनलाइन वेबिनार ई-परामर्ष श्रृंखला 32 का आयोजन किया । श्रृंखला को बतौर मुख्यवक्ता संबोधित करते हुए जाने माने दिव्यांगजन कार्यकर्ता एवं एडवोकेट श्री अषोक द्विवेदी जी ने कहा कि आज दिव्यांगजन सषक्तीकरण के लिए अनेक सरकारी नीतियां और कानून मौजूद है, सरकारंे और संस्थाएं अपना काम कर भी रहीं हैं परन्तु यह एक जमीनी सच्चाई है कि दिव्यांगजनों को कोविड के दौरान सबसे ज्यादा समस्या का सामना करना पड़ा है। इसलिए दिव्यांगजनों को अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी और उन्हें खुद अपनी आवाज बननी होगाी। अनेक व्यावहारिक उदाहरण देते हुए श्री अषोक द्विवेदी जी ने कहा कि दिव्यांगता पुनर्वास की लड़ाई को और संवेदनषीलता के साथ लड़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मैं स्वयं एक दिव्यांग हूॅं इसलिए मुझे लगता है कि दिव्यांगता पुनर्वास पर एक व्यवहारिक दृश्टिकोण अपनाये जाने की आवष्यकता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सी.आर.सी. के निदेषक श्री रमेष कुमार पान्डेय जी ने किया। अपने अध्यक्षीय संबोधन में सी.आर.सी. निदेषक ने कहा कि सी.आर.सी. गोरखपुर ने कोविड़-19 के दौरान नियमित रूप से जो कार्यक्रम किये है उसका एक मात्र उद्देष्य है कि दिव्यांगजनों में अधिक से अधिक जागरूकता पैदा हो जिससे वे अपनी जरूरतों तथा अधिकारों के प्रति सजग हों। कार्यक्रम समन्वयक अमित कुमार कच्छप ने कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की तथा कार्यक्रम का संचालन किया। सह-समन्वयक श्री राजेष कुमार यादव ने कार्यक्रम में अपना सहयोग दिया। इस कार्यक्रम में आॅनलाइन माध्यम से 100 से ज्यादा लोगों ने प्रतिभाग किया। सभी प्रतिभागियों को ई-सर्टिफिकेट दिया गया। सी.आर.सी. के फेसबुक पेज और यू ट्युब चैनल पर हजारों लोगों ने वेविनार का लाइव प्रसारण देखा।

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