प्रेस विज्ञप्ति
सी.आर.सी. गोरखपुर और सी.आर.सी. लखनऊ ने एक प्लेटफार्म पर आकर दिव्यांगजन अधिकार अधिनियिम 2016 पर जागरूकता हेतु आयोजित किया आॅनलाइन वेविनार।
पूर्वांचल में दिव्यांगता पुनर्वास सेवाओं को समुचित रूप से लाभार्थियों तक पहुंचाने हेतु समेकित क्षेत्रीय कौषल विकास, पुनर्वास एंव दिव्यांगजन सषक्तीकरण केन्द्र ( सी.आर.सी. ) गोरखपुर और सी.आर.सी. लखनऊ ने संयुक्त समन्वय में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 पर जागरूकता हेतु आॅनलाइन माध्यम से एक वेविनार का आयोजन किया। राश्ट्रीय दृश्टि दिव्यांगजन सषक्तीकरण संस्थान देहरादून के निदेषक और सी.आर.सी. निदेषक श्री हिमांग्षु दास जी के मार्गदर्षन में इस वेविनार का आयोजन हुआ। कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए सी.आर.सी. लखनऊ केे निदेषक श्री रमेष कुमार पान्डेय जी ने पूर्वांचल में इस प्रकार की सेवाओं को बढ़ाने की पहल करते हुए कहाकि सी.आर.सी. लखनऊ और सी.आर.सी. गोरखपुर को आपसी ताल-मेल से दिव्यांगता पुनर्वास की नई ऊंचाई को छूना चाहिए तथा भारत सरकार के सपनों को साकार करने की दिषा में बढ़ना चाहिए। एन.आई.एल.डी. कोलकता के पूर्व प्रभारी निदेषक श्री पंकज वाजपेयी जी ने मुख्य वक्ता के रूप में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 में वर्णित नई दिव्यांगताओं के बारे में बताया। अपनी बात रखते हुए श्री वाजपेयी जी ने नई दिव्यांगताआंे के सन्दर्भ में जल्द पहचान के बारे में जोर दिया तथा बताया कि अभिभावक खास कर माता बचपन में ही बच्चे को जल्द पहचानने में मदद कर सकती है। आज इस दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरूकता फैलाने की जरूरत है क्योंकि जागरूकता की कमी के कारण आज 4 साल बाद भी लोग इस अधिनियम का फायदा नहीं उठा पा रहें है। एन.आई.एल.डी. कोलकता के सामाजिक आर्थिक पुनर्वास विभाग के विभागाध्यक्ष श्री आलेन्द्र त्रिपाठी जी ने भी वेविनार को संबोधित किया। सी.आर.सी. के रेजिडेंट कोर्डिनेटर श्री रवि कुमार जी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 का परिचय दिया। कार्यक्रम के संयुक्त समन्वयक श्री राजेष कुमार, सहायक प्राध्यापक, राजेष कुमार यादव, नागेन्द्र पान्डेय तथा संजय सिंह ने कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की तथा कार्यक्रम का संचालन किया। बता दें ई-परामर्ष श्रृंखला की यह 63वीं वेविनार थी। इस कार्यक्रम में 100 से ज्यादा लोगों ने प्रतिभाग किया। सभी प्रतिभागियों को ई-सर्टिफिकेट प्रदान किया गया।
Comments
Post a Comment