बच्चों मंे होने वाले सामान्य भाशा और वाणी विकार को स्पीच थरेपी द्वारा रोका जा सकता है। सुमन कुमार, सहायक निदेषक
प्रेस विज्ञप्ति
बच्चों मंे होने वाले सामान्य भाशा और वाणी विकार को स्पीच थरेपी द्वारा रोका जा सकता है। सुमन कुमार, सहायक निदेषक
अलग-अलग दिव्यांगताओं को लेकर सी.आर.सी. गोरखपुर लगातार जागरूकता के कार्यक्रमों का आयोजन करती रही है। भाशा और वाणी से संबंधी दोश के रोकथाम और प्रबंधन को लेकर सी.आर.सी. गोरखपुर ने वेविनार श्रृंखला की कड़ी 60 का आयोजन किया। अली यावर जंग राश्ट्रीय श्रवण दिव्यांगजन संस्थान, उत्तरी क्षेत्रीय ज्ञान केन्द्र, नोएडा के सहायक निदेषक श्री सुमन कुमार ने बतौर मुख्य अतिथि वेबिनार को संबोधित किया। अपने संबोधन में श्री कुमार ने कहा कि भाशा और वाक् दोश अनेक प्रकार के हो सकते है जो कि मुख्यतया हकलाना, तुतलाना, उच्चारण दोश, एप्रैक्सििया, डिजार्थिया, के रूप में प्रकट होता है। इसके अलावा वाक् अंगों में बनावट का भी दोश हो सकता है जैसे कटा हुए तालू जो कि सामान्य आपरेषन द्वारा ठीक हो सकता है। आपरेषन के बाद सही तरीके से स्पीच थरेपी की जरूरत होती है। जिसमें आवष्यक पुनर्वास (भाशा और वाणी पुनर्वास) कराया जाता है। नियमित रूप से स्पीच थरेपी के द्वारा सामान्य भाशा और वाणी दोश को ठीक किया जा सकता है।
मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए कार्यक्रम अध्यक्ष सी.आर.सी. के निदेषक श्री रमेष कुमार पान्डेय जी ने कहा कि अपने उद्देष्य के मुताबिक सी.आर.सी. गोरखपुर नियमित रूप दिव्यांगता पुनर्वास मंे जागरूकता फैलाने का काम कर रही है जिसके लिए इस कोविड़ काल में भी कार्यक्रमों की पूरी एक श्रृंखला चल रही है जिसमें अलग-अलग दिव्यांगताओं को लेकर अलग-अलग विषेशज्ञ अपनी जानकारी दिव्यांगजनों उनके अभिभावकों तथा पुनर्वास व्यावसायिकों के बीच में साझा करते हैं।
कार्यक्रम समन्वयक भाशा और वाणी विभाग के सहायक प्राध्यपक श्री रवि कुमार ने कार्यक्रम का संचालन किया। सह-समन्वयक श्री राजेष कुमार यादव तथा रौविन कुमार ने कार्यक्रम में अपना सहयोग दिया। इस कार्यक्रम में आॅनलाइन माध्यम से 100 से ज्यादा लोगों ने प्रतिभाग किया। सभी प्रतिभागियों को ई-सर्टिफिकेट दिया गया।

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