*साहित्य और लेखन में योगदान के लिए मिला विद्यावाचस्पति की मानद उपाधि* *रिपोर्टर-(बीपी मिश्र)* भागलपुर(बि.)/देवरिया। साहित्य के साथ साथ लेखन के क्षेत्र में सक्रिय बिमल तिवारी को विद्यावाचस्पति की मानद उपाधि प्राप्त हुई है। विद्यावाचस्पति की मानद उपाधि विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ भागलपुर बिहार के द्वारा प्रदान की गई है। विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ भागलपुर हर साल अपने दीक्षांत समारोह में हिंदी भाषा एवम साहित्य के लिए देश विदेश में योगदान देने वाले साहित्यकार, लेखक, एकेडमिक जगत के लोगों को अपने अकादमिक परिषद के सदस्यों की सलाह और अनुशंसा पर विद्यावाचस्पति की मानद उपाधि प्रदान करता है। जो पीएचडी के समतुल्य होता है। साल 2021 के 18-19 दिसंबर को आयोजित विद्यापीठ की दीक्षांत समारोह बिहार सहित देश विदेश में फैले कोरोना महामारी के चलते स्थगित कर दिया गया था। क्योंकि बिहार सरकार ने कोई भी सार्वजनिक या सामुहिक समारोह करने से मना कर दिया था। जिसे विद्यापीठ के द्वारा बाद में वर्चुअल आयोजित किया गया। बिमल तिवारी देवरिया जिले उत्तर प्रदेश के नोनापार गाँव के रहने वाले है। फ्रेंच भाषा में मास्टर बिमल तिवार...
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