*यूपी- जेल में बंद कैदियों को अब नहीं मिलेगा पैरोल, गृह विभाग ने जारी किया आदेश।*
*कानपुर इनकाउंटर: दुर्दांत अपराधियों को नहीं मिलेगी पैरोल, SIT ने की थी सिफारिश*
उत्तर प्रदेश सरकार ने कानपुर एनकाउंटर की जांच के लिए गठित एसआईटी की संसतुतियों को स्वीकार करते हुए सिद्धदोष दुर्दांत अपराधियों को पैरोल न देने का फैसला किया है। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है। शासनादेश में सभी जिलाधिकारियों पुलिस कप्तानों तथा लखनऊ एवं गौतम बुध नगर के पुलिस कमिश्नरों से कहा गया है कि एसआईटी की संस्तुतियों एवं केंद्रीय गृह मंत्रालय की तीन सितंबर 2020 को जारी संबोधित गाइडलाइन को देखते हुए बंदियों के पैरोल (दंड का अस्थाई निलंबन) के प्रकरणों का परीक्षण करने के बाद ही अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएं। पैरोल के संबंध में एसआईटी की संस्तुति में कहा गया है कि गंभीर अपराधों में संलिप्त दुर्दांत अपराधियों को उनके आजीवन कारावास के दौरान पैरोल पर कतई न छोड़ा जाए और इसलिए शासन को पैरोल के संबंध में कठोर नियमावली एवं दिशा निर्देश तत्काल जारी करने चाहिए। एसआईटी का मानना है कि विकास दुबे जैसे दुर्दांत अपराधियों को उनके जेल कार्यकाल के दौरान बाहर आने का अवसर नहीं प्राप्त होना चाहिए। पैरोल न मिलने से उनकी आपराधिक गतिविधियों पर रोक लग सकेगी तथा जनमानस में उनका भय भी तभी समाप्त हो पाएगा। एसआईटी ने यह भी कहा है कि अपराधिक व्यक्तियों के अपराधियों की निगरानी के साथ ही साथ उनके अवैध आर्थिक स्रोतों पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है ताकि इस अवैध धन से अपराधियों की नई नर्सरी ना पैदा हो सके।
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