*दिग्विजयनाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना का सप्तदिवसीय शिविर का समापन*
*वरिष्ठ संवाददाता-बीपीमिश्र*
गोरखपुर।दिग्विजयनाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय, के राष्ट्रीय सेवा योजना के चारों इकाईयों के द्वारा महाराणा प्रताप, सुभाष, गोरखनाथ एवं मीराबाई इकाई के विशेष सप्तदिवसीय शिविर के सांतवे दिन प्रार्थना सभा, लक्ष्य गीत, संकल्प गीत के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। प्रथम सत्र में मेहदी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें 12 स्वयं सेविकाओं ने प्रतिभाग किया। प्रथम स्थान अंकिता शर्मा एम.काम.प्रथम गोरखनाथ इकाई, द्वितीय स्थान रूपाली गुप्ता बी.एससी. गोरखनाथ इकाई, तृतीय स्थान शिखा त्रिपाठी एम.काम.प्रथम सुभाष इकाई, सांत्वना पुरस्कार नन्दिनी बी.काम. प्रथम महाराणा प्रताप इकाई, आयुषी शाही बी.ए.द्वितीय मीराबाई इकाई को प्राप्त हुआ। विशेष सप्तदिवसीय शिविर के समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ.अवधेश सिंह, एस.पी., जी.आर.पी., रेलवे मण्डल, गोरखपुर ने कहा कि प्रत्येक क्षेत्र में सफल होने के लिए मूल में शिक्षा ही है। राष्ट्र एवं शिक्षा के प्रति समर्पित होकर पूरे मनोयोग के साथ लक्ष्य प्राप्ति के लिए जुड़ जाना चाहिए तभी सफलता प्राप्त कर सकते हैं। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ. अमरकान्त सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक, गोरखपुर ने अपने उद्बोधन में कहा कि सोच में उंची उड़ान होने के साथ-साथ लक्ष्य के प्रति समर्पण भाव ही सफलता प्रदान करती है। किसी भी बाहरी दबाव में नही आना चाहिए। सेवा-भाव, परिवार, समाज एवं राष्ट्र के प्रति होना चाहिए। जिस प्रकार से सैनिक का देश सेवा के प्रति समर्पण भाव होता है उसी भाव के साथ यदि आप जुड़कर कार्य करेंगे तो लक्ष्य को किसी भी कीमत पर प्राप्त कर सकते हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. ओम प्रकाश सिंह ने स्वयं सेवक/स्वयं सेविकाओं को अपने उद्बोधन में कहा कि आज राष्ट्र व समाज के उत्थान के लिए युवाओं को आगे आने की आवश्यकता है, ऐसा अवसर राष्ट्रीय सेवा योजना ही प्रदान कर सकता है। युवाओं की सकारात्मक सोच से युवाओं को एक नई दिशा मिलेगी। राष्ट्रीय सेवा योजना सामुदायिकता की भावना का विकास करने का अवसर प्रदान करता है। इस सप्तदिवसीय शिविर के सातो दिनांे में बहुत कुछ सीखने का अवसर मिला होगा। जिसको आत्मसात करते हुए नई उर्जा के साथ कार्य करना होगा। महाविद्यालय के मुख्य नियंता प्रो. धीरेन्द्र सिंह ने कहा कि इस प्रतिकूल मौसम के बावजूद स्वयं सेवक/स्वयं सेविकाओं ने दिन-रात के इस शिविर में रहते हुए जिस प्रकार से श्रमदान, जनजागरूकता रैली, वृहद स्वच्छता कार्यक्रम, मन्दिर परिसर स्वच्छता एवं सफाई का कार्य से समाज को जो संदेश देने का प्रयास किया है वह सराहनीय है। सप्त दिवसीय शिविर के समापन अवसर पर वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ. संजय कुमार त्रिपाठी ने स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत जनजागरूकता कार्यक्रम पर आधारित सप्त दिवसीय शिविर के सातो दिन के क्रिया कलापों की रिपोर्ट/आख्या प्रस्तुत किया। स्वयं सेवक छत्रसाल सिंह ने सप्तदिवसीय शिविर में बिताये गये पलों एवं कार्यक्रमों की आख्या प्रस्तुत की। स्वयं सेविका आयुषी शरण सिंह ने सप्तदिवसीय शिविर में किये गये कार्यों एवं कार्यक्रमों की अपनी आख्या प्रस्तुत करते समय प्रशंसा की एवं साथ ही साथ कहा कि महाविद्यालय के द्वारा हम सभी को एक बेहतर कार्य करने का अवसर प्रदान किया गया। जिसे मैं आजीवन भूल नहीं पाउंगी।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में स्वयं सेवक/स्वयं सेविकाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। सरस्वती वन्दना खुशी राव के द्वारा प्रस्तुत किया गया। स्वागतगीत रिया गुप्ता, श्रुति, रूपम, सुप्रिया के द्वारा एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम हर्षिता सिंह श्रीनेत, आराध्या दूबे, रूपम दूबे, गायत्री यादव, बबलू यादव, गौरव पाण्डेय, बिपिन जायसवाल, आशुतोष मिश्रा आदि के द्वारा प्रस्तुत किया गया।
संचालन कार्यक्रम अधिकारी डॉ. पीयूष कुमार सिंह द्वारा किया गया एवं आभार ज्ञापन कार्यक्रम अधिकारी डॉ. निधि राय द्वारा किया गया। पूरे कार्यक्रम में सक्रिय भूमिका में कार्यक्रम अधिकारी डॉ. प्रदीप कुमार यादव जी की रही। इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षक डॉ. विवेक शाही, डॉ. धर्मचन्द्र विश्वकर्मा, डॉ. इन्द्रेश पाण्डेय, डॉ. अखण्ड प्रताप सिंह, श्री संतोष कुमार त्रिपाठी, श्री अंकित सिंह, श्री अजय शर्मा, श्री बृजेश विश्वकर्मा, श्री अश्वनी श्रीवास्तव, श्री अंकित पाण्डेय, श्री शुभम, श्रीमती अंजलि सिंह, श्री कैलाश शर्मा, श्री संजय यादव सहित स्वयं सेवक/स्वयं सेविकाएं उपस्थित रहे।संवादसूत्र सुनील त्रिपाठी की रिपोर्ट।
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