*दिव्यांगता का कार्यात्मक वर्गीकरण से शैक्षणिक उपलब्धि में सुधार संभव : डॉ अलोका गुहा* *रिपोर्टर-बी.पी.मिश्र,गोरखपुर*
गोरखपुर 20 दिसम्बर 2021 सी.आर.सी. गोरखपुर में आज से तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गयी जिसका मुख्य विषय था अंडरस्टैंडिंग आई.सी.एफ., रिव्यु ऑफ़ असेसमेंट टूल्स एंड अदर हेल्थ कंडीशंस । दरअसल यह विश्व स्वस्थ्य संगठन के द्वारा प्रदत्त एक विशिष्ट संकल्पना है जिसे 2001 में दिव्यांगता के वर्गीकरण के आधार के रूप में प्रतिपादित किया गया था । इसमें दिव्यांगता के वर्गीकरण हेतु न केवल मेडिकल आधार पर बल्कि इसके अलावा सामाजिक, मनोवैज्ञानिक तथा उसके कार्यात्मक क्षेत्रों के विकास और वर्तमान कार्यात्मक क्षमता के आधार पर वर्गीकरण करने की बात कही गयी है ।आज के तकनिकी सत्र की शुरुआत नेशनल ट्रस्ट के फाउंडर चेयरपर्सन तथा भारत के जाने माने विशेषज्ञ डॉ. अलोका गुहा ने की । उन्होंने सभी प्रतिभागियों को विशेष शिक्षा में आई.सी.एफ. के उपयोग से विस्तार से सम्बन्धित जानकारी दी । द्वितीय सत्र में डॉ. प्रियब्रत ओझा ने आई.सी.एफ. के विविध क्षेत्रों, उसके कोडिंग प्रणाली तथा क्वालीफायर के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की । दोपहर बाद के तकनिकी सत्र में गुवाहाटी हॉस्पिटल के भौतिक चिकित्सक डॉ. अनन्या सतपति ने सभी प्रतिभागियों के साथ अपना अनुभव साझा की तथा विभिन्न प्रकार के उदाहरणों द्वारा केस को समझाने का प्रयास किया, साथ ही कोडिंग प्रणाली को भी समझाया । अंतिम सत्र में सी.आर.सी. के भौतिक चिकित्सक डॉ. विजय कुमार गुप्ता ने आई.सी.एफ. के इस्तेमाल से सम्बंधित जानकारी देते हुए बताया कि इसके मुख्यतः चार भाग होते हैं : शारीरिक संरचना, शारीरिक गतिविधि, वातावरणीय कारक तथा प्रक्रिया । उन्होंने इन चार आधारों पर कार्यात्मक विश्लेषण करने की सलाह दी। सी.आर.सी. के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर श्री रवि कुमार ने कार्यक्रम की सफलता हेतु शुभकामनायें दी तथा नीरज मधुकर, आचार्य विशेष शिक्षा विभाग ने इस कार्यक्रम का संचालन किया । इसकार्यक्रम में देश के अलग-अलग राज्यों से 100 पुनर्वास विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया ।
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