नारायण का जन्म होते ही गोकुल बना नारायणपुर
फतेहपुर /अमौली| विकासखंड के गांव नारायणपुर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में जनपद फतेहपुर के चांदपुर से पधारी कथा व्यास स्वर कोकिला साध्वी पूनम किशोरी ने सर्वप्रथम त्रेता युग की पावन कथा भक्तों को श्रवण कराई| इसके पश्चात चंद्रवंश का मार्मिक प्रसंग भक्तों के बीच सुनाकर कथा व्यास ने गागर में सागर भर दिया| मथुरा के राजा उग्रसेन का पुत्र कंस एक आतताई युवराज था जिसने अपनी बहन देवकी का विवाह वसुदेव के साथ किया| देवताओं की आकाशवाणी सुनकर कंस ने अपनी बहन देवकी एवं मान्यवर वसुदेव को कारागार में डाल दिया| इसके पश्चात देवकी के कारागार में छह पुत्रों का वध बारी-बारी से मथुरा का युवराज मथुरा का सम्राट बनकर करता रहा| साथ में पुत्र की सूचना गर्भ में क्षीण होने की राजा कंस को दी गई| आठवें पुत्र के रूप में स्वयं भगवान विष्णु ने अवतार लिया जिसे वसुदेव जी ने गोकुल में यशोदा के पास छोड़ दिया तथा उसी दिन जन्मी योग माया के रूप में कन्या को लेकर राजा कंस के पास पहुंचे| राजा कंस ने उस कन्या को भी नहीं छोड़ा उसे उठाकर जैसे ही पृथ्वी पर पटकना चाहा वह कन्या आकाश मंडल पर विलीन हो गई तथा आकाशवाणी हुई कि " रे राजा कर तू मुझे क्या मारता है तुझे मारने वाला गोकुल में पैदा हो चुका है"| यह सुनकर राजा कंस चकित हो गया और अपने तरह-तरह की राक्षसों को गोकुल भेजने लगा ताकि उसके काल को समाप्त किया जा सके| उधर गोकुल में नंद बाबा के घर में बालक के जन्म होने पर घर-घर बधाई होने लगी| समस्त नारायणपुर गांव के श्रद्धालु भक्त बनाने भी बधाइयों पर झूम कर नाचे| इस मौके पर कथा व्यास के साथ तबले पर पंकज त्रिपाठी बांदा एवं आर्गन में भी विख्यात कलाकारों ने चार चांद लगा दिए| इस मौके पर कथा श्रवण करते हुए कथा परीक्षित शिवदास निषाद प्रमुख आयोजक जगदीशचंद्र बाबा दिनेश सिंह जगमोहन शिवराम निषाद रघुवीर निषाद एवं कथा के सहायक आचार्य आचार्य पंडित रमाकांत तिवारी ने कथा सुनकर अपने को भावविभोर किया
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