नई षिक्षा नीति दिव्यांगजनों के लिए वरदान सिद्ध होगी। नई षिक्षा नीति से सभी लोगों के लिए बाधारहित वातावरण एवं रोजगार परक षिक्षा से जोड़ने का लक्ष्य प्राप्त होगा।
प्रेस विज्ञप्ति
नई षिक्षा नीति दिव्यांगजनों के लिए वरदान सिद्ध होगी। नई षिक्षा नीति से सभी लोगों के लिए बाधारहित वातावरण एवं रोजगार परक षिक्षा से जोड़ने का लक्ष्य प्राप्त होगा।
सी.आर.सी.गोरखपुर की विषेश वेविनार में बतौर मुख्य-अतिथि जुडे़ उपमुख्यमंत्री
“नई षिक्षा नीति और दिव्यांगता“ विशय पर सी.आर.सी. गोरखपुर ने एक आॅनलाइन वेविनार का आयोजन किया। मुख्य अतिथि के रूप में वेविनार को संबोधित करते हुए डाॅ. दिनेष षर्मा, उप-मुख्यमंत्री उ.प्र. सरकार ने कहा कि भारत सरकार की भारतीय दर्षन पर आधारित नई षिक्षा नीति 2020 आ गई है। नई षिक्षा नीति समावेषन की अवधारणा पर आधारित है। नइ्र्र षिक्षा नीति बाधारहित वातावरण के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है जो कि दिव्यांगजनों के लिए वरदान सिद्ध होगी। यह षिक्षा नीति सभी को रोजगार परक षिक्षा से जोड़ने का अवसर प्रदान करेगी। उत्तर प्रदेष सरकार नई षिक्षा नीति के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक विषेश कार्ययोजना के तहत कार्य कर रही है, जिससे षिक्षा प्राप्त करने की आयु वर्ग वाले सभी बच्चों का स्कूल में नामांकन सुनिष्चित किया जा सके। षासन का यह प्रयास होगा कि इस प्रक्रिया में दिव्यांगजन भी पीछे नहीं रहने पायेगें।
आज की इस महत्वपूर्ण वेविनार में समाज के जाने-माने कई विद्वान उपस्थिति रहे। विषिश्ट अतिथि के रूप में वेविनार को संबोधित करते हुए सक्षम नागपुर, के अखिल भारतीय संगठन मंत्री एवं केन्द्रीय सलाहकार बोर्ड सदस्य, एम.एस.जे.ई., भारत सरकार के डाॅ. सुकुमार जी ने कहा कि दिव्यांगता पुनर्वास और समावेषी समाज के निर्माण में इस नई षिक्षा नीति का महत्वपूर्ण योगदान रहने वाला है।
राश्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग, भारत सरकार के अध्यक्ष श्री प्रियांक कानूनगो ने कहा कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के संदर्भ में इस नई षिक्षा नीति का अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान है।
उत्तर प्रदेष, बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डाॅ. विषेश गुप्ता ने कहाकि नई षिक्षा नीति में कुछ बातों पर ध्यान देने का समय आ गया है क्योंकि यह लड़ाई दिव्यांगजनों के स्मिता और अधिकारों के संरक्षण की है। जागरूकता की कमी की वजह से आज भी दिव्यांगजन एकांतवास के षिकार है। सी.आर.सी. जैसी अनेक संस्थाएं उनकी आवाज बन कर समाज में जागरूकता पैदा कर रही है। उत्तर प्रदेष बाल संरक्षण आयोग न केवल प्राथमिक षिक्षा के बच्चों बल्कि दिव्यांगजनों हेतु भी काम कर रहा है। उनके लिए विषेश काउंसलिंग और संवेदना की आवष्यकता है। दिव्यांगता पुनर्वास में काम करने वाले सरकार के सभी विभागों के बीच समन्वय स्थापित करके ही उनके अधिकारांे का संरक्षण किया जा सकता है हमें इस सन्दर्भ में हमें व्यावहारिक दृश्टिकोण अपनाने की आवष्यकता है।
राश्ट्रीय दृश्टि दिव्यांगजन सषक्तीकरण संस्थान के निदेषक डाॅ. हिमांषु दास जी ने कहा कि दिव्यांगता पुनर्वास में कार्य कर रहे भारत सरकार के सभी राश्ट्रीय संस्थान भारत सरकार की नई षिक्षा नीति के लक्ष्य को ध्यान मंे रखकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। जिसके लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय पूरे देष मंे बहुत जल्दी नये षीघ्र हस्तक्षेपण केन्द्रों की स्थापना तथा जिला स्तर पर जिला दिव्यांगजन सषक्तीकरण केन्द्रों के पुनः सषक्तीकरण पर काम कर रहा है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिशद के विष्वविद्यालय प्रमुख श्री श्रीहरि बोरकर जी ने कहा कि नई षिक्षा नीति मंे दिव्यांगता के साथ ट्रांसजेंडर को भी अवसर देना इस षिक्षा नीति की सबसे बड़ी विषेशता है।
अखिलेन्द्र कुमार ने कहाकि उत्तर प्रदेष पहले से ही इस षिक्षा नीति के लिए पहले से ही तैयार थी परंतु विषेश षिक्षा के लिए एक स्टैंडिंग कमेटी की आवष्कता है।
श्री कमलाकांत पान्डेय जी राश्ट्रीय महासचिव सक्षम तथा ई.सी./जी.सी. सदस्य भारतीय पुनर्वास परिशद भारत सरकार ने कहाकि राश्ट्रीय षिक्षा नीति पर नियमित रूप से चर्चा होनी चाहिए जिससे नये विशय को जोड़ने का सुझााव दिया जा सके और दिव्यांता पुनर्वास को एक नया आयाम मिल सके।
सी.आर.सी. के निदेषक श्री रमेष कुमार पान्डेय जी की अध्यक्षता में आयोजित हो रही यह ई-परामर्ष श्रृंखला की 31वीं वेविनार थी। माननीय उप-मुख्यमंत्री सहित सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत करते हुए श्री पान्डेय जी ने कहा कि नई षिक्षा नीति और दिव्यांगता पुनर्वास पर जागरूकता की आवष्यकता महसूस की जा रही थी। जिसके लिए आज की वेविनार में अपने विचार रखने वाले सभी विद्वान जनों के प्रति सी.आर.सी गोरखपर आभार व्यक्त करती है।
सक्षम, राश्ट्रीय कार्यकारण्ी के सदस्य, डाॅ. जयषंकर पान्डेय ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापन किया।
कार्यक्रम के संयुक्त समन्यवक श्री राजेष कुमार, सहायक प्राध्यापक, नैदानिक मनोविज्ञान विभाग, श्री राजेष कुमार यादव, पुनर्वास अधिकरी तथा विषेश षिक्षक श्री नागेन्द्र पान्डेय जी, सी.आर.सी. गोरखपुर ने कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की। इस कार्यक्रम में आॅनलाइन माध्यम से 250 से ज्यादा लोगों ने प्रतिभाग किया। सभी प्रतिभागियों को ई-सर्टिफिकेट दिया गया। सी.आर.सी. के फेसबुक पेज और यू ट्युब चैनल पर हजारों लोगों ने वेविनार का लाइव प्रसारण देखा।


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