*मां-बाप की फिक्र को फ़क्र में बदलें : प्रो अजय शुक्ला*
*वरिष्ठ संवाददाता-बीपीमिश्र*
गोरखपुर। मां-बाप की फिक्र को फक्र में बदले। आपके लिए वो फ़िक्र करते हैं इतना मेहनत करें कि अपने लक्ष्य को प्राप्त करें जिससे कि वो आप पर फक्र करें। कठिन परिश्रम का कोई विकल्प नहीं होता है जिनके हाथों में मेहनत है उनके माथे में मंजिल है। उक्त बातें गंगोत्री देवी महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोरखपुर के राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय शिविर के उद्घाटन अवसर पर दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के पूर्व कार्यक्रम समन्वयक प्रो अजय कुमार शुक्ला ने कही।अपनी बातों को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति आउटरीच प्रोग्राम को बढ़ावा देती है शिविर आपस में भेदभाव दूर कर मिल बैठकर कार्य करना सिखाते हैं जो व्यक्तित्व विकास के लिए सबसे बड़ा कारक होता है. अगर सफलता प्राप्त करनी है तो लक्ष्य निर्धारित करिए और 4 चार डी याद रखिए।पहला डी डेडिकेशन दूसरा डी डिवोशन तीसरा डी डिटरमिनेशन चौथा डी डिसिप्लिन .यह चार डी आपके पास है तो सफलता भी आपके पास है। सशक्त युवा देश के बेहतर भविष्य को आकार देने की क्षमता रखते हैं। हमारा कर्तव्य है कि हम हर किसी को उसका उच्चतम आदर्श जीवन जीने के संघर्ष में प्रोत्साहन करें, और साथ ही साथ उस आदर्श को सत्य के जितना निकट हो सके लाने का प्रयास करें। कार्यक्रम मे विशिष्ट अतिथि रीना त्रिपाठी, महाविद्यालय के व्यवस्थापक आशुतोष मिश्र अध्यक्षता डॉ पूनम शुक्ला, संचालन डॉ रजनी मिश्रा ने किया।मुख्य अतिथि डॉ अजय शुक्ल ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना सामुदायिक भागेदारी के साथ सामाजिक कर्तव्यों की भावना का विकास करता है। यह समुदाय को समझ कर समस्याओं को जानना और उन्हें हल करने के लिए उनको शामिल करने का सशक्त माध्य्म है।सामाजिक और नागरिक जिम्मेदारी की भावना का विकास करना। इस योजना के द्वारा समूह स्तर पर जिम्मेदारियों को बांटने के लिए आवश्यक क्षमता का विकास करने के साथ आपातकाल और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए विकसित किया जाता है। साथ मे राष्ट्रीय एकता और सामाजिक समरसता का अभ्यास कर
नेतृत्व गुणों और लोकतांत्रिक दृष्टिकोण को प्राप्त किया जाता है। विशिष्ट अतिथि रीना त्रिपाठी ने एनएसएस के संभागियों से शिविर के माध्यम से समाज सेवा एवं स्वयं में अंतर्निहित प्रतिभा को पहचानने एवं निखारने की क्षमता पर बल दिया। महाविद्यालय के व्यवस्थापक आशुतोष मिश्र ने कहा कि अपनी शक्ति, सामर्थ्य और साहस से देश को परम वैभव तक पहुँचाने का दायित्व युवाओं को स्वीकारना है। व्यक्ति का कल्याण अंततः समाज के कल्याण पर निर्भर है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ पूनम शुक्ला ने कहा कि शिविर के माध्यम से छात्राओं का चारित्रिक एवं सामाजिक विकास होता है जो राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। इस अवसर पर एनएसएस की कार्यक्रम अधिकारी डॉ प्रत्या उपाध्याय ने आगंतुकों का आभार व्यक्त किया।कार्यक्रम मे डॉ आभा गुप्ता, डॉ कामिनी सिंह,डा.सुषमा मिश्रा, डा. कुमुद त्रिपाठी, डॉ शीला त्रिपाठी, डा.सीमाश्रीवास्तव,स्नेहा पांडेय, रजनी मिश्रा,आकाश रैना, प्रिया श्रीवास्तव, अशोक सिंह , अर्जुन यादव, संगीता मिश्रा, सावित्री त्रिपाठी, अनिल पांडेय, लक्ष्मी, इंदिरा व अन्य शिक्षक और कर्मचारी उपस्थित रहे।
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