*नई शिक्षा नीति एवं सेल्फ डिफेंस की दी गई जानकारी मुख्य वक्ता त्रिभुवन मिश्र*
*वरिष्ठ संवाददाता-बीपीमिश्र*
गोरखपुर ।दिग्विजयनाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय,के राष्ट्रीय सेवा योजना के चारों इकाईयों द्वारा महाराणा प्रताप, सुभाष, गोरखनाथ एवं मीराबाई इकाई के विशेष सप्तदिवसीय शिविर के पॉचवें दिन प्रार्थना सभा, राष्ट्रीय सेवा योजना का लक्ष्य गीत, संकल्प गीत के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। पांचवे दिन प्रातः सेल्फ डिफेंस प्रशिक्षक श्री आदित्य कुमार जायसवाल ने स्वयं सेवक/स्वयं सेविकाओं को योगासन के विभिन्न आयामों पर प्रशिक्षण दिया तथा ताईक्वाण्डों आत्म सुरक्षा का प्रशिक्षण दिया गया इसके अन्तर्गत उन्हें बताया गया कि विषम परिस्थितियों में आप अपना बचाव इन गुणों के माध्यम से कर सकते हैं। किक व पंच के द्वारा नियमित प्रयोग होने वाले हेयर पिन, पेन, पानी का बोतल, बैग इत्यादि वस्तुओं का प्रयोग करके अपनी आत्म सुरक्षा कर सकते हैं। स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत विषय पर रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें प्रथम स्थान पर खुशी राव एवं आयुषी शरण सिंह, बी.काम. द्वितीय, महाराणा प्रताप इकाई, द्वितीय स्थान पर कंचन एवं नन्दिनी, बी.काम. द्वितीय, महाराणा प्रताप इकाई, तृतीय स्थान अंजलि जायसवाल, आरूषी एवं किरन, बी.ए., मीराबाई इकाई, सांत्वना समीक्षा एवं रैना, बी.ए., मीराबाई इकाई को प्राप्त हुआ।अपराह्न बौद्धिक सत्र में मुख्य वक्ता डॉ. त्रिभुवन मिश्रा,सहायकआचार्य,शिक्षाशास्त्र विभाग, दिग्विजयनाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गोरखपुर ने अपने उद्बोधन में कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा में कई अहम बदलाव हुए है। नई शिक्षा नीति 2020 भारत वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाने के लिए लायी गयी है, यह स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक अधिक लचीला, समग्र और बहुविषयक रूप धारण करने की अनूठी क्षमता को रिकार्ड करेगा। इस नई शिक्षा नीति के माध्यम से हमारे देश की शिक्षा प्रणाली और खोज की सुविधा को मजबूती प्रदान करेगी। जिसकी मदद से जो विदेशों में भारतीय शिक्षा ग्रहण करते हैं जिन पर हजारों डालर खर्च होते हैं, इस नई भारतीय ज्ञान परम्परा से भारत के मानव वैश्विक स्तर पर प्राप्त होंगे। इस नीति के माध्यम से तीन से छः साल के बच्चों को 2025 तक मुफ्त शिक्षा प्राप्त होगी। भारतीय और क्षेत्रिय परम्पराओं नैतिक तर्क, सामाजिक-भावनात्मक शिक्षा, सम्बद्ध और तार्किक तर्क, डिजीटल साक्षरता, कम्प्यूटेशनल सोच, वैज्ञानिक सम्बन्ध, भाषा और संचार कौशल सभी शामिल किये गये हैं। आप सभी स्वयं सेवक/स्वयं सेविका एक जागरूक छात्र-छात्रा के रूप में अध्ययन कर रहे हैं।सी.बी.सी.एस. प्रणाली का पूरा लाभ उठाते हुए अपने व्यक्तित्व का चौमुखी विकास इसपाठ्यक्रम के माध्यम से कर सकते हैं। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ. संजय कुमार त्रिपाठी द्वारा किया गया एवं आभार ज्ञापन कार्यक्रम अधिकारी डॉ. पीयूष कुमार सिंह द्वारा किया गया। पूरे कार्यक्रम में सक्रिय भूमिका में कार्यक्रम अधिकारी डॉ. निधि राय एवं कार्यक्रम अधिकारी डॉ. प्रदीप कुमार यादव की रही। इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षक प्रो. धीरेन्द्र सिंह, डॉ. विवेक शाही, डॉ. इन्द्रेश पाण्डेय, डॉ. अखण्ड प्रताप सिंह, डॉ. विकास कुमार पाठक, अजय शर्मा, अश्वनी श्रीवास्तव, श्रीमती अंजलि सिंह, स्वयं सेवक में मुख्य रूप से बिपिन जायसवाल, छत्रसाल सिंह, सत्येन्द्र कुमार, आयुषी शरन सिंह, साक्षी तिवारी, खुशी राव सहित स्वयं सेवक/स्वयं सेविकाएं उपस्थित रहे।संवाद सूत्र सुनील त्रिपाठी की रिपोर्ट।
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